Sunday, February 1, 2009

Ranbir Hooda का निधन

संविधान निर्मात्री सभा के अंतिम जीवित सदस्य एवं मुख्यमंत्री के स्वतंत्रता सेनानी पिता Ranbir Singh Hooda का रविवार को निधन हो गया। वे 95 वर्ष के थे और अपने पीछे पत्‍‌नी हरदेई देवी एवं पुत्र-पौत्रों का भरापूरा परिवार छोड़ गये है। उनका अंतिम संस्कार सोमवार दोपहर 3 बजे दिल्ली रोड स्थित आईएमटी के ग्रीन बेल्ट इलाके में किया जाएगा। उनके निधन से प्रदेश भर में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।
दोपहर बाद चार बजकर चालीस मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन के साथ ही हरियाणा की राजनीति का एक ऐसा अध्याय समाप्त हो गया, जिस पर आजीवन कोई उंगली नहीं उठा सका। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को दोपहर 3 बजे दिल्ली रोड स्थित आईएमटी परिसर में किया जाएगा। इससे पूर्व दोपहर 1 बजे मुख्यमंत्री आवास से उनकी अंतिम सांसारिक यात्रा शुरू होगी। सड़क के दोनों ओर खड़े होकर जनता अपने चहेते नेता के अंतिम दर्शन कर सकेगी। रणबीर सिंह हुड्डा करीब चार सप्ताह से बीमार चल रहे थे। पीजीआई एवं दिल्ली के डाक्टर उनका उपचार कर रहे थे। कुछ दिन पीजीआई में रखने के बाद उनको घर पर ही रहते हुए उपचार दिया जा रहा था। हाल में उनकी तबीयत अधिक खराब हो गई थी। इसी के चलते मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी चंडीगढ़ की बजाय अपने पिता के पास रहने को ही तवज्जो दी। वह करीब तीन सप्ताह से रोहतक में ही अपने पिता के पास थे। रणबीर हुड्डा के स्वास्थ्य में कई बार उतार-चढ़ाव आए। शनिवार को दोपहर अचानक उनकी तबीयत और भी नाजुक हो गई और मुख्यमंत्री एवं उनके सांसद पुत्र ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर घर पर ही रहना तय किया। इसी बीच अनेक समर्थकों ने हुड्डा के स्वास्थ्य लाभ की कामना की। रविवार की सुबह उनके स्वास्थ्य में कुछ सुधार हुआ और परिजनों एवं बाकी लोगों को भी कुछ राहत नसीब हुई लेकिन, यह राहत अधिक वक्त के लिए नहीं थी। थोड़े वक्त बाद ही रणबीर के स्वास्थ्य में फिर गिरावट हुई और दिल्ली एवं पीजीआई के डाक्टरों की टीम ने जीवन रक्षक उपकरण की भी मदद ली मगर, दुर्भाग्य कि उनके जीवन को बचाया नहीं जा सका। मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खुद बाहर आकर यह दु:खद समाचार लोगों को दिया तो वहां शोक की लहर दौड़ गई।

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