खेल की दुनिया में अपना नाम रोशन करने के बावजूद अखिल को अपना और अपने जैसे मुक्केबाजों का भविष्य सुरक्षित नज़र नहीं आ रहा। अखिल वर्ल्ड कप में भले ही चैंपियंस के छक्के छुडाकर आए हों लेकिन राजनीती के खिलाफ जंग में हताश प्रतीत हो रहे हैं। वर्ल्ड कप में जाने से पहले जिस तरह वह सरकार की वादाखिलाफी से दुखी दिख रहे थे, मैडल जीतने के बाद भी उनकी हताशा कम होती नहीं दिखाई दी। अखिल ने एक बार फ़िर सरकार को खिलाड़ियों और खेलों के भविष्य की दुहाई देते हुए कहा, "सरकार को खिलाड़ियों भविष्य को सुरक्षित बनने के लिए कुछ करना होगा, ताकि वह खेलों पर जी जान से जुट सके।"
यहाँ याद दिलाना होगा की अखिल के बीजिंग में शानदार खेल के बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें हरियाणा पुलिस में dsp बनाने की घोषणा की थी। उस पर आज तक कुछ भी नहीं हुआ है और वर्ल्ड कप में जाने से पहले अखिल ने इस पर निराशा भी जताई थी। सरकार की इस बेरुखी ने निश्चित ही इस महान मुक्केबाज को निराश किया होगा। बोक्सिंग एसोसिएशन की भी चुप्पी सवाल उठाती है।
mdu में अपने अभिनन्दन समारोह में अखिल युवाओं को प्रेरित तो करते रहे और आगे बढ़कर जिम्मेदारी लेने की बात भले ही करते रहे लेकिन कहीं न कहीं सरकार की बेरुखी शूल बनकर उनके दिल में चुभ रही है और जो शब्द बनकर यदा-कदा फूट पड़ती है।
3 comments:
अफसोसजनक है सरकार की खिलाड़ियों के भविष्य के प्रति निष्क्रियता.
सरकार के पास कूबत नही होती तो वो घोषणा क्यो करती है ?
ताकि सरकार का पेपर मे नाम छप जाये।
Akhil and Jeetinder are self- motivated individuals. They should get their due if there is an appreciation for talent, hardwork and dedication. Thankfully they have been spared by celebritydom-Bijender should learn from their exemplary conduct. He has been so deluded by everyone.These duo are down-to-earth and in near future the government will have to pay them their due: there is something called consistency. Bhiwani and Haryana will benefit from their presence- a new culture would emerge round these heroes.
Sanjay Singhmar
Nimliwali, Bhiwani
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