Tuesday, April 28, 2009

तीन भाइयों को फांसी, पत्नियों को उम्रकैद

हिसार : एक वर्ष पूर्व बीड़ बबरान गांव में हुए तिहरे हत्याकांड में अदालत ने 23 अप्रैल को तीन भाइयों को फांसी व उनकी पत्नियों और चाचा को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में अदालत ने महिला सहित चार आरोपियों को पहले ही बरी कर दिया था। पिछले वर्ष अप्रैल माह में बीड़ बबरान गांव में जमीनी विवाद में राजबीर, उसके भाई रमेश कुमार और भाभी शकुंतला की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बिमलेश तंवर की अदालत ने तीन भाइयों आजाद सिंह उर्फ यादवेंद्र, हरजिंद्र सिंह उर्फ राजेंद्र, भूपेंद्र सिंह उर्फ भुंडा को फांसी व चार-चार हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है जबकि राजेंद्र की पत्नी बलविंदर कौर, भूपेंद्र की पत्नी राजविंदर कौर, यादविंदर उर्फ आजाद की पत्नी सुखविंदर कौर व इनके चाचा जगपाल को आजीवन कारावास व पांच-पांच हजार रुपये की सजा सुनाई है। इस मामले में अदालत ने जागीर कौर, सुखदेव, रणजीत उर्फ जीता तथा अवतार उर्फ तारी को बरी कर दिया था। बीड़ बबरान निवासी कर्मबीर सिंह ने पुलिस को बताया था कि घटना की रात वह अपने भाई राजबीर, रमेश, पत्नी शकुंतला और राजबीर की पुत्री रेणु के साथ खेत में गेहूं काट रहा था। उनके खेत के दो तरफ आजाद सिंह की जमीन लगती है तथा आजाद सिंह, भूपेंद्र व राजेंद्र के साथ उनका पुराना जमीनी विवाद चल रहा है। घटना वाले दिन उक्त तीनों अपने परिजनों जगपाल, सुखविंदर कौर, भूपेंद्र, राजेंद्र तथा तीन अन्य के साथ खेतों में आए। राजेंद्र व भूपेंद्र ने पिस्तौल से जबकि जगपाल ने बंदूक से फायरिंग की। इस पर वह जान बचाकर फरार हो गया और उक्त लोगों ने राजबीर, रमेश और शकुंतला की हत्या कर दी जबकि रेणु गंभीर रूप से घायल हो गई थी। सदर थाना पुलिस ने इस संबंध में आजाद सिंह, भूपेंद्र व राजिंद्र सिंह, तीनों की पत्नियों, चाचा जगपाल सिंह और अन्य के खिलाफ हत्या, हत्या प्रयास, तोड़-फोड़ और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। क्या थी मामले की जड़ : मामले के अनुसार कर्मबीर के परिवार वालों ने भूपेंद्र सिंह के परिवार वालों से जमीन खरीद थी। इसके लिए भूपेंद्र सिंह परिवार को रुपये भी दे दिए लेकिन इन्होंने जमीन नाम नहीं करवाई। इस पर उन्होंने अदालत का सहारा लिया और अदालत ने भूपेंद्र सिंह के परिवार को आदेश दिया कि वह कर्मबीर के परिवार के नाम जमीन करवाए। इस आदेश के बाद इनका विवाद बढ़ गया और घटना को अंजाम दे दिया। हिसार जेल में दो भाई झूल चुके हैं फांसी : जिला अदालत के तीन दशक के फैसलों को देखा जाए तो दो भाई पहले भी केंद्रीय कारागार में फांसी पर झूल चुके हैं। वर्ष 1978 में जाखल के शक्करपुर गांव में हुई दो हत्याओं के मामले में जिला अदालत से वर्ष 1988 को दो भाइयों शक्करपुरा गांव निवासी अमरीक व जीत सिंह को फांसी की सजा हुई थी। यहां केंद्रीय कारागार में दोनों को फांसी पर लटकाया भी गया। दोनों ने जमीनी विवाद में अपने भाई व बहनोई का कत्ल कर दिया था जिसमें इनके माता-पिता सहित तीन घायल हो गए थे। इस मामले में मां-बाप ने चश्मदीद गवाह के रूप में अपने पुत्रों के खिलाफ गवाही दी और जब सुप्रीम कोर्ट से मामला निकल गया तो दोनों ने शपथ-पत्र देकर अपने बयानों को झूठा भी बताया लेकिन कोई रहम नहीं मिला।

चुनाव मैदान में बचे 210 सूरमा

नामांकन पत्र वापस लेने के अंतिम दिन 30 प्रत्याशियों ने अपना-अपना नामांकन वापस ले लिया। अब लोकसभा चुनाव के महासमर में कुल 210 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गए हैं। सोमवार को नामांकन पत्रों की जांच के उपरांत प्रदेश में 240 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गए थे। हिसार लोस क्षेत्र से अधिकतम 38 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। भिवानी-महेन्द्रगढ़ में 29, फरीदाबाद में 23, करनाल में 23, गुड़गांव में 24, सोनीपत में 21, कुरुक्षेत्र में 14, रोहतक में 16, सिरसा (आरक्षित) में 15 तथा अंबाला (आरक्षित) में सबसे कम सात प्रत्याशी मैदान में हैं। प्रत्याशियों में 196 पुरुष एवं 14 महिलाएं हैं। प्रदेश में आम चुनाव 1989 में सर्वाधिक 324, वर्ष 1996 में 294 एवं वर्ष 1984 में 200 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था। इसी प्रकार वर्ष 1991 में प्रत्याशियों की संख्या 198, वर्ष 2004 में 160, वर्ष 1998 में 140 एवं वर्ष 1980 में 137 थी। वर्ष 1999 में 114 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा तथा वर्ष 1967 में मात्र 67 एवं वर्ष 1971 में मात्र 63 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। हरियाणा में वर्ष 1967 में पहले लोकसभा चुनाव हुए। उस समय कुल नौ लोकसभा क्षेत्र थे और इनमें से दो आरक्षित थे। आम चुनाव 1971 के दौरान भी प्रदेश में कुल नौ क्षेत्र थे, लेकिन उस समय केवल एक आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र था। वर्ष 1977 के दौरान हरियाणा में दो आरक्षित क्षेत्रों सहित कुल 10 लोकसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव हुए और तब से इस संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 2004 के चुनाव में प्रदेश में कुल 1,23,20,557 मतदाता थे, जिनमें 56,59,926 महिलाएं थीं। इसकी तुलना में लोकसभा चुनाव 1967 के दौरान हरियाणा में 20,57,182 महिलाओं सहित केवल 43,86,711 मतदाता थे। इस वर्ष 285 प्रत्याशियों ने नामांकन भरे थे
कुरुक्षेत्र : परिसीमन के बाद कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र में शाहाबाद (आरक्षित), रादौर, लाडवा, थानेसर, पिहोवा तथा कैथल जिले के गुहला (आरक्षित), कलायत, कैथल तथा पूंडरी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं तथा इस क्षेत्र में कुल 11 लाख 68 हजार 405 मतदाता शामिल हैं जिनमें 6,39,403 पुरूष तथा 5,29,002 महिला मतदाता व 3916 सेवा मतदाता शामिल हैं।
चुनावी मैदान में प्रमुख उम्मीदवार-14 कांग्रेस-नवीन जिंदल, इनेलो-अशोक कुमार अरोड़ा, हजकां (बीएल)- जसवंत सिंह, बसपा-गुरदयाल सिंह, समाजवादी पार्टी-श्री प्रधान, निर्दलीय-9 -विष्णु भगवान, सुभाष महेंद्रा, आत्मप्रकाश, विरेंद्र सिंह, यशपाल, सुनीता धारीवाल, अश्विनी, रणसिंह तथा तरसेम लाल शामिल हैं।
अंबाला (आरक्षित) लोकसभा संसदीय क्षेत्र में अंबाला जिले के नारायणगढ़, अंबाला छावनी, अंबाला शहर, मुलाना (आरक्षित) तथा साढौरा आरक्षित, पंचकूला जिले के कालका व पंचकूला और यमुनानगर के जगाधरी तथा यमुनानगर विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस संसदीय क्षेत्र में कुल 12,59,674 मतदाता हैं, जिनमें 6,88,928 पुरुष, 5,70,746 महिला मतदाता व 7,968 सेवा मतदाता शामिल हैं।
अंबाला (आरक्षित) संसदीय क्षेत्र से अब जो सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गए उनमें कांग्रेस-कुमारी सैलजा, भारतीय जनता पार्टी-रतनलाल कटारिया, बसपा-चंद्रपाल, हजकां (बी एल)-दलबीर सिंह, लाजपा- हेमराज तथा निर्दलीय -2 - अमर सिंह व नरेंद्र कुमार शामिल हैं।
सिरसा : इस क्षेत्र में सिरसा जिले की कालांवाली (आरक्षित),डबवाली, रानियां, सिरसा व ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र, फतेहाबाद जिले के टोहाना, फतेहाबाद व रतिया (आरक्षित) व जींद जिले के नरवाना (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 13,08,567 है, जो राज्य में सर्वाधिक है तथा इस संसदीय क्षेत्र में 7,05,542 पुरूष मतदाता व 6,03,025 महिला मतदाता व 1931 सेवा मतदाता हैं।
अब यहां जो 15 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें कांग्रेस-अशोक तंवर, इनेलो-सीता राम, बसपा -राजेश कुमार, हजकां (बी एल)- राजेंद्र प्रसाद, राष्ट्रीय जनहित पार्टी -स्वर्ण सिंह, सीपीआई (मा‌र्क्सवादी)-राम कुमार, आरपीआई -हंसराज, जम्मु व कश्मीर नैशलन पैन्थर्स पार्टी - राजकुमार, निर्दलीय-7- जयबीर सिंह, शंकर लाल, वजीर सिंह, पुष्पा रानी, नरेन्द्रपाल, देसराज तथा पवन कुमार शामिल हैं।
गुड़गांव : इस क्षेत्र में गुड़गांव जिले के गुड़गांव, बादशाहपुर, पटौदी (आरक्षित), सोहना, मेवात जिले के नूंह, फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना तथा रिवाड़ी जिले के बावल (आरक्षित) व रिवाड़ी विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 12,30,949 है, जिसमें 6,57,161 पुरुष तथा 5,73,788 महिला मतदाता व 12,194 सेवा मतदाता शामिल हैं।
इस सीट पर 24 प्रत्याशी मैदान में हैं। उनमें कांग्रेस-इंद्रजीत सिंह, भाजपा-श्रीमती सुधा यादव, हजकां (बी एल)- नरवीर सिंह, बसपा-जाकिर हुसैन, समाजवादी पार्टी-सुनील यादव, राकांपा - दिनेश चंद्र यादव, लोजपा-यशपाल, राष्ट्रीय देहात मोर्चा पार्टी-ईशपाल सिंह तोमर तथा निर्दलीय-9 कुशेश्वर भगत, सुश्री बिमला देवी, बुद्घराम, सतीश कुमार सिंह, बलवंत सिंह अग्रवाल, प्रभुलाल बत्तरा, सतेद्र सिंह ठाकरान, मनबीर सिंह, अमर मोहम्मद शामिल हैं।
भिवानी-महेन्द्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र में भिवानी जिले के लोहारू, बाढड़ा, दादरी, भिवानी, तोशाम तथा महेंद्रगढ़ जिले के अटेली, महेंद्रगढ़, नारनौल व नांगलचौधरी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इस संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 12,15,630 हैं, जिसमें 6,48,461 पुरुष मतदाता, 5,67,169 महिला मतदाता तथा 22,258 सेवा मतदाता शामिल हैं। इस क्षेत्र में सेवा मतदाताओं की संख्या प्रदेश में सर्वाधिक है तथा इस क्षेत्र में कोई भी आरक्षित विधानसभा क्षेत्र शामिल नहीं है।
अब यहां 29 उम्मीदवार मैदान में डटे हुए हुए हैं, जिनमें कांग्रेस -श्रुति चौधरी, इनेला-अजय सिंह चौटाला, बसपा -विक्रम सिंह, (बीएल)- नरेंद्र सिंह, समाजवादी पार्टी-सुश्री सरोज यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-अनिल कौशिक, इण्डियन जस्टिस पार्टी-जय सिंह, भारतीय बहुजन समाज पार्टी-महेंद्र सिंह, समस्त भारतीय पार्टी -सुश्री नील कंवल उर्फ नीलम, निस्वार्थ सेवा पार्टी-वेद प्रकाश तथा निर्दलीय-18 सुरेंद्र, डा. पूर्णमल शर्मा, श्री लक्ष्मी नारायण, इंजीनियर महावीर सिंह यादव, राजकुमार, सुरेश कुमार, बीरेंद्र सिंह, जयमल सिंह, श्री चंद, हरीश कुमार, प्यारेलाल, धर्मेंद्र सिंह, अभय सिंह, विनोद कुमार, राजेश कुमार, मनमोहन ¨संह तथा राजेश कुमार शामिल हैं।
हिसार संसदीय क्षेत्र में हिसार जिले के आदमपुर, उकलाना (आरक्षित), नारनौंद, हांसी, बरवाला, हिसार तथा नलवा, भिवानी जिले के बवानी खेड़ा आरक्षित तथा जींद जिले के उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र को शामिल किया गया है। इस क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 11,92,630 है, जिसमें 6,52,276 पुरुष तथा 5,40,354 महिला व 6,509 सेवा मतदाता शामिल हैं।
चुनावी मैदान में कुल 38 उम्मीदवार हैं, जिनमें कांग्रेस-जय प्रकाश, इनेलो-संपत सिंह, हजकां (बीएल)-भजनलाल, बसपा-राम दयाल, भारतीय रिपब्लिकन पक्ष-करण सिंह, समस्त भारतीय पार्टी -सतपाल, नेलोपा (यूनाईटेड)-गुलाब सिंह, लोजपा-सतपाल सिंह, भारतीय जस्टिस पार्टी-रोशन लाल, भारतीय बहुजन पार्टी-जंग बहादुर, राष्ट्रीय जनहित पार्टी-कृष्ण कुमार-। तथा निर्दलीय-27- उम्मीदवारों ने मनु दिग्विजय सिंह, महता अनुप कुमार, छोटू राम, कृष्ण कुमार, सुनील कुमार, राजेश, प्रवेश, आजाद सिंह, उमराव सिंह, नंदकिशोर, देवीलाल, राजेन्द्र, कृष्ण कुमार, संजय कुमार, छोटू राम-। , सुश्री भतेरी, भजनलाल-।, कुलवंत सिंह, अनूप, देवेंद्र, रोहताश, राज कुमार, जगदीश चन्द्र, श्रवण कुमार, जोगिन्द्र कु मार, शमशेर , संदीप, जगराम तथा कुलदीप सिंह शामिल हैं।
करनाल लोकसभा क्षेत्र में करनाल जिले के नीलोखेड़ी (आरक्षित), इंद्री, करनाल, घरौण्डा, असंध तथा पानीपत जिले के पानीपत ग्रामीण , पानीपत शहर, इसराना (आरक्षित) तथा समालखा विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इस क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 12,14, 475 है, जिनमें 6,69,050 पुरुष, 5,45,425 महिला व 4,137 सेवा मतदाता शामिल हैं।
यहाँ से 23 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं, जिनमें कांग्रेस-अरविंद कुमार शर्मा, भाजपा -आईडी स्वामी, बसपा-वीरेंद्र कुमार, हजकां (बीएल)-रमेश छाबड़ा, सीपीआई-मामचंद, समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय)-राजीव, राष्ट्रीय जनहित पार्टी-हवा सिंह, राष्ट्रीय सहारा पार्टी - रामपाल, भारतीय रिपब्लिकन पार्टी (शिवराज)-कल्पना सिंह, शिव सेना -प्रेम कुमार, वंचित जमात पार्टी के मनोज कुमार कश्यप, राष्ट्रीय आर्य राजसभा के सुशील कुमार आर्य के अलावा निर्दलीय-12 उम्मीदवारों में रमेश सिंगला, शिव प्रसाद, अशोक कुमार, लाल सिंह, बलवान सिंह रुहल, अनुप ¨संह, नरेंद्र सरोहा, संजीव, सुशील कुमार, सुश्री मुकेश कुमारी तथा दुष्यंत कुमार चुनावी मैदान में रह गए हैं।
रोहतक : इस संसदीय क्षेत्र में रोहतक जिले के महम, गढ़ी सांपला-किलोई, रोहतक कलानौर (आरक्षित) तथा झज्जर जिले के बहादुरगढ़ बादली, झज्जर (आरक्षित), बेरी तथा कोसली विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है तथा इस क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 12,73,118 है, जिनमें 6,94,323 पुरूष, 5,78,795 महिला व 20,291 सेवा मतदाता शामिल हैं।
यहां से 16 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें कांग्रेस-दीपेंद्र, इनेलो-नफे सिंह, बसपा-राजकुमार, हजकां (बी एल) -कृष्णमूर्ति, समस्त भारतीय पार्टी-सुदेश कुमार अग्रवाल, आरपीआई-सुदेश, निर्दलीय-10 अनुप सिंह, सत्यवान, कर्ण सिंह, रिसाल सिंह, आशानंद, राजबीर, जसवीर, कर्ण, अशोक तथा जसमेर शामिल हैं। फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में पलवल जिले के हथीन होडल (आरक्षित), पलवल, पृथला तथा फरीदाबाद जिले के फरीदाबाद एन आई टी, बड़खल, बल्लबगढ़, फरीदाबाद तथा तिगांव विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस संसदीय क्षेत्र में कुल 11,01,489 मतदाता हैं, जिनमें 6,15,838 पुरुष तथा 4, 85,651 महिला मतदाता हैं। इसके अलावा, 3,023 सेवा मतदाता हैं।
यहां 23 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें कांग्रेस-अवतार सिंह भड़ाना, भाजपा (राजग)- रामचंद्र बैंदा, बसपा-चेतन शर्मा, हजकां (बीएल)-चंद्र भाटिया, जनता उदय पार्टी-बाबू लाल, समस्त भारतीय पार्टी-सुश्री रेखा सिंह, हरियाणा रक्षा पार्टी के मुकेश कुमार, समाजवादी पार्टी-लता रानी, आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक (सुभाषिष्ट) के गजेंद्र ¨सह, जय जवान जय किसान मजदूर कांग्रेस के देवेंद्र, राष्ट्रीय नौजवान दल के निस्सार अहमद, राष्ट्रीय जनाधिकार पार्टी, सूरजभान, राष्ट्रवादी सेना के सुभाष के अलावा निर्दलीय-10 उम्मीदवार डा. केपी सिंह, सही राम, सुखबीर सिंह, यशपाल नागर, टीकाराम, ब्रिजभूषण, अवतार सिंह, सुन्दर सिंह, हर्ष भाटिया तथा शम्शुद्दीन शामिल हैं।
सोनीपत : इस संसदीय क्षेत्र में सोनीपत जिले के गन्नौर, राई, खरखौदा (आरक्षित), सोनीपत, गोहाना तथा बरौदा और जींद जिले के जुलाना, सफीदों तथा जींद विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। यहां कुल 10,98,320 मतदाता हैं, जिनमें 6,07,290 पुरुष मतदाता तथा 4,91,030 महिला मतदाता हैं। इसके अलावा, 7,005 सेवा मतदाता हैं।
यहां से 21 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है, जिनमें कांग्रेस-जितेंद्र सिंह, भाजपा - किशन सिंह सांगवान, बसपा-देवराज दीवान, हरियाणा जनहित कांग्रेस (बी एल)-उमेश शर्मा, जन चेतना पार्टी की सुश्री सुशीला, भारतीय कांग्रेस पार्टी - ओमप्रकाश, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - सुखबीर सिंह, क्रांतिकारी जय हिंद सेना के गजेंद्र, सीपीआई (मा‌र्क्सवादी, एमएल)-राजपाल, यूनाईटिड वूमेन फ्रंट के राजेंद्र सिंह, सपा-ज्योतिप्रकाश, लोक जन शक्ति पार्टी के कृष्ण कुमार, समस्त भारतीय पार्टी -रोहताश, राष्ट्रीय देहात मोर्चा पार्टी के मदन गोपाल, निर्दलीय-7 शिव नारायण, बिजेंद्र कुमार, बीरेंद्र, धर्मवीर, बलवान सिंह, राजेश और दलवीर शामिल हैं।
2004 में थे 160 उम्मीदवार
वर्ष 2004 के लोकसभा चुनावों में हरियाणा की सभी 10 सीटों पर 231 उम्मीदवारों ने विभिन्न पार्टियों से अपने-अपने नामांकन पत्र दायर किए थे, जिनमें 211 पुरुष व 20 महिला उम्मीदवार शामिल थीं तथा जांच के दौरान 35 उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को रद्द किया गया था और 36 उम्मीदवारों ने नामांकन वापिस ले लिए थे तथा चुनावी मैदान में आठ महिलाओं सहित कुल 160 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

Sonia की रैली के लिए एसपीजी का ट्रायल शुरू

कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आतंकी हमले की धमकी के मद्देनजर अब विशेष सुरक्षा दस्ता यानी एसपीजी के अधिकारी उनकी रैलियों में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था बनाने में जुट गए है। इसी क्रम में आगामी 30 अप्रैल को Ambala और Hansi में सोनिया गांधी की प्रस्तावित रैली को लेकर विशेष सुरक्षा चक्र तैयार किया जा रहा है।
इसी रणनीति पर काम करने के लिए सोमवार को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के अधिकारियों की पुलिस अधीक्षक वाई पूर्ण कुमार के साथ यहां मीटिंग हुई, जिसमें रैली में सुरक्षा के विषय पर गहन विचार-विमर्श किया गया। अब रैली स्थल पूरी तरह से एसपीजी के अधीन हो गया है।
बृहस्पतिवार को छावनी के गांधी ग्राउंड में होने वाली सोनिया की रैली में सुरक्षा के लिहाज से वीआईपी नेताओं के अलावा पहली पंक्ति में बैठने वाले तकरीबन पांच हजार लोगों को पास मुहैया कराए जाएंगे, जिसमें उनका पूरा पता व नाम शामिल होगा। सूत्रों की माने तो एसपीजी अधिकारियों की यह कवायद आतंकी धमकी के मद्देनजर की जा रही है। उनका मानना है कि पास मुहैया होने से एक तो संबंधित व्यक्ति के बारे में पुलिस के पास जानकारी होगी, दूसरा ऐसा पास सिर्फ पार्टी के खास कार्यकर्ता को ही दिए जाएंगे। वहीं सोनिया गांधी के स्टेज से लेकर पहली पंक्ति के बीच खासी दूरी भी होगी और उस बीच की गैलरी में सिविल ड्रेस में सैकड़ों पुलिसकर्मियों की निगाहे सामने बैठे लोगों पर ही रहेंगी। वहीं एसपीजी अधिकारियों की ओर से सोनिया गांधी के साथ स्टेज पर बैठने वाले नेताओं की सूची भी पार्टी की ओर से मुहैया करवाई जा रही है। साथ ही सोनिया गांधी पहली पंक्ति में बैठे लोगों से हाथ मिलाकर उनका हाल-चाल पूछेगी, जिसके लिए तकरीबन सौ लोगों की अलग से सूची तैयार की जाएगी।

Haryana के हिस्से का पानी पी रही है Delhi

हर बार चुनाव में राजनीतिक पार्टियां एसवाईएल नहर का मुद्दा जोर शोर से उठाती हैं। पार्टियां इस मुद्दे को लेकर एक दूसरे को कटघरे में खड़ी करती हैं। लेकिन आसन्न लोकसभा चुनाव में प्रदेश के किसी भी बड़े नेता ने यह मुद्दा नहीं उठाया कि हरियाणा के हिस्से का पानी दिल्ली क्यों जा रहा है? प्रदेश के सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव भी मानते हैं कि दिल्ली को अधिक पानी दिया जा रहा है।
नरवाना ब्रांच से जो पानी पश्चिमी यमुना नहर में लाया जा रहा है, उसमें चार लाख एकड़ फुट पानी दिल्ली को दिया जा रहा है। जबकि दिल्ली का हिस्सा रावी व्यास के पानी में सिर्फ दो लाख हेक्टेयर फुट है।
इस मामले में पूर्व विधायक ओम प्रकाश बेरी ने वर्ष 1994 में एक रिपोर्ट तैयारी की थी। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि नरवाना ब्रांच से जो पानी पश्चिमी यमुना नहर में लाया जाता है, उसमें से साढ़े चार लाख एकड़ फुट पानी दिल्ली को दिया जा रहा है, जबकि दिल्ली का हिस्सा रावी-ब्यास के पानी में केवल दो लाख एकड़ फुट है। भाखड़ा और पश्चिमी यमुना नहर के पानी में दिल्ली का कोई हिस्सा नहीं है, जबकि हरियाणा के सूखाग्रस्त क्षेत्रों को रावी ब्यास का पानी यह कह कर नहीं दिया जा रहा है कि एसवाईएल नहर पंजाब में नहीं बनी है। अगर यही आधार है तो दिल्ली को उसके हक में दो गुना पानी क्यों दिया जा रहा है?
बेरी ने अपनी रिपोर्ट में सुझाया था कि भाखड़ा सिस्टम से पश्चिमी यमुना नहर के कमांड एरिया में पानी लेने का दूसरा रास्ता भाखड़ा मेन लाइन से बरवाला लिंक नहर के द्वारा पेटवाड़ डिस्ट्रीब्यूट्री को मिलाया जा सकता है जिसके लिए केवल 30 किमी की नहर बनानी पड़ेगी। इससे हांसी उपमंडल तथा सिवानी नहर कमांड एरिया को भाखड़ा का पानी मिल सकता है और इस तरह पश्चिमी यमुना नहर का जो पानी पेटवाड़ डिस्ट्रीब्यूट्री और सिवानी नहर में जाता है वह जूई और लुहारू नहर में काम आ सकता है।
दरअसल भाखड़ा प्रोजेक्ट के अंतिम ड्राफ्ट पर दीनबंधु चौ. छोटू राम के 6 जनवरी 1945 को हस्ताक्षर हुए और आठ जनवरी 1945 को उनका स्वर्गवास हो गया। भाखड़ा प्रोजेक्ट को चौ. छोटू राम ने तत्कालीन रोहतक, गुड़गांव, महेंद्र गढ़, हिसार, संगरूर व बाठिंडा जिलों के बारानी व रेतीले इलाकों की सिंचाई के लिए मंजूर किया था। लेकिन बाद में राजनैतिक हालात बदल गए और भाखड़ा नहर का रुख बदल कर आज के पंजाब और उसके साथ लगते हिसार और सिरसा के इलाकों की तरफ कर दिया गया। हरियाणा बनने के बाद राजनीति पर कब्जा हिसार तथा सिरसा जिलों का ज्यादा रहा है। अब रोहतक जिले का है। इस मुद्दे पर सिंचाई विभाग का कोई भी अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
सत्ता में बैठे लोगों ने जनता को गुमराह किया : बेरी
पूर्व विधायक ओम प्रकाश बेरी ने कहा कि प्रदेश के सत्ताधारियों ने पानी के मुद्दे लोगों को सिर्फ गुमराह किया है। आज भी हरियाणा का पानी दिल्ली जा रहा है। लेकिन सत्ता में बैठे लोगों की हिम्मत नहीं है कि इस बात को जनता के सामने ला सकें। जनता को ही अपने हक के लिए जागना होगा।
सिर्फ 100 क्यूसिक अधिक पानी दिल्ली को जा रहा है : कैप्टन यादव
प्रदेश के सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने भी माना की दिल्ली को अधिक पानी जा रहा है लेकिन वह इसे मजबूरी बताते हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सिर्फ सौ क्यूसिक अतिरिक्त पानी दिल्ली को दिया जा रहा है।