Saturday, March 14, 2009

NSS : काम के साथ मस्ती

हरियाणा कृषि विश्वविधालय (HAU) में आयोजित एनएनएस शिविर में छात्राएं सेवा के साथ मस्ती के मूड में भी दिखाई दी।




Monday, March 9, 2009

फब्तियां कसने वालों को छात्रा ने सिखाया सबक


ईट से तोड़ा कार का शीशा
रेलवे स्टेशन से बस स्टैंड तक पीछा करने तथा फिर फब्तियां कसने से परेशान छात्रा ने शनिवार शाम को बस स्टैंड पर एक मारुति वेगनआर कार का शीशा तोड़ दिया। मामला पुलिस तक भी गया लेकिन फब्तियां कसने वाले लोग कार को छोड़कर फरार हो गए। लड़की को उसके परिजन हिसार आकर अपने घर ले गए लेकिन पुलिस में कोई मामला दर्ज नहीं करवाया। पुलिस ने बताया कि नगर के एक कालेज में पढ़ने वाली छात्रा शनिवार सायं अपने गांव जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर गई। वहां पर दो युवकों ने उसका पीछा किया। जब उसे इसकी भनक लगी तो वह उनसे बचते हुए आटो में बैठकर बस स्टैंड चली आई लेकिन वे फिर भी पीछे आ गए। यहां पर उन्होंने छात्रा पर फब्तियां कसी तो उसने परेशान होकर ईट से उनकी वेगनआर कार का शीशा तोड़ दिया। इस पर वहां पर काफी लोग एकत्रित हो गए, जिन्हें देखकर दोनों युवक कार छोड़कर फरार हो गए। बाद में पुलिस ने कार को अपने कब्जे में ले लिया और लड़की के परिजनों को फोन करके बुलाया। बाद में लड़की के परिजन बिना कोई शिकायत किए लड़की को अपने साथ ले गए। पुलिस ने बताया कि कार को कब्जे में ले लिया गया है तथा फब्तियां कसने वाले युवकों को पूछताछ के बाद ही उन्हें कार दी जाएगी।

दामाद को दिया जहर

पत्‍‌नी को लेने गए युवक को सुसराल वालों ने जहर दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने पत्‍‌नी, सास, ससुर और सालों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
थानाभवन, मुजफ्फरनगर निवासी राधेश्याम शर्मा ने बताया कि उसके पुत्र संदीप की शादी 11 दिसंबर 2005 को पानीपत की सुदेश के साथ हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद उसको सुदेश और उसके परिवार वाले छोटी-छोटी बातों के लिए तंग करने लगे। इसी वजह से संदीप दिल्ली में रहने लगा। रविवार को सुदेश का फोन आया कि संदीप बीमार हो गया है और तुरंत सिविल अस्पताल चले आओ। वह और उसका दामाद राजकिशोर कौशिक सिविल अस्पताल पहुंचे और संदीप से मिले। उसने बताया कि पत्‍‌नी सुदेश, सास, ससुर और सालों ने सलाह मशिवरा करके कुछ खिला दिया है। कुछ देर बाद संदीप ने उपचार के दौरान ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने बताया कि सुदेश, सास, ससुर सुरेद्र कुमार, साला संदीप, बाबी पुत्र सुरेद्र के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

छाये होली के रंग

जहाँ देखो होली की खुमारी छाई है। हर कोई होली के रंग में रंग जाना चाहता है बच्चे, बूढेऔर जवान कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता।
1 और 2---हिसार में होली के रंग में डूबी यह युवतियां मानो सब बंधन तोड़ देना चाहती हैं


3 और 4----रोहतक की यह बालाएं मस्ती में डूबी हैं और होली की खुशियों को आज ली भर कर जी लेना चाहती हैं


5 और 6---होली की मस्ती में बच्चे भी खोये हैं रोहतक में इन बच्चों ने स्कूल में ही कोली की खूब मस्ती की.


रंगों के त्योहार होली की बात ही निराली है। अगर आप रंगों से होने वाले नुकसान के चलते इस बार होली नहीं खेलने का मन बना चुके हैं, तो जरा ठहरिए। हम आपको सुरक्षित होली खेलने का तरीका बताते हैं। थोड़ी तैयारी और सावधानी से आप भी पूरी मस्ती और धमाल के साथ रंगों के त्योहार का मजा ले सकते हैं।
ऐसे तैयार करें घर पर रंग
लाल रंग के लिए-सूखे लाल रंग के लिए आप इस बार लाल चंदन पाउडर या गुड़हल के फूल का पाउडर इस्तेमाल कीजिए। गीला रंग बनाने के लिए दो चम्मच चंदन पाउडर को पांच लीटर पानी में उबाले। रंग तैयार है। इसके अलावा अनार के छिलकों को पानी में उबालकर भी लाल रंग बनाया जा सकता। टमाटर, गाजर या चुकंदर के जूस को भी रंग के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इनकी चिपचिपाहट हटाने के लिए ज्यादा पानी का इस्तेमाल करें।
हरा रंग बनाने के लिए -
मेंहदी पाउडर, गुलमोहर की पत्तियों का चूरा या पालक, हरी धनिया, पुदीने की पत्तियों को बारीक पीस लें। सूखा हरा रंग तैयार है। पानी के साथ इन्हें गीले रंग की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। याद रहे इसे बनाने में बाल या हाथ में लगाई जाने वाली हिना का इस्तेमाल नहीं करना है।
पीले रंग के लिए -
दो चम्मच हल्दी लें। इसमें चार चम्मच बेसन मिलाकर सूखा पीला रंग बनाया जा सकता है। बेसन की जगह आटा, मैदा या टेलकम पाउडर भी उपयोग में लाया जा सकता है। गुलदाउदी, गेंदा की सूखी पत्तिायों को पीसकर भी पीला रंग बनाया जा सकता है। गीला रंग बनाने के लिए दो चम्मच हल्दी, दो लीटर पानी में उबाले। या फिर 50 गेदें के फूल को दो लीटर पानी में पूरी रात भिगोए रखे। इसे सुबह उबा लें।
नारंगी, काला, भूरा रंग
टेसू [पलाश] के फूलों को रात भर पानी में भिगोए। सुबह इसे उबा लें। नारंगी रंग तैयार है। थोड़ा केसर दो चम्मच पानी में मिलाकर कुछ देर छोड़ दें। इसके पेस्ट को चाहे तो सूखा लगाएं या पानी में मिलाकर इस्तेमाल करें।
कत्था को काफी या चाय के पानी के साथ उबालें। भूरा रंग तैयार है। काला रंग बनाने के लिए आप सूखा आंवला लोहे के बर्तन में भिगो दें। सुबह पानी के साथ इस्तेमाल करें। काले अंगूर के रस को पानी में मिलाकर काला रंग की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। हर्बल कलर से केवल आप सुरक्षित रहेंगे बल्कि आपका रूप और भी निखर उठेगा।
कुछ जरूरी सावधानियां
1.रंग खेलने से पहले बालों में जैतून या अरंडी का तेल बालों में लगाए। इससे रंग नहीं चढ़ेगा।
2.रंग खेलते समय पूरे बांह की शर्ट पहनें। पूरे शरीर पर अच्छी तरह तेल या कोल्ड क्रीम लगा लें। फिर वाटरप्रूफ सनस्क्रीन से मसाज करें। पैर के तलवे, नाखूनों के पास की त्वचा और कुहनी पर वेसलीन लगाएं। इसके रंग चिपकते नहीं।
होली खेलने के बाद
1. ठंडे पानी से रंग छुड़ाए। गर्म पानी के इस्तेमाल से रंग और पक्का हो जाता है।
2.खूब साबुन घिसने की बजाए रंग नारियल तेल में भिगोकर रुई से छुड़ाएं। इससे त्वचा रूखी नहीं होगी। भिगोकर रखे अमचुर पाउडर से भी रंग जल्दी छूटता है।
3.बार-बार चेहरा मत धोएं। क्रीम लगाएं और हफ्ते भर फेशियल, ब्लीच कराएं।
4.एलर्जी होने पर सिटरिजन की गोली खा सकते हैं। यदि धुंधला दिख रहा हो तो फौैरन ठंडे पानी से आंखों को धोए। ऐसा तब तक करें जब तक आंखों की जलन बंद नहीं हो जाती। आंखों के डाक्टर से जरूर मिलें।
5.नहाते समय बेसन का उबटन इस्तेमाल करना लाभदायक होगा।
घातक हैं केमिकलयुक्त रंग
रंग प्रमुख अवयव नुकसान
-काला लेड आक्साइड आंखें खराब
-हरा कापर सल्फेट आंखों में एलर्जी
-बैंगनी क्रोमियम आयोडाइड अस्थमा, एलर्जी,
-सिल्वर एल्युमिनियम ब्रोमाइड त्वचा रोग
-लाल मरकरी सलफाइट त्वचा कैंसर, मानसिक असंतुलन

Sunday, March 8, 2009

Haryana achieves 100% photo electoral rolls

Haryana has bagged the distinction of becoming the first state in the country to publish the entire voters' lists with photographs
Over 11.9 million voters of Haryana will now have their photographs printed on the electoral rolls of the state, giving it the distinction of becoming the first state in the country to publish the entire voters' lists with photographs."A 100 per cent in photo electoral rolls in Haryana has been achieved with the constant and sincere efforts by Chief Electoral Officer (CEO) and Haryana Electronics Development Corporation (Hartron) during the last one year. Normally it is very difficult to achieve photo electoral coverage beyond 96 to 97 percent," said a spokesperson of Hartron here Thursday evening. Hartron is a state level agency that looks after the preparation of computerised voters' lists and Electoral Photo Identity Cards (EPICs) in the state.
"Hartron first undertook the task of preparation of EPICs during 1993-94. Its
work has been appreciated by the Election Commission of India and we have also
lent our expertise to various other states,"
said the spokesperson. He added that publication of voters' lists with photographs would ensure that there will be no bogus voting in the state.

India to lift ban on wheat exports

Notification to lift the two-year-old ban would be issued only after the end of the 15th Lok Sabha elections
New Delhi: In a move that is expected to improve the country's agriculture sector, the Government of India has taken an in principle decision to lift the two-year-old ban on export of wheat.The empowered group of ministers (eGoM), led by External Affairs Minister Pranab Mukherjee that met on Thursday, however, decided that the notification to this would be issued only after the end of the elections, reports IANS. A formal clearance to this would also be taken from the Election Commission (EC), said a member of the eGoM. The model code of conduct, which came into affect after the EC announced the Lok Sabha elections Monday last, restrains the government from taking any major decisions that could lure voters. According to the official, about two million tonnes of wheat would be allowed for exports. The government banned export of wheat in February 2007 while export of non-basmati rice was banned in April last year to boost domestic supply and contain price rise. A committee of secretaries, to be headed by Cabinet Secretary K M Chandrasekhar, would work out the modalities of the exports. According to the eGoM member, curbs on the export of non-basmati rice would continue and the minimum export price on basmati would stay at the present level.