Monday, December 7, 2009

सरकार की जेब खाली?

अफसर बिजनेस क्लास में नहीं कर सकेंगे हवाई सफर
नए फर्नीचर की खरीद पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई
प्रदेश सरकार की लोक लुभावनी घोषणाओं का असर अब सरकार की जेब पर भारी पडऩे लगा है और इसका ही नतीजा है कि सरकार तंगहाली में दिखाई दे रही है। इसी तंगहाली के चलते सरकार को अब खर्चों में कटौती की याद आ रही है।अभी तक मजबूत आर्थिक स्थिति का दावा करने वाली सरकार ने सभी विभागों को खर्चों में कटौती के निर्देश दिए हैं।
हरियाणा में सरकारी अफसर अब बिजनेस क्लास में हवाई सफर नहीं कर पाएंगे। उन्हें साधारण श्रेणी में ही सफर करना होगा। तंगहाल सरकार की ओर से सरकारी खर्चों मे कटौती का फरमान जारी हो गया है। सोमवार को प्रदेश के वित्त विभाग के वित्तायुक्त व प्रधान सचिव ने सरकारी खर्चों में कटौती का परिपत्र (सरकूलर) जारी किया है।
सभी विभागाध्यक्षों, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, सभी मंडल आयुक्तों व आयुक्तों, निगमों व बोर्डों और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों को यह परिपत्र भेजा गया है। परिपत्र के निर्देश के मुताबिक वर्ष 2009 व 10 में हर विभाग को घरेलू व अंतरराष्ट्रीय सफर के खर्च में, प्रकाशन में, पेशेवर सेवाओं में, विज्ञापन व प्रचार में, दफ्तर के खर्च में और अन्य प्रशासनिक खर्चों में पांच फीसदी की कटौती करने को कहा गया है, लेकिन यह शर्तें सुरक्षा मामलों में लागू नहीं होगी। इसी प्रकार वर्ष 2010-11 में इन्हीं मदों में पांच प्रतिशत की और कटौती करनी होगी। यानी यह कटौती बढ़कर 10 फीसदी हो जाएगी।
परिपत्र के निर्देश के मुताबिक दफ्तर के नए फर्नीचर की खरीद पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। पुरानी कंडम कार को बदले जाने की स्थिति के अलावा नई कार नहीं खरीदे जाने के निर्देश दिए गए हैं। नए पदों के अपग्रेडेशन पर पूरी तरह से पाबंदी होगी। नए पद केवल वित विभाग की मंजूरी से अपवाद के रूप में ही सृजित किए जाएंगे। कोई भी सरकारी अफसर बिजनेस क्लास में हवाई सफर नहीं कर पाएगा। परिपत्र के अनुसार दो साल से रिक्त पद केवल वित्त विभाग की मंजूरी से ही भरे जाएंगे।

राजस्व में कमी के संकेत
हरियाणा सरकार को तीन प्रमुख विभागों से राजस्व प्राप्त होता है। पहला टाउन एवं कंट्री प्लानिंग से भूमि उपयोग परिवर्तन का शुल्क, दूसरा राजस्व विभाग से स्टांप ड्यूटी और तीसरा आबकारी व कराधान विभाग से वैट, सीएसटी और शराब की बिक्री से प्राप्त राजस्व होता है।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को अक्टूबर 2008 में 943 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि उसका लक्ष्य 2900 करोड़ रुपये का था। इसके इलावा इस विभाग को 350 करोड़ रुपये का रिफंड भी देना पड़ा था।
राजस्व विभाग को 2100 रुपये करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले में 1040 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए।
आबकारी व कराधान विभाग को वैट व सीएसटी को लक्ष्य के 400 करोड़ रुपये कम प्राप्त हुए।
दूसरी तरफ, साल 2009-10 के हरियाणा सरकार के बजट में 3484 करोड़ का घाटा था, जबकि साल 2008-09 में 1414 करोड़ सरपल्स का बजट था।

Wednesday, December 2, 2009

Supreme Court ने आरक्षण पर शुरू की नई बहस

आरक्षण राज्यों का विवेकाधिकार : सुप्रीम कोर्ट
एमडी-एमएस प्रवेश में आरक्षण मामले में हरियाणा सरकार को राहत
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने एक अहम फैसले में कहा है कि शैक्षणिक संस्थाओं में मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) या पिछड़े वर्ग को आरक्षण देना राज्य सरकारों का विवेकाधिकार है। कोर्ट आरक्षण देने के लिए कोई रिट आदेश जारी नहीं कर सकता। इसके साथ ही आरक्षण के मसले पर नई बहस शुरू हो गई है।मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन, न्यायमूर्ति पी. सत्शिवम व न्यायमूर्ति जे.एम. पांचाल की पीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला हरियाणा के सरकारी मेडिकल कालेजों में पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश में एससी-एसटी छात्रों को आरक्षण दिए जाने की मांग खारिज करते हुए सुनाया है। पीठ ने राज्य सरकार को आरक्षण देने के आदेश जारी करने की मांग ठुकराते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 15 (4) में राज्य सरकारों को मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में आरक्षण लागू करने का अधिकार दिया गया है। पर यह राज्यों पर निर्भर करेगा कि वे इस संबंध में कोई कानून बनाते हैं या कोई कार्यकारी आदेश पारित करते हैं अथवा नहीं।कोर्ट ने कहा है कि पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश में एसएसी, एसटी या पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिए जाने के बारे मे राज्य सरकारें ही सबसे अच्छी निर्णायक (बेस्ट जज) हो सकती हैं। कोर्ट ने कहा कि पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रम प्रवेश में आरक्षण न देने के हरियाणा सरकार के फैसले में कोई खामी नहीं है। प्रत्येक राज्य अपने यहां की स्थिति के मद्देनजर आरक्षण देने या नहीं देने का फैसला खुद ले सकता है। कोर्ट ने कहा है कि अगर हरियाणा सरकार ने स्नातक स्तर के मेडिकल पाठ्यक्रम एमबीबीएस व अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम प्रवेश में एससी, एसटी व पिछड़े वर्ग को आरक्षण दे रखा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर भी आरक्षण देने को बाध्य है। राज्य सरकार कई बार कह चुकी है कि वह पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर आरक्षण देने के हक में नहीं है तो ऐसी परिस्थितियों में कोर्ट उसके फैसले के खिलाफ आदेश नहीं जारी कर सकता। पीठ ने कहा कि आरक्षण नहीं देने वाले विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रास्पेक्टस को गलत नहीं कहा जा सकता। हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हरियाणा सरकार चाहे तो भविष्य में अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर सकती है। एम्स द्वारा अखिल भारतीय स्तर कर कराई जाने वाली पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम प्रवेश परीक्षा में आरक्षण लागू होने की दलील पर कोर्ट ने कहा कि वह केन्द्र सरकार का फैसला है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उसे देखते हुए राज्य सरकारें भी उसे लागू करने के लिए बाध्य हैं। जहां पर राज्य सरकार को प्रवेश परीक्षा में नियमन व नियंत्रण का अधिकार है वह आरक्षण लागू करने के बारे में स्वयं निर्णय ले सकती है।

विकलांगों को तोहफा

विश्व विकलांग दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 'जवाहर सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन' योजना शुरू करने की घोषणा की। इस योजना के तहत विकलांगों, वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के विकास एवं उत्थान पर विशेष बल दिया जाएगा। जिलास्तर पर विशेष स्कूल या संस्थान खोले जाएंगे। इसके लिए 150 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।विश्व विकलांग दिवस पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी तरह की इस पहली योजना के तहत नेत्रहीनों, मूक एवं बधिरों, शारीरिक रूप से विकलांग लोगों, मानसिक विक्षिप्तों, वरिष्ठ नागरिकों तथा बच्चों के लिए जिला स्तर पर विशेष स्कूल या संस्थान स्थापित किए जाएंगे। योजना के तहत नेत्रहीनों के लिए 10 विद्यालय, मूक एवं बधिरों के लिए आठ विद्यालय, मानसिक विक्षिप्तों के लिए छह विद्यालय, तीन राज्यस्तरीय संस्थान, मानसिक विक्षिप्तों के लिए दो गृह, वरिष्ठ नागरिकों के लिए चार गृह, छह बाल गृह तथा 21 व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तथा प्रस्तावित भवनों के नक्शे पहले ही तैयार किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसिक विक्षिप्तों के लाभार्थ 'घरौंदा' नामक अन्य योजना लागू की गई है, ताकि उन्हें आश्रय उपलब्ध कराया जा सके। यह योजना गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे मानसिक विक्षिप्तों के लिए राष्ट्रीय न्यास तथा राज्य सरकार द्वारा बराबर हिस्सेदारी के आधार पर चलाई जा रही है। गरीबी रेखा से ऊपर वाले मानसिक विक्षिप्त आठ लाख रुपये की राशि अदा करके इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। प्रदेश सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एक करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं।

कुम्हारिया में 2012 में शुरू होगा उत्पादन

न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन आफ इंडिया का विशेष दल हरियाणा पहुंचा
700-700 मेगावाट की चार इकाइयां स्थापित होंगी
Nuclear Power Corporation of India (NPCIL) ने फतेहाबाद के कुम्हारिया में न्यूक्लियर पावर परियोजना स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और 2012 में इसकी प्रथम व द्वितीय इकाइयां काम करना शुरू कर देंगी। इस संबंध में न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक डा. एसके जैन के नेतृत्व में निगम के वरिष्ठ अधिकारियों का दल हरियाणा पहुंच चुका है। दल ने बुधवार को चंडीगढ़ में हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पहली बैठक की। यह दल नई दिल्ली में शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से भी भेंट करेंगे। इससे पूर्व वह कुम्हारिया का दौरा करेंगे। बैठक की अध्यक्षता वित्त विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव अजीत एम शरण ने की। इस परमाणु ऊर्जा केंद्र में 700-700 मेगावाट की चार इकाइयां स्थापित की जाएंगी और केंद्र की कुल क्षमता 2800 मेगावाट होगी। न्यक्लियर पावर कारपोरेशन की टीम बृहस्पतिवार को क्षेत्र का दौरा करेगी और उसके बाद हरियाणा सरकार जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई को आगे बढ़ा पाएगी।सूत्रों के अनुसार हरियाणा सरकार इस प्लांट के लिए जमीन का दायरा कम करने की तैयारी कर रही है। इससे पूर्व 2471 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की बात की जा रही थी, लेकिन अब मात्र 1100 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने पर विचार चल रहा है। प्रदेश सरकार का मानना है कि इससे प्लांट का विरोध कम होगा और अधिग्रहण की कार्रवाई को जल्द सिरे चढ़ाया जा सकेगा।एनपीसीआईएल के एमडी जैन ने दावा किया है कि कुम्हारिया में प्रदूषण रहित एक ग्रीन प्रोजेक्ट होगा और जिसके रेडिएशन से भी स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।डा. एस के जैन ने कहा कि यह परियोजना भारी पानी के दवाब की स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगी। एनपीसीआईएल ने 17 न्यूक्लियर पावर परियोजनाएं स्थापित की हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010-11 तक या 2012 से पूर्व इस पूर्व-परियोजना का कार्य पूरा हो जाएगा। प्रथम और द्वितीय इकाई का निर्माण मार्च 2012 तक आरंभ हो जाएगा। तीसरी और चौथी इकाई का कार्य लगभग तीन या चार वर्षों उपरांत शुरू होगा। प्रोजेक्ट से उत्पादित बिजली का शुल्क लगभग 2.7 रुपये प्रति यूनिट होगा, जो देश में कोयला आधारित संयत्रों से उत्पादित बिजली की वर्तमान दर से बहुत सस्ती होगी। डा. जैन ने बताया कि निगम द्वारा चिकित्सा सुविधा और एक टाउनशिप के अतिरिक्त एक सीबीएसई स्कूल की भी स्थापना की जाएगी। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार और गुरू जंभेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार में न्यूक्लियर टैक्रोलोजी में परियोजना शुरू करने के लिए एनपीसीआईएल की सहायता की भी उन्होंने पेशकश की है। बैठक में बिजली विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव मधुसूदन प्रसाद, बिजली निगमों के प्रबंध निदेशक ले. जनरल (सेवानिवृत) ओ एस लोहचब तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Saturday, November 28, 2009

हजारों साल पुरानी संस्कृति का साक्षी Banawali

फतेहाबाद-गांव नागपुर संपर्क मार्ग पर बसा गांव बनावली का किला अपने अंदर करीब पांच हजार वर्ष पुरानी हड़प्पा संस्कृति का इतिहास समेटे हुए है। खुदाई के दौरान ऐतिहासिक किले में दबी हड़प्पा संस्कृति (2600-2400 ईपू) के तीनों कालों के लोगों के रहन-सहन, खान पान, धार्मिक मान्यताओं व अन्य सभी प्रकार की जानकारियां मिलती हैं। करीब 32 एकड़ क्षेत्र में फैली इस प्राचीन धरोहर की पहचान 1960 के आसपास हुई तथा 1974 से 1988 तक यहां खुदाई का कार्य किया गया। अब इस ऐतिहासिक धरोहर को संजोने के लिए बनावली को विश्व धरोहर में शामिल करने का प्रस्ताव यूनेस्को के पास भेजने का निर्णय किया गया है। अगर यह योजना सिरे चढ़ती है तो निश्चित तौर पर इतिहास की इस महत्वपूर्ण कड़ी को सहेजकर रखा जा सकेगा। खुदाई के दौरान मिली ऐतिहासिक महत्व की वस्तुओं से हड़प्पाकालीन सभ्यता की बहुत महत्वपूर्ण जानकारी मिल पाई।
1988 के बाद यहां अभी तक किसी प्रकार की खुदाई नहीं हुई है। यहां सबसे पहले हरियाणा पुरातत्व विभाग ने 1974 में खुदाई की तथा 1977 तक समय-समय पर यह कार्य किया जाता रहा। इसमें उसे कुछ विशेष हाथ नहीं लगा। इसके बाद भारतीय पुरातत्व विभाग ने 1977 में इसकी खुदाई का कार्य अपने हाथों में लिया। इससे इस स्थान के हड़प्पाकालीन सभ्यता से जुड़े होने का निष्कर्ष निकाला गया। भारतीय पुरातत्व विभाग ने इसे 4 सितंबर 1982 को अपने कब्जे में लिया और 1988 तक खुदाई का काम जारी रखा। खुदाई के दौरान मिले शहर के किले का मुख्य गेट पक्की र्इंटों से तथा अन्य पूरा हिस्सा कच्ची ईटों से बना है। करीब 32 एकड़ में फैले इस पुरातत्व महत्व के किले पर फिलहाल करीब 12 एकड़ भूमि पर ही विभाग का कब्जा है। जबकि करीब 24 एकड़ जमीन पर किसानों द्वारा खेती की जा रही है।

इतिहासकार डा. मुनीष नागपाल ने कहा कि यदि इसे विश्व धरोहर का दर्जा मिलता है तो इससे आने वाली पीढि़यों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। इसी प्रकार से डॉ. कृष्ण कुमार ने कहा कि यदि ऐसा हो पाया तो इसे संग्रहित करने के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था हो पाएगी। इतिहासकार डॉ. सुरेंद्र पाल सिंह ने कहा कि ऐसा होने से विश्व में बनावाली के साथ-साथ जिला व प्रदेश का नाम भी रोशन होगा। महानगरीय संस्कृति थी बनावली.. वस्तुओं की चूडि़यां भी पहनती थीं। इस क्षेत्र से टेरोकोटा, स्पायरल कापर हेयर-पिन, देवियों की मूर्तियां आदि भी मिले हैं।

कहां-कहां मिले हैं ऐसे स्थान
करीब पांच साल पुरानी इस सभ्यता के इससे मिलते जुलते अवशेष हिसार जिले के गांव राखी, गुजरात के लोथल व राजस्थान के कालीभंगा में भी पाए गए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि हड़प्पा संस्कृति उत्तर भारत से होती हुई अफगानिस्तान व पाकिस्तान तक फैली हुई थी। हड़प्पा सभ्यता के लोग नगरों में रहते थे। जिनकी गलियां आर-पार गुजरती थीं। इसी प्रकार इस सभ्यता में बनाए गए मकान भी आरपार होते थे।
क्या-क्या मिला खुदाई में
विभाग को खुदाई के दौरान अंडाकार तथा गोलाकार चूल्हों से लैस सुनियोजित ढंग से बनाए गए मकान, कांच से बने मर्तबान तथा कलश, परात, प्यालियां, कुठार, जार, सोने के मुकने, मूल्यवान पत्थर, मृदभांड, छेलखड़ी, मिट्टी की चूडि़यां, शंख व तांबा सहित अनेक वस्तुएं मिलीं। इसके अलावा जानवरों एवं फूलों के चित्रों बने हुए खाना खाने व पकाने के हांडी बीकर, परात, पानपात्र, एस आकार के जार, ईट, चर्ट ब्लेड, हाथी दांत व हड्डियों के खिलौने, सोने तथा मूल्यवान पत्थरों के मनके, सोने की पत्ती चढे़ तांबे के आभूषण, मिट्टी से बनी जानवरों की आकृतियां, अभिलेख युक्त मुद्रा तथा मुद्रिकाएं आदि के अवशेष मिले। इसके अलावा जौ के जले अवशेष व मनकों की फैक्टरी भी मिली है।

Tuesday, November 24, 2009

स्वाइन फ्लू बेकाबू

प्रदेश में स्वाइन फ्लू बेकाबू होता जा रहा है। हर रोज मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है और स्वास्थ्य विभाग अपनी पीठ ठोंकने में ही पूरी ताकत लगाए हुए है। वहीं लोगों की लापरवाही ने बीमारी को नियंत्रण से बाहर कर दिया है। हरियाणा में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण ने पूरी व्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। भिवानी के केएम स्कूल में सबसे अधिक आफत बरसी है वहां से करीब 60 से अधिक स्वाइन फ्लू के पोजिटिव आ चुके हैं। सोनीपत में भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां मंगलवार को 45 नए मामलों की पुष्टि हुई।

ऐसे फैल रहा है संक्रमण

स्वास्थ्य विभाग फ्लू पर रोकने के दावे तो बहुत कर रहा है लेकिन हालात यह चित्र कह रहा है। स्वाइन फ्लू शारीरिक संपर्क के साथ-साथ सांस व हवा से भी फैलता है। परंतु भिवानी में जांच कराने के लिए पहुंचे लोग साथ-साथ खड़े हैं और उन्होंने कोई एहतियात नहीं बरती है। अगर ये किसी मरीज के संपर्क में आते हैं तो निश्चित तौर पर उनके संक्रमण का पूरा अंदेशा है।
इस तरह एक बच्चे से शुरू हुआ संक्रमण अब भिवानी में पूरे स्कूल को अपनी चपेट में ले चुका है।

Saturday, November 21, 2009

हरयाणवी बाला की नई उड़ान

हरियाणा की छोरी अंबिका हुड्डा ने नया इतिहास रचा है। रोहतक की अंबिका के साथ उप्र के अलीगढ़ की सीमा के साथ मिलकर सेना में पुरुषों के वर्चस्व को चुनौती दी है। सशस्त्र सेनाओं के इतिहास में पहली दफा दो महिला अफसरों को बतौर विमान पर्यवेक्षक नौसेना में शामिल किया गया। आईएनएस गरुण में भव्य परेड समारोह में रीयर एडमिरल सुधीर पिल्लई ने सब लेफ्टिनेंट सीमा रानी शर्मा और अंबिका हुड्डा को विंग्स प्रदान किए। नौसेना विमानन के 56 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब महिला अधिकारियों को मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट (एमपीए) के बेड़े में पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल किया गया है। नौसेना की पहली महिला पर्यवेक्षक बनीं सीमा और अंबिका का चयन शार्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के जरिए हुआ था। हरियाणा के रोहतक की रहने वाली अंबिका को पहले एसएससी पर्यवेक्षक कोर्स के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु (ट्रेनी) का तमगा भी मिला।
परेड के बाद अंबिका ने कहा, यह हमारे और हमारे माता-पिता व प्रशिक्षकों के लिए बहुत बड़ा और गौरवशाली मौका है। हम दोनों के लिए यह प्रशिक्षण मानसिक और शारीरिक लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण था। लेकिन, पीछे हटने की बात कभी हमारे जेहन में नहीं आई।

मूलत: रोहतक जिले के आसन गांव का रहने वाला हुड्डा परिवार पिछले कुछ समय से Rohtak शहर की इंद्रप्रस्थ कालोनी के एक मकान में किराये पर रह रहा है। आर्मी से रिटायर्ड सूबेदार आनरेरी लेफ्टिनेंट जयकिशन हुड्डा अपनी बेटी की उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे हैं।खुशी से गदगद हुड्डा बताते हैं कि उनकी बेटी डोनियर जहाज कंट्रोल करेगी और आब्जर्वेशन करेगी। वह यह भी बताना नहीं भूले कि पायलट का काम तो जहाज को चलाने का है।

घर लौटीं Ambika

नौसेना की सब लेफ्टिनेंट बनने के बाद अंबिका पहली बार शनिवार शाम अपने घर आईं। दैनिक जागरण से खास बातचीत में अंबिका ने बताया कि मेरे लिए यह ग्रेट एचीवमेंट है। आर्मी-एयर फोर्स में जाने का बचपन का ख्वाब है। लेकिन, एविएशन में मौका मिलना बहुत बड़ी बात है। उसने ख्वाब से आगे पाया।अंबिका ने बताया कि एयर-फोर्स व आर्मी से इतर कभी उसने सोचा ही नहीं। हां, एविएशन में जाने के बारे में इतना नहीं सोचा था। भविष्य की योजना के बारे में पूछने पर उसने बताया कि अभी तो सारा ध्यान नई जाब पर ही रहेगा। बेस्ट के लिए हमेशा उसका प्रयास रहेगा।

Friday, November 20, 2009

GJU ने पीएचडी की 107 सीटों पर मांगे आवेदन

गुरु जंभेश्वर विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (GJU) हिसार के 14 विभागों में डॉक्टरेट ऑफ फिलोस्फी (पीएचडी) की 107 सीटों के लिए आवेदन मांगे हैं। 15 पीएचडी स्कॉलर्स को 18 हजार रुपए प्रतिमाह की स्कॉलरशिप व पांच हजार रुपए कंटीजेंसी खर्चा भी दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त 14 विभागों में पांच हजार रुपए प्रतिमाह की एक-एक विश्वविद्यालय रिसर्च स्कॉलरशिप भी दी जाएगी। विद्यार्थियों का चयन एक प्रवेश परीक्षा के द्वारा किया जाएगा जो कि विश्वविद्यालय के संबंधित विभागों में 21 दिसंबर 2009 को आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा दो घंटे की होगी। इच्छुक छात्र विश्वविद्यालय में अपना आवेदन संबंधित विभाग में 10 दिसंबर 2009 तक आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने आगे बताया कि आवेदन पत्र व अधिक जानकारी के लिए विद्यार्थी विश्वविद्यालय की वैबसाईट www.gju.ernit.in देख सकते हैं।
इन-इन विषयों पर हैं सीटें खाली विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर आरएस जागलान ने बताया कि इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में 1, पर्यावरण विज्ञान तथा अभियांत्रिकी में 10, रसायन में 11, गणित में 6, भौतिकी में 8, खाद्य तकनीक में 6, बायो एंड नैनो टेक्नालाजी में 8, फार्मास्युटिकल साइंस में 2, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 5, अप्लाईड साईकॉलोजी में 10, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में 6, कम्यूनिकेशन मेनैजमेंट एंड टेक्नालाजी में 2, एडवर्टाईजिंग मेनैजमेंट एंड पब्लिक रिलेशनस में 2 व हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस में 30 सीटों पर पीएचडी में दाखिले के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

Wednesday, November 18, 2009

वर्ष 2010 के सरकारी अवकाश

हरियाणा सरकार ने कार्यालयों में वर्ष 2010 के दौरान होने वाले सार्वजनिक अवकाश अधिसूचित किए हैं।
गुरु गोबिंद सिंह जयंती --- (5 जनवरी)
सर छोटूराम जयंती एवं बसंत पंचमी --- (20 जनवरी)
गणतंत्र दिवस --- (26 जनवरी)
महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती --- (8 फरवरी)
महाशिवरात्रि --- (12 फरवरी)
होली --- (1 मार्च)
रामनवमी --- (24 मार्च)
बैसाखी --- (14 अप्रैल)
डा. बीआर अंबेडकर जयंती --- (14 अप्रैल)
महाराणा प्रताप जयंती --- (15 जून)
तीज --- (12 अगस्त)
जन्माष्टमी --- (2 सितंबर)
हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस --- (23 सितंबर)
महाराजा अग्रसेन जयंती --- (8 अक्टूबर)
महर्षि वाल्मीकि जयंती --- (22 अक्टूबर)
हरियाणा दिवस --- (1 नवंबर)
दिवाली --- (5 नवंबर)
ईद-उल-जूहा (बकरीद) --- (17 नवंबर)

अवकाश के दिन आने वाले त्यौहारों को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है इनमें हैं :
गुरु रविदास जयंती --- (30 जनवरी)
महावीर जयंती --- (28 मार्च)
भगवान परशुराम जयंती --- (16 मई)
संत कबीर जयंती --- (26 जून)
स्वतंत्रता दिवस --- (15 अगस्त)
ईद-उल-फितर --- (11 सितंबर)
महात्मा गांधी जयंती --- (2 अक्टूबर)
विश्वकर्मा दिवस --- (6 नवंबर)
गुरुनानक जयंती --- (21 नवंबर)
क्रिसमिस दिवस --- (25 दिसंबर)
शहीद उधम सिंह जयंती --- (26 दिसंबर)

इसके अलावा प्रतिबंधित अवकाशों में से कर्मचारी कोई दो अवकाश ले सकते हैं। ये हैं :
ईद-ए-मिलाद/मिलाद-उल-नबी (27 फरवरी)
गुड फ्राइडे (2 अप्रैल)
बुध पूर्णिमा (27 मई)
गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस (16 जून)
शहीद उधम सिंह शहीदी दिवस (31 जुलाई)
रक्षाबंधन (24 अगस्त)
करवा चौथ (26 अक्टूबर)
गोवर्धन पूजा (6 नवंबर)
गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस (24 नवंबर)
मुहर्रम (17 दिसंबर)

इनमें सार्वजनिक अधिसूचित अवकाश सभी रविवार, गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), गुरु रविदास जयंती (30 जनवरी), महाशिवरात्रि (12 फरवरी), होली (1 मार्च), महावीर जयंती (28 मार्च), बैंक अवकाश (1 अप्रैल) , डा. बीआर अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), जन्माष्टमी (2 सितंबर), ईद-उल-फितर (11 सितंबर), अद्र्घवार्षिक बैंक अवकाश (30 सितंबर), महात्मा गांधी जयंती (2 अक्टूबर), दशहरा (17 अक्टूबर), महर्षि वाल्मीकि जयंती (22 अक्टूबर), दिवाली (5 नवंबर), गुरुनानक देव जयंती (21 नवंबर) तथा क्रिसमस दिवस (25 दिसंबर) शामिल है।

Monday, November 16, 2009

केबल आपरेटरों के बहाने निजी चैनलों पर शिकंजा?

प्रदेश में केबल आपरेटरों के बहाने निजी चैनलों पर सरकार ने शिकंजा कस लिया है। अब प्रदेश में केबल का व्यवसाय चलाने के लिए आपरेटरों को सरकार से लाइसेंस लेना होगा और एक शहर में मात्र एक ही आपरेटर को लाइसेंस मिलेगा। इसके लिए हालांकि बहाना मोटी लाइसेंस फीस का किया जा रहा है लेकिन इंडस्ट्री से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इससे निजी चैनलों की चाबी सरकार के हाथ आ जाएगी और उन पर इन आपरेटरों के माध्यम से नियंत्रण लग जाएगा।
इसके अलावा केबल आपरेटर इसे अव्यावहारिक भी बता रहे हैं और साथ ही ट्राई के नियमों के उल्लंघन का आरोप भी ला रहे हैं। दूरदर्शन व दूरसंचार पर नियंत्रण सिर्फ ट्राई का ही होता है और सभी प्रसारणकर्ताओं को ट्राई की हिदायतों का पालन करना होता है, लेकिन केबल आपरेटर सरकार के इस बिल को ट्राई के अधिकार क्षेत्र में उल्लंघन बता रहे हैं। सरकार ने फैसला लिया है केबल आपरेटर के लिए लाइसेंस खुली बोली से दिए जाएंगे और जो भी ज्यादा बोली देगा वह इसका लाइसेंस हासिल कर पाएगा लेकिन जो ज्यादा बोली देगा, वह अपने लाभ के लिए दरें भी बढ़ाएगा, पर दरें तो TRAI ने पहले ही तय कर रखी हैं और केबल आपरेटर उसी के हिसाब से चैनलों के पैकेज के अनुरूप उपभोक्ता से दाम वसूल सकता है। अगर सरकार उन्हें ज्यादा दाम वसूलने की इजाजत देती है तो इससे ट्राई के नियमों का उल्लंघन होगा।जाहिर तोर प्रदेश सरकार के इस बिल ने केबल संचालकों में बैचेनी पैदा कर दी है। ऐसे में यदि बिना केबल का व्यवसाय किए कोई व्यक्ति बोली में सफल हो जाता है तो न सिर्फ व्यवसाय कर रहे लोगों का धंधा चौपट होने से उन्हें करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी नया नेटवर्क स्थापित होने तक केबल देखने से वंचित होना पड़ेगा। हालांकि इस संबंध में जींद व कुरूक्षेत्र के दो केबल संचालकों ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी गई है और 26 नवम्बर को न्यायालय द्वारा इस संबंध में राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी कर दिया है। अब न सिर्फ शहरों में बल्कि राज्य के लगभग हर गांव यहां तक की ढाणियों में भी केबल पहुंच चुका है और इस व्यवसाय से लगभग 30 हजार लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है। किसी भी केबल संचालक को केबल लगाने से पूर्व केन्द्रीय केबल नेटवर्क अधिनियम 1995 के तहत लाइसेंस लेना होता है जो संबंधित क्षेत्र के मुख्य डाकघर से निर्धारित शुल्क देकर ले लिया जाता है। जिसका हर वर्ष नवीनीकरण कराना होता है। हालांकि व्यवसाय को नियंत्रित करने के लिए इसे ट्राई के अधीन किया गया है। केबल व्यवसाय के फैलने व पे-चैनलों के बढ़ते बाजार से ट्राई ने भी समय-समय पर केबल के लिए नियम निर्धारित किए हैं ताकि केबल संचालक उपभोक्ताओं पर मनमर्जी न चला सकें। किसी भी छोटे से शहर में ही केबल का व्यवसाय करने के लिए न सिर्फ लगभग एक करोड़ रुपये की राशि निवेश करनी पड़ती है, बल्कि पूरे शहर में कनेक्शन करने के लिए छह माह का समय भी लगाना पड़ता है। वर्तमान समय में एक ही शहर में एक ही केबल नेटवर्क से अनेक सब-आपरेटर नेटवर्क संचालक को निश्चित कमीशन में लाइन लेकर अलग-अलग हिस्सों में यह व्यवसाय कर रहे हैं। इतना ही नहीं किसी भी शहर में स्थापित केबल नेटवर्क से आसपास के लगभग 40 किलोमीटर दूरी तक के गांवों में तार के जरिये हर गांव के दो-चार बेरोजगार युवक यह व्यवसाय कर रहे हैं।वहीं सभी राजनीतिक दल इस संवेदनशील मुद्दे पर अभी चुप्पी साधे हैं लेकिन उन्हें भी यह आशंका है कि केबल आपरेटरों के जरिए सरकार निजी चैनलों के प्रसारण पर लगाम लगा सकती है और कोई भी सरकार से लाइसेंस प्राप्त आपरेटर सरकार के सामने सिर झुकाते नजर आएंगे। ऐसे में मीडिया पर भी लगाम लग सकती है।

Saturday, November 14, 2009

गरीबों के लिए मुफ्त एंबुलेंस सेवा

बाल दिवस के अवसर पर शनिवार को प्रदेश में दो नई योजनाएं 'नेहरू बाल दृष्टि योजना' और 'हरियाणा स्वास्थ्य वाहन सेवा नंबर 102 शुरू की गईं। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के रोगियों, गर्भवती महिलाओं, स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों और भूतपूर्व सैनिकों के परिवारों के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा की शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पंचकूला में एंबुलेंस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर किया। नेहरू बाल दृष्टि योजना का श्रीगणेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके तहत राज्य में चार नेत्र बैंक स्थापित किए जाएंगे। साथ ही नेत्रदान करने वालों की सुविधा के लिए भी जिलों में नेत्रदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। कोई भी व्यक्ति टोल फ्री नंबर 102 डायल कर नेत्रदान के संबंध में सूचना प्राप्त कर सकता है। यह नंबर सभी एंबुलेंस वाहनों में भौगोलिक स्थिति प्रणाली के साथ सुसज्जित होगा।
हुड्डा ने कहा कि यह एंबुलेंस सेवा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों के रोगियों, अधिसूचित जाति व मलिन बस्तियों के वासियों,सड़क दुर्घटनाओं के पीडि़तों, गर्भवती महिलाओं, स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों तथा भूतपूर्व सैनिकों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध होंगी। अन्य श्रेणी के रोगियों को एंबुलेंस सेवा के लिए सात रुपये प्रति किलोमीटर की दर से अदायगी करनी होगी।

Wednesday, November 11, 2009

छोक्कर भी छोड़ गए हजकां

हरियाणा जनहित कांग्रेस का एक और विधायक धर्म सिंह छोक्कर भी मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल का हिस्सा बन गए। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह चट्ठा ने छोक्कर के कांग्रेस में शामिल होने को मंजूरी दे दी है। सोमवार को हजकां के चार विधायक कांग्रेस में शामिल हुए थे। अब हरियाणा विधानसभा में वर्तमान संख्या 89 में कांग्रेस के 45 सदस्य हो गए हैं। इसके साथ ही सदन में कांग्रे्रस को 53 सदस्यों का समर्थन हासिल हो गया है। ओमप्रकाश चौटाला के इस्तीफे के कारण ऐलनाबाद सीट रिक्त है। विधानसभा अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह चट्टा ने छोक्कर को हजकां को कोई अलग न मानकर सोमवार को कांग्रेस में शामिल हुए गुट में ही माना। बेशक उनका विलय स्पीकर ने आज की तारीख में ही किया है। गौरतलब है कि सोमवार को हजकां के छह में से चार विधायकों ने अलग गुट बनाकर कांग्रेस में इसका विलय कर दिया था। इनमें नारनौल के विधायक राव नरेंद्र सिंह, दादरी के विधायक सतपाल सांगवान, हांसी के विधायक विनोद भ्याणा और असंध के विधायक जिलेराम शर्मा शामिल हैं। इस विलय के बाद चर्चाएं शुरू हो गई कि हजकां का पांचवां विधायक धर्मसिंह छोक्कर भी कांग्रेस में शामिल होना चाहता है। मंगलवार सुबह धर्म सिंह छोक्कर हरियाणा विधानसभा में अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह चट्ठा के पास पहुंचे। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष फूल चंद मुलाना और मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला भी हरियाणा विधानसभा पहुंच गए। करीब दो घंटे धर्म सिंह छोक्कर विधानसभा में रहे। इस बीच मीडिया का विधानसभा में प्रवेश वर्जित रहा। दो घंटे बाद धर्म सिंह छोक्कर प्रदेश कांग्रेस प्रधान फूल चंद मुलाना व रणदीप सिंह सुरेजवाला के साथ बाहर आए। छोक्कर ने कहा कि वह कांग्रेस विधायक दल में शामिल हो गए हैं।

Monday, November 9, 2009

हजकां में टूट, चार विधायक कांग्रेस में

दलीय स्थिति
कुल सीटें 90
मौजूद सदस्य 89
कांग्रेस 44
इनेलो 30
भाजपा 4
हजकां 2
बसपा 1
शिअद 1
निर्दलीय 7
कुलदीप बिश्नोई के मोलभाव से तंग कांग्रेस ने उन्हें उनकी रणनीति में मात दे दी। सोमवार को हरियाणा जनहित कांग्रेस के छह में से चार विधायकों ने सोमवार को पार्टी को अलविदा कह दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस से जुडऩे वालों में नारनौल के विधायक राव नरेंद्र सिंह, दादरी के विधायक सतपाल सांगवान, हांसी के विधायक विनोद भ्याणा और असंध के विधायक जिले राम शर्मा शामिल हैं।
अब हजकां के विधायकों की संख्या सदन में दो ही रह गई है और कांग्रेस उनके समर्थन के बिना ही सरकार बचाए रखने में सक्षम हो गई है।हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह चट्ठा ने सोमवार को हजकां (बीएल) के चार विधायकों के गुट के कांग्रेस में विलय को मंजूरी दे दी और चारों विधायकों के कांग्रेस पार्टी से जुड़ जाने के बाद वर्तमान में कुल 89 विधायकों में कांग्रेस विधायकों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है। विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 90 है, लेकिन इनेलो अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला के ऐलनाबाद सीट से इस्तीफा देने के कारण अभी सदस्य संख्या 89 है। चौटाला दो सीटों उचाना कलां व ऐलनाबाद से चुनाव जीते थे।
हजकां के बागी विधायक सोमवार दोपहर दिल्ली से विमान से चंडीगढ़ आए और बाद में विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात करके वापस विमान से ही दिल्ली चले गए। चट्ठा ने कहा कि हजकां (बीएल) के इन चारों विधायकों ने जनहित पार्टी से किनारा करके एक अलग ग्रुप बनाकर कांग्रेस पार्टी में विलय के लिए उन्हें लिखित आवेदन किया था। इन विधायकों के कांग्र्रेस में शामिल होने को संवैधानिक बताते हुए चट्ठा ने कहा कि भारतीय संविधान में दलबदल विरोधी कानून के अंतर्गत धारा 10 ए में यह प्रावधान है कि यदि किसी दल के दो तिहाई सदस्य स्वेच्छा से किसी दल की सदस्यता ग्रहण करते है तो उन्हें विलय के लिए अगल पार्टी के गठन की आवश्यकता नहीं होती।

डबवाली अग्निकांड : जख्मों पर मुआवजे का मरहम

45 फीसदी हिस्सा सरकार व 55 फीसदी मैरिज पैलेस व स्कूल प्रबंधन देगा
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट अपने एक ऐतिहासिक फैसले में डबवाली अग्निकांड के पीडि़तों को मुआवजा देने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने सोमवार को डबवाली अग्निकांड के पीडि़तों के लिए अलग-अलग वर्ग के लिए मुआवजा राशि तय कर दी। पीडि़तों को डेढ़ लाख से 33.50 लाख रुपये तक मुआवजा राशि मिलेगी। यह राशि जून 2003 से छह फीसदी ब्याज की दर पर मिलगी। खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को मुआवजे का भुगतान चार महीने के भीतर करने का आदेश दिया है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा ओर मुआवजा राशि पर दस फीसदी की दर से ब्याज देना होगा।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली की खंडपीठ ने अपने फैसले मे कहा कि कुल मुआवजा राशि का 45 प्रतिशत हिस्सा हरियाणा सरकार (इसमें से 15 प्रतिशत नगर रिषद डबवाली, 15 प्रतिशत बिजली बोर्ड व 15 प्रतिशत उस समय के उपायुक्त एमपी बदलान) व 55 प्रतिशत राजीव मैरिज पैलेस व डीएवी ग्रुप अदा करेगा। हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसले में हरियाणा सरकार को मुआवजे के अतिरिक्त पीडि़तों लोगों को मुकदमा राशि का भुगतान करने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि चार माह में भुगतान नहीं होने पर कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी और सरकार सरकार को राशि पर दस प्रतिशत ब्याज देना होगा।हाईकोर्ट ने क्या मुआवजा तय कियाहाईकोर्ट द्वारा नियुक्त आयोग ने हादसे में मारे गए लोगों के लिए आयु व उनकी आय हिसाब से अलग- अलग श्रेणी में मुआवजा तय किया था। इस पर पीडि़तों लोगों ने आपत्ति दर्ज की थी। इस हादसे में कुल 446 लोगों की मौत हुई थी।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में इस हादसे में घायल लोगों के लिए भी उनकी आयु व उनके वर्ग के हिसाब से मुआवजा तय किया है। अविवाहित लड़की को उसके घायल की प्रतिशतता के हिसाब से पांच लाख से 33.50 लाख रुपये तक मुआवजा तय किया गया है। अविवाहित लड़के को घायल की प्रतिशतता के हिसाब से चार लाख रुपये से 32.50 लाख रुपये तक मुआवजा मिलेगा। विवाहित महिला को 1.50 लाख से 22 लाख व विवाहित पुरुष को चार लाख से 16 लाख के बीच मुआवजा राशि मिलेगी।

आयोग ने मुआवजे में ऐसे तय की थी हिस्सेदारी : हाईकोर्ट के आदेश पर बने जस्टिस टी.पी. गर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में मुआवजा की राशि का 80 प्रतिशत हिस्सा डीएवी ग्रुप, दस प्रतिशत डीसी सिरसा, जिसे हरियाणा सरकार देगी व पांच-पांच प्रतिशत एमसी व बिजली बोर्ड से लेने की सिफारिश की थी। आयोग ने इस कांड से प्रभावित लोगों को उनकी उम्र व उनके आय के हिसाब से मुआवजा राशि देने की सिफारिश भी की थी।
पीजीआई और एम्स में होगा मुफ्त इलाज
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सरकार को यह भी आदेश दिया कि इस हादसे में जो लोग पीडि़त हैं, अगर राज्य सरकार के अस्पताल में इनके इलाज की सुविधा नहीं है तो पीजीआई और एम्स में इनका मुफ्त इलाज करवाए।

मुआवजा राशि का विवरण
वर्ग-1 साल से 10 साल तक के बच्चे -- संख्या -172
आयोग ने तय किया दो लाख, हाईकोर्ट ने तय किया 3.50 लाख
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वर्ग- 11 साल से 15 साल तक के बच्चे -- संख्या 38
आयोग ने तय किया 4.10 लाख, हाईकोर्ट ने तय किया 5.25 लाख
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वर्ग- 16 साल से 22 साल तक के बच्चे -- संख्या- 20
आयोग ने तय किया पांच लाख, हाईकोर्ट ने तय किया 6.35 लाख
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इसके अलावा कोर्ट ने 22 साल से ऊपर की उम्र के मृतकों के परिजनों को मृतकों के पेशे व उम्र के हिसाब से मुआवजा तय किया है जो कम से कम 2.50 लाख व अधिकतम 22 लाख रुपये है। हाईकोर्ट ने यह मुआवजा राशि जून 2003 की तारीख से तय की है। जून 2003 के बाद से राशि पर छह प्रतिशत के हिसाब से ब्याज भी देना होगा।
क्या था मामला?
डबवाली के डीएवी पब्लिक स्कूल का वार्षिक समारोह वहां के राजीव मैरिज पैलेस में 23 दिसंबर 1995 को हो रहा था। इसी दौरान भयंकर आग ने सभी को अपनी चपेट में ले लिया था। इससे स्कूली बच्चों, शिक्षकों, अभिभावकों सहित 446 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हुए थे। हरियाणा सरकार ने उस समय मारे गए लोगों के परिवारों को एक-एक लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल होने वाले लोगों को 50-50 हजार रुपये सहायता राशि के रूप में दिए थे। अदालत के आदेशों पर घायलों के उपचार पर होने वाला खर्च भी सरकार द्वारा उठाया गया था।

Saturday, November 7, 2009

Ministers Taking Oath

Captain Ajay Yadav taking oath as Cabinet Minister.
कैप्टन अजय यादव : वित्त, योजना, संस्थागत वित्त एवं ऋण नियंत्रण, सिंचाई, वन एवं पर्यावरण।

Randeep Surjewala after taking oath as Cabinet Minister.
रणदीप सिंह सुरजेवाला : जल आपूर्ति एवं स्च्छता, संसदीय मामले, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना तकनीक, विज्ञान एवं तकनीक और लोक निर्माण।
OP Jain after taking oath as Cabinet Minister.
ओमप्रकाश जैन : परिवहन, पर्यटन, नागरिक उड्डयन व आतिथ्य।
Mahender Pratap Singh after taking oath as Cabinet Minister.
महेंद्र प्रताप सिंह : ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, श्रम एवं रोजगार, खाद्य एवं आपूर्ति, शहरी स्थानीय निकाय और उद्योग एवं वाणिज्य।
Geeta Bhukkal with family members after taking oath as Cabinet Minister.
गीता भुक्कल : शिक्षा एवं भाषा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास, अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्गों का कल्याण, स्वास्थ्य, प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी।
परमवीर सिंह : कृषि, पशुपालन और डेयरी, मत्स्य और सहयोग।
ShivCharan Lal Sharma after taking oath as State Minister.
शिवचरण लाल शर्मा : राजस्व एवं आपदा प्रबंधन (मुख्यमंत्री से जुड़ा हुआ), एकीकरण एवं पुनर्वास।
Gopal Kanda after taking oath as State Minister.
गोपाल कांडा : खेलकूद एवं युवा मामले, उद्योग एवं वाणिज्य (मंत्री से जुड़ा)
सुखबीर कटारिया : कृषि एवं सहयोग (वह कैबिनेट मंत्री से जुड़े रहेंगे)।

Parliament sectretaries taking oath

Sharda Rathaur taking oath as Chief parliamentry secretary.
Anita Yadav taking oath as Chief parliamentry secretary.
Ramkishan Fauji taking oath as parliamentry secretary.
Sultan Singh taking oath as parliamentry secretary.
Jaleb Khan taking oath as parliamentry secretary.
Chief Parliament Secretaries and Parliament Secretaries with CM

Wednesday, October 28, 2009

हुड्डा ने पास की अग्निपरीक्षा

सात निर्दलीय विधायकों व एक बसपा विधायक के सहारे बुधवार को कांग्रेस ने सदन में अपना बहुमत साबित कर दिया। 90 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा रखे गए विश्वास प्रस्ताव को 47 विधायकों ने पहले तो ध्वनिमत से फिर मांग आने पर खड़े होकर अपना समर्थन दिया। इस तरह हुड्डा ने अपनी पहली अग्नि परीक्षा पास कर ली है।

इधर हजकां के छह विधायक शपथ लेने के बाद विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के बीच सदन से चले गए और लौट कर नहीं आए। यानि विश्वास मत के दौरान वे सदन में नहीं थे। हजकां विधायक दल के नेता कुलदीप बिश्नोई ने फोन पर बताया कि अभी हमारे सभी विकल्प खुले है। हम सरकार को भी समर्थन कर सकते है, इनेलो को भी और विपक्ष में भी बैठ सकते है। उन्होंने कहा कि समर्थन देने की हमारी कोई शर्त नहीं है हम केवल चाहते है कि जो वायदे चुनाव में हमने जनता से किए हैं वे पूरे हों।
विधानसभा चुनाव में कांग्र्रेस को 40, इनेलो-अकाली दल को 32, हजकां को छह, भाजपा को चार, निर्दलीय सात और बसपा को एक सीट मिली थी। 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में बहुमत के लिए 46 विधायकों का साथ चाहिए, क्योंकि चौटाला दो सीटों से जीते थे इसलिए सदन 89 सदस्यों का रह जाता है। इसलिए बहुमत के लिए 45 विधायक चाहिए थे, पर कांग्रेस ने 47 विधायकों के साथ बहुमत पेश कर दिया। राज्यपाल ने बड़ा दल होने के नाते कांग्रेस को बहुमत साबित करने के लिए सप्ताह का वक्त दिया था।
वैसे जरूरत पड़ती तो विधानसभा अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह चïट्ठा भी कांग्रेस के पक्ष में वोट कर सकते थे। इस प्रकार कांग्रेस के पास इस समय 48 का आंकड़ा है। विश्वास मत पर इनेलो विधायक दल और सत्ता पक्ष के बीच करीब एक घंटा बहस चलती रही। बीच-बीच में भाजपा के अनिल विज व कृष्णपाल गुज्जर भी बोलते रहे। शोर शराबे में विश्वास मत पर बहस नहीं हो पाई। आखिर में वोटिंग हो गई। चौटाला और भाजपा सदन को और दो-तीन दिन चलाने की मांग कर रहे थे। अंत में चौटाला ने वाटिंग की मांग की और उसे स्वीकार कर लिया गया।
कौन-कौन हैं साथ
कांग्रेस के 40 विधायकों के अलावा निर्दलीय विधायक प्रह्लïाद सिंह गिल्ला खेड़ा, गोपाल कांडा, सुखबीर कटारिया, जलेब खान, ओम प्रकाश जैन, सुलतान जडौला, शिवचरण शर्मा और बसपा विधायक अकरम खान ने सरकार के पक्ष में मतदान किया।


Sunday, October 25, 2009

हरियाणा के मुख्यमंत्री और उनके कार्यकाल

पं. भगवत दयाल शर्मा



01.11.1966 से 23.03.1967
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राव बीरेंद्र सिंह


24.03.1967 से 20.11.1967
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बंसी लाल
1. 22.05.1968 से 30.11.1975
2. 05.07.1985 से 19.06.1987
3. 11-05.1996 से 23.07.1999
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बनारसी दास गुप्ता


1. 01.12.1975 से 30.04.1977
2. 22.05.1990 से 12.07.1990
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चौधरी देवीलाल

1. 21.06.1977 से 28.06.1979
2. 17.07.1987 से 02.12.1989
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चौधरी भजनलाल

1. 29.06.1979 से 05.07.1985
2. 23.07.1991 से 09.05.1996
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ओमप्रकाश चौटाला

1. 02.12.1989 से 22.05.1990
2. 12.07.1990 से 17.07.1990
3. 24.07.1999 से 04.03.2005
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हुकम सिंह


1. 17.07.1990 से 21.03.1991
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा


1. 05.03.2005 से 25.10.2009
2. 25.10.2009 से शुरू

Hooda ने बनाया नया रिकॉर्ड

सीएम की कुर्सी या कांटों का ताज
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सिर पर दूसरी बार मुख्यमंत्री का ताज रखा गया। राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा ने रविवार शाम उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्हें बहुमत साबित करने के लिए सात दिन का वक्त दिया गया है। पर इस बार मुख्यमंत्री की कुर्सी किसी कांटों के ताज से कम नहीं है। निर्दलियों के समर्थन से चलने वाली अल्पमत सरकार को घेरने का विपक्ष कोई मौका नहीं चूकेगा। वहीं सहयोगी दलों से तालमेल बनाए रखना भी हुड्डा के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। नवनिर्वाचित विधानसभा का पहला सत्र 28 व 29 अक्टूबर को होगा, जिसमें हुड्डा बहुमत साबित करेंगे। इसी बीच हजकां ने भी सरकार को समर्थन देने का फैसला कर लिया है। समर्थन की शर्तें क्या होंगी यह अभी तय नहीं हैं।
रविवार को राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा ने हरियाणा राजभवन में आयोजित समारोह में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। हुड्डा ने कांग्रेस पार्टी के तीन केंद्रीय पर्यवेक्षकों, हरियाणा मामलों के प्रभारी एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, कांग्रेस के महासचिव बीके हरि प्रसाद और मोहसिना किदवई की उपस्थिति में हिंदी में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
सात निर्दलियों व बसपा के एक विधायक के बाद हजकां के समर्थन से सरकार को कुछ स्थायीत्व मिल गया है। शपथ ग्रहण समारोह में हुड्डा ने अकेले शपथ ग्रहण की। कहा जा रहा है कि आलाकमान से विचार-विमर्श के बाद वह जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। इसके अलावा कांग्रेस के सभी गुटों को खुश करने और हजकां और निर्दलियों को भी संतुष्ट करना भी चुनौती से कम नहीं है। प्रदेश में कुल 14 मंत्री बन सकते हैं और सभी निर्दलीय मंत्री पद पाने की जोड़-तोड़ में हैं। इनेलो के संपर्क में पूर्व से रहे तीन निर्दलियों को तो पहले विस्तार में मंत्री पद हर हाल में देना ही होगा। इसके अलावा रोहतक, झज्जर व सोनीपत से बाहर अपने प्रभाव का विस्तार करना भी हुड्डा के लिए चुनौती से कम नहीं है। इन चुनावों में एक बार फिर हुड्डा और कांग्रेस इन्हीं जिलों में सिमटते नजर आए।

Tuesday, August 25, 2009

हजकां बीएसपी में सीट तालमेल

इनेलो -बीजेपी गठबंधन का हश्र देख आनन-फानन में हरियाणा जनहित कांग्रेस और बसपा ने मंगलवार को विधानसभा चुनाव की सीटों का बंटवारा कर लिया। जिस तरह से गठबंधन की घोषणा के बाद से सीटों के तालमेल का मामला अटका था, इस गठबंधन पर ही सवाल उठने लगे थे हालाँकि दोनों दलों ने सीटों के बंटवारे की घोषणा कर यह जताने का प्रयास किया है की उनके यहाँ सब ठीक है लेकिन Barwala और बवानी खेडा पर जिस तरह टकराव की नौबत आई उसने करार की कामयाबी पर ही सवाल खड़े कर दिए भिवानी, हिसार में एक भी रिज़र्व सीट बीएसपी के कोटे में नही गई इसका नतीजा यह हुआ की बीएसपी का बेस कैडर ही समझौते से स्वयं को ठगा महसूस करने लगा


अनुशासन के डंडे या पार्टी के प्रति वफादारी ने भले ही उन्हें अब चुप करा दिया हो और हजकां को इसमें जीत नज़र रही हो लेकिन चुनाव में इनकी निष्क्रियता जीत की राह को दूभर कर सकती है हिसार और कुरुक्षेत्र में बीएसपी के कुछ सीनियर नेताओं के ख़िलाफ़ जो चिंगारी उठी थी, उसे भले ही अभी दबा दिया हो, लेकिन कमजोर सीटें लेने के कार्यकर्ताओं के आरोप गठबंधन के जोश को ठंडा कर ही रहे हैं। आरोप टो यह भी है की लोकसभा चुनाव में हजकां हिसार और भिवानी में बढ़त बनती दिखी और इसी के दम पर हजकां ने बीएसपी को इन जिलों में जमकर रूलाया और जान बूझकर उन्हें कमजोर सीटें दी


बहरहाल दोनों दल सीट बंटवारे पर राजी हो गए हैं। इसके अलावा गठबंधन की 20 सितंबर को जींद में रैली करने की घोषणा की गई है, जिसकी मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती होंगी और अध्यक्षता हजकां के संरक्षक पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल करेंगे। चंडीगढ़ में हजकां सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई और बसपा के प्रदेश प्रभारी मान सिंह मनहेड़ा ने प्रेस सम्मेलन करके चंडीगढ़ में सीटों के बंटवारे का एलान किया। गठबंधन के नियम के मुताबिक हजकां के हिस्से 50 और बसपा के हिस्से 40 सीटें आई हैं। दस आरक्षित सीटों पर बसपा के प्रत्याशी होंगे, जबकि सात आरक्षित सीटों पर हजकां के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। इस अवसर पर बसपा प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश भारती भी मौजूद थे। लेकिन उनकी अधिकांश समय चुप्पी यह बता रही थी की कार्यकर्ताओं का उन पर कितना दबाव है। कुलदीप और मनहेडा जब एक दूसरे को गलबहियां कर रहे थे , विरोधी भारती एक तरफ़ खड़े मुस्कुराने की कोशिश कर रहे थे गठबंधन में दोनों दलों ने कुछ समझौते भी किए। लोकसभा चुनाव में करनाल संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली इंद्री सीट पर बसपा प्रत्याशी जीता था पर यह सीट हजकां को दे दी गई, क्योंकि यहां पर हजकां के युवा नेता पूर्व विधायक राकेश कांबोज को चुनाव लड़ना है। हिसार संसदीय सीट के तहत बरवाला विधानसभा सीट पर हजकां प्रत्याशी ने विजय हासिल की थी, यह सीट बसपा को दे दी गई। इस सीट पर बसपा बलवान सिंह जांगड़ा को प्रत्याशी बनाएगी।
आर्य के लिए यह चुनौती आसान नहीं। जांगडा को बरवाला सीट मिल गई पर एक ओर उन्हें विरोधियों के तीर तो सहने ही पड़ेंगे, वहीं नाराज हजकाई भी उनकी राह में बाधा पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।ऐसे में निश्चत तौर पर दोनों दलों के तालमेल पर असर पड़ेगा। वहीं बवानीखेड़ा में स्थिति इसके विपरीत है। सीट हजकां के खाते में हैं लेकिन बसपा का बेस कैडर वहां उपेक्षित महसूस कर रहा है। ऐसे में बसपा का वोट बैंक उन्हें मिलने से रहा। स्थिति उस समय गंभीर हो जाएगी यदि हजकां ऐसे प्रत्याशी को मैदान में उतार देती है जो कभी इस क्षेत्र में सक्रिय ही नहीं रहा और लोकसभा चुनाव में मैदान में तो जरुर आए लेकिन जमानत तक भी नहीं बचा पाए।वहीं बागियों का विरोध सो अलग। इसलिए सबसे पहले जरुरी था कि दोनों दल दिलों की गांठ खोलने का प्रयास करते और उसके बाद ही सीटों का बंटवारा किया जाता। लेकिन गठबंधन की घोषणा के महीनों बाद तो दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने कोई संयुक्त जनसभा की और ही संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन। कार्यकर्ता आखिर तक गठबंधन टूटने की आशंका को पाले रहे। ऐसे में एकजुट होकर चुनाव लडऩे की उम्मीद करना ही बेमानी दिखता है।