Friday, December 19, 2008

पुलिस की गोली बनी भिवानीवासियों का नसीब

लगता है पुलिस की गोली भिवानीवासियों का नसीब बन चुकी है। कभी किसान आन्दोलन में और कभी बदमाशों की तलाश के नाम पर जिले के वाशिंदे पुलिसकर्मियों की निर्मम गोली के शिकार बनते हैं। चार दशक से हरियाणा की राजनीती के केन्द्र में रहने के बावजूद राजस्थान की सीमा से सटेहरियाणा के इस जिले में आज भी विकास उस गति से नहीं हो पाया जिसके लिए हरियाणा जाना जाता है। अपनी समस्या के लिए इन भोले भाले लोगों ने अपनी मांग के लिए जब भी आवाज उठाई, बदले में इन्हें पुलिस की गोली ही मिली। हाँ, राजनेता भी इनके भोलेपन का फायदा उठाकर इन्हें बलि का बकरा बना रहे हैं।
मंडियाली कांड :
कादमा कांड :
एनकाउंटर में छात्रा की मौत:
फर्जी एनकाउंटर : 2008 में दो बेकसूर लोग बेवजह पुलिस के फर्जी एनकाउंटर का शिकार हुए।
June में तोशाम के पास युवक महेंदर को पुलिस ने बदमाश समझ गोली मार दी।
October में पुलिस ने रात को दोस्तों संग शादी से लौट रहे छात्र की हत्या कर दी।
खरक में फायरिंग : भिवानी जिले के गांव खरक में दो लोगों की मौत पर पुलिस की ढिलाई का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस ने फायरिंग कर दी। दो लोगों की मौत हो गई और 50के करीब लोग घायल हो गए।
हर बार पुलिस की निर्ममता का विरोध हुआ और आन्दोलन हुए। हर बार जांच भी शुरू हुई पर आज तक किसी को नहीं पता की इस जांच ने किसे दोषी ठहराया। किसी को सजा नहीं मिली। राजनेताओं की चुनावी रोटियां सेंकी गई, मरने वाले जान से गए। पर आज भी पुलिस उसी अंदाज़ में (या उससे भी खतरनाक) बेगुनाहों को निशाना बना रही है। अब बेचारी जनता किसका दरवाजा खटखटाए।

जिले का बड़ा हिस्सा रेतीला होने के कारण खेती के लिए बेहतर नहीं खा जा सकता। शायद यही वजह है कि यहाँ कोई खास उद्योग पनप नहीं पाया। एक समय टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए जाने वाले इस जिले में अब अधिकतर उद्योग बंद राजनितिक निष्क्रियता के कारण बंद हो चुके हैं।

Thursday, December 18, 2008

भिवानी में उबाल, दो मरे






एक बार फ़िर भिवानी आन्दोलन की आग में जल उठा। भिवानी के गांव खरक के दो लापता युवकों की मौत ने ग्रामीणों में इस कदर गुस्सा भर दिया और वे सड़क पर उतर आये और पुलिस से ही भीड़ गए। इस टकराव में गांव के दो लोगों की पुलिस की गोली से मौत हो गई। 15 पुलिस वालों और कई अधिकारीयों समेत 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
गांव के दो युवक 14 दिसम्बर को शादी में गए थे और उसके बाद फ़िर नहीं लौटे। घर वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी लेकिन पुलिस ने कोई करवाई नहीं की। 17 दिसम्बर की रात दोनों के शव नहर में मिलने पर ग्रामीणों को गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने सड़क पर आकर जाम लगा दिया। रही सही कसर राजनेताओं के भड़काऊ बयान और अफसरों की लापरवाही ने पूरी कर दी।
अफसर ग्रामीणों को विश्वास नहीदिला पाए की वे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
उन्होंने डंडे के दम पर जाम को हटाने का प्रयास किया और उसके बाद वाही हुआ जो नहीं होना चाहिए था। ग्रामीण पत्थर बरसा रहे थे और पुलिस वाके भी उनसे पीछे नहीं रहे। उन्होंने डंडे बरसाए, पत्थर चलाये और आँसू गैस के गोले छोडे। इसके बाद भी हालात काबू नहीं हुए तो पुलिस ने गोलियां बरसानी शुरू कर दी। उसके बाद गांव में जंग जैसे हालात दिखाई दे रहे थे। इसका ही नतीजा था की दो लोगों की पुलिस की गोली से मौत हो गई। छः से अधिक लोग PGI रोहतक में जिन्दगी और मौत से जूझ रहे हैं।

दिग्गजों का सम्मान

खेल की दुनिया में अपना नाम रोशन करने के बावजूद अखिल को अपना और अपने जैसे मुक्केबाजों का भविष्य सुरक्षित नज़र नहीं आ रहा। अखिल वर्ल्ड कप में भले ही चैंपियंस के छक्के छुडाकर आए हों लेकिन राजनीती के खिलाफ जंग में हताश प्रतीत हो रहे हैं। वर्ल्ड कप में जाने से पहले जिस तरह वह सरकार की वादाखिलाफी से दुखी दिख रहे थे, मैडल जीतने के बाद भी उनकी हताशा कम होती नहीं दिखाई दी। अखिल ने एक बार फ़िर सरकार को खिलाड़ियों और खेलों के भविष्य की दुहाई देते हुए कहा, "सरकार को खिलाड़ियों भविष्य को सुरक्षित बनने के लिए कुछ करना होगा, ताकि वह खेलों पर जी जान से जुट सके।"
यहाँ याद दिलाना होगा की अखिल के बीजिंग में शानदार खेल के बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें हरियाणा पुलिस में dsp बनाने की घोषणा की थी। उस पर आज तक कुछ भी नहीं हुआ है और वर्ल्ड कप में जाने से पहले अखिल ने इस पर निराशा भी जताई थी। सरकार की इस बेरुखी ने निश्चित ही इस महान मुक्केबाज को निराश किया होगा। बोक्सिंग एसोसिएशन की भी चुप्पी सवाल उठाती है।
mdu में अपने अभिनन्दन समारोह में अखिल युवाओं को प्रेरित तो करते रहे और आगे बढ़कर जिम्मेदारी लेने की बात भले ही करते रहे लेकिन कहीं न कहीं सरकार की बेरुखी शूल बनकर उनके दिल में चुभ रही है और जो शब्द बनकर यदा-कदा फूट पड़ती है।

Tuesday, December 16, 2008

प्रेम की कहानी

चाँद मोहम्मद और फिजा कि प्रेम कहानी अब दिल्ली पहुँच गई है। दोनों ने ( 16दिसम्बर) को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में जमकर लटके-झटके दिखाए। प्यार को हासिल करने में धर्म और उप मुख्यमंत्री कि कुर्सी छोड़ चुके चंद्रमोहन अभी भी राजनीति को अलविदा कहने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जल्द सोनिया गाँधी से मिल माफ़ी मांगेंगे और पंचकुला कि जनता के बीच अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो फिजा को चुनाव मैदान में उतारेंगे ।
प्यार के सामने सब बौने!
चाँद और फिजा ने कहा कि प्यार के सामने धन दौलत, इज्जत और सब कुछ कुर्बान कर भी सौदा महंगा नहीं है। प्यार के लिए सब जायज है। पत्रकारों के तीखे सवाल पर चाँद जब भी मुश्किल में फंसते दिखे तो फिजा ने बार-बार बात संभाली।




Monday, December 15, 2008

कपिल देव पहुंचे भिवानी

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव (15 December ) को भिवानी में डी पी एस स्कूल के खेल उत्सव में भाग लेने पहुंचे। कपिल ने इस अवसर पर बच्चों को अच्छे संस्कार देने पर बल दिया। कपिल ने कबूतर उड़ाकर उत्सव की शुरुआत की। कपिल ने कहा कि बच्चों के बीच आकर उनकी बचपन की यादें तजा हो गई हैं। उन्होंने खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित भी किया।

Sunday, December 14, 2008

२००९ होगा किसान-मजदूर वर्ष

हरियाणा सरकार ने वर्ष २००९ को किसान-मजदूर के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यह घोषणा मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा ने सिरसा जिले के रानियाँ में किसान रैली में की। रैली का आयोजन रणजीत सिंह ने किया था। इसमें कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी मोतीलाल वोरा ने सरकार की नीतियों की सराहना की। इस अवसर पर सी एम ने वादा कि सरकार नहरों में अन्तिम छोर पर पानी पहुंचायेगी।