Wednesday, December 2, 2009

Supreme Court ने आरक्षण पर शुरू की नई बहस

आरक्षण राज्यों का विवेकाधिकार : सुप्रीम कोर्ट
एमडी-एमएस प्रवेश में आरक्षण मामले में हरियाणा सरकार को राहत
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने एक अहम फैसले में कहा है कि शैक्षणिक संस्थाओं में मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) या पिछड़े वर्ग को आरक्षण देना राज्य सरकारों का विवेकाधिकार है। कोर्ट आरक्षण देने के लिए कोई रिट आदेश जारी नहीं कर सकता। इसके साथ ही आरक्षण के मसले पर नई बहस शुरू हो गई है।मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन, न्यायमूर्ति पी. सत्शिवम व न्यायमूर्ति जे.एम. पांचाल की पीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला हरियाणा के सरकारी मेडिकल कालेजों में पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश में एससी-एसटी छात्रों को आरक्षण दिए जाने की मांग खारिज करते हुए सुनाया है। पीठ ने राज्य सरकार को आरक्षण देने के आदेश जारी करने की मांग ठुकराते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 15 (4) में राज्य सरकारों को मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में आरक्षण लागू करने का अधिकार दिया गया है। पर यह राज्यों पर निर्भर करेगा कि वे इस संबंध में कोई कानून बनाते हैं या कोई कार्यकारी आदेश पारित करते हैं अथवा नहीं।कोर्ट ने कहा है कि पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश में एसएसी, एसटी या पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिए जाने के बारे मे राज्य सरकारें ही सबसे अच्छी निर्णायक (बेस्ट जज) हो सकती हैं। कोर्ट ने कहा कि पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रम प्रवेश में आरक्षण न देने के हरियाणा सरकार के फैसले में कोई खामी नहीं है। प्रत्येक राज्य अपने यहां की स्थिति के मद्देनजर आरक्षण देने या नहीं देने का फैसला खुद ले सकता है। कोर्ट ने कहा है कि अगर हरियाणा सरकार ने स्नातक स्तर के मेडिकल पाठ्यक्रम एमबीबीएस व अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम प्रवेश में एससी, एसटी व पिछड़े वर्ग को आरक्षण दे रखा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर भी आरक्षण देने को बाध्य है। राज्य सरकार कई बार कह चुकी है कि वह पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर आरक्षण देने के हक में नहीं है तो ऐसी परिस्थितियों में कोर्ट उसके फैसले के खिलाफ आदेश नहीं जारी कर सकता। पीठ ने कहा कि आरक्षण नहीं देने वाले विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रास्पेक्टस को गलत नहीं कहा जा सकता। हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हरियाणा सरकार चाहे तो भविष्य में अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर सकती है। एम्स द्वारा अखिल भारतीय स्तर कर कराई जाने वाली पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम प्रवेश परीक्षा में आरक्षण लागू होने की दलील पर कोर्ट ने कहा कि वह केन्द्र सरकार का फैसला है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उसे देखते हुए राज्य सरकारें भी उसे लागू करने के लिए बाध्य हैं। जहां पर राज्य सरकार को प्रवेश परीक्षा में नियमन व नियंत्रण का अधिकार है वह आरक्षण लागू करने के बारे में स्वयं निर्णय ले सकती है।

विकलांगों को तोहफा

विश्व विकलांग दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 'जवाहर सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन' योजना शुरू करने की घोषणा की। इस योजना के तहत विकलांगों, वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के विकास एवं उत्थान पर विशेष बल दिया जाएगा। जिलास्तर पर विशेष स्कूल या संस्थान खोले जाएंगे। इसके लिए 150 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।विश्व विकलांग दिवस पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी तरह की इस पहली योजना के तहत नेत्रहीनों, मूक एवं बधिरों, शारीरिक रूप से विकलांग लोगों, मानसिक विक्षिप्तों, वरिष्ठ नागरिकों तथा बच्चों के लिए जिला स्तर पर विशेष स्कूल या संस्थान स्थापित किए जाएंगे। योजना के तहत नेत्रहीनों के लिए 10 विद्यालय, मूक एवं बधिरों के लिए आठ विद्यालय, मानसिक विक्षिप्तों के लिए छह विद्यालय, तीन राज्यस्तरीय संस्थान, मानसिक विक्षिप्तों के लिए दो गृह, वरिष्ठ नागरिकों के लिए चार गृह, छह बाल गृह तथा 21 व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तथा प्रस्तावित भवनों के नक्शे पहले ही तैयार किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसिक विक्षिप्तों के लाभार्थ 'घरौंदा' नामक अन्य योजना लागू की गई है, ताकि उन्हें आश्रय उपलब्ध कराया जा सके। यह योजना गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे मानसिक विक्षिप्तों के लिए राष्ट्रीय न्यास तथा राज्य सरकार द्वारा बराबर हिस्सेदारी के आधार पर चलाई जा रही है। गरीबी रेखा से ऊपर वाले मानसिक विक्षिप्त आठ लाख रुपये की राशि अदा करके इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। प्रदेश सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एक करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं।

कुम्हारिया में 2012 में शुरू होगा उत्पादन

न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन आफ इंडिया का विशेष दल हरियाणा पहुंचा
700-700 मेगावाट की चार इकाइयां स्थापित होंगी
Nuclear Power Corporation of India (NPCIL) ने फतेहाबाद के कुम्हारिया में न्यूक्लियर पावर परियोजना स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और 2012 में इसकी प्रथम व द्वितीय इकाइयां काम करना शुरू कर देंगी। इस संबंध में न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक डा. एसके जैन के नेतृत्व में निगम के वरिष्ठ अधिकारियों का दल हरियाणा पहुंच चुका है। दल ने बुधवार को चंडीगढ़ में हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पहली बैठक की। यह दल नई दिल्ली में शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से भी भेंट करेंगे। इससे पूर्व वह कुम्हारिया का दौरा करेंगे। बैठक की अध्यक्षता वित्त विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव अजीत एम शरण ने की। इस परमाणु ऊर्जा केंद्र में 700-700 मेगावाट की चार इकाइयां स्थापित की जाएंगी और केंद्र की कुल क्षमता 2800 मेगावाट होगी। न्यक्लियर पावर कारपोरेशन की टीम बृहस्पतिवार को क्षेत्र का दौरा करेगी और उसके बाद हरियाणा सरकार जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई को आगे बढ़ा पाएगी।सूत्रों के अनुसार हरियाणा सरकार इस प्लांट के लिए जमीन का दायरा कम करने की तैयारी कर रही है। इससे पूर्व 2471 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की बात की जा रही थी, लेकिन अब मात्र 1100 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने पर विचार चल रहा है। प्रदेश सरकार का मानना है कि इससे प्लांट का विरोध कम होगा और अधिग्रहण की कार्रवाई को जल्द सिरे चढ़ाया जा सकेगा।एनपीसीआईएल के एमडी जैन ने दावा किया है कि कुम्हारिया में प्रदूषण रहित एक ग्रीन प्रोजेक्ट होगा और जिसके रेडिएशन से भी स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।डा. एस के जैन ने कहा कि यह परियोजना भारी पानी के दवाब की स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगी। एनपीसीआईएल ने 17 न्यूक्लियर पावर परियोजनाएं स्थापित की हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010-11 तक या 2012 से पूर्व इस पूर्व-परियोजना का कार्य पूरा हो जाएगा। प्रथम और द्वितीय इकाई का निर्माण मार्च 2012 तक आरंभ हो जाएगा। तीसरी और चौथी इकाई का कार्य लगभग तीन या चार वर्षों उपरांत शुरू होगा। प्रोजेक्ट से उत्पादित बिजली का शुल्क लगभग 2.7 रुपये प्रति यूनिट होगा, जो देश में कोयला आधारित संयत्रों से उत्पादित बिजली की वर्तमान दर से बहुत सस्ती होगी। डा. जैन ने बताया कि निगम द्वारा चिकित्सा सुविधा और एक टाउनशिप के अतिरिक्त एक सीबीएसई स्कूल की भी स्थापना की जाएगी। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार और गुरू जंभेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार में न्यूक्लियर टैक्रोलोजी में परियोजना शुरू करने के लिए एनपीसीआईएल की सहायता की भी उन्होंने पेशकश की है। बैठक में बिजली विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव मधुसूदन प्रसाद, बिजली निगमों के प्रबंध निदेशक ले. जनरल (सेवानिवृत) ओ एस लोहचब तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।