केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने प्रदेश से गुजरने वाले लगभग 300 किलोमीटर लंबाई के छह मार्गो को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाने की मंजूरी दे दी है। बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री कमलनाथ और मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच बैठक में उक्त फैसला लिया गया। ये मार्ग सोनीपत-गोहाना-जींद (एनएच-1 और एनएच-71 के बीच में), अंबाला-साहा (एनएच-1 और एनएच-73 के बीच में), साहा-शाहाबाद (एनएच-73 और एनएच-1 के बीच में), गुड़गांव-झज्जर-बेरी-कलानौर-महम (एनएच-8 और एनएच-10 के बीच में), रोहतक-भिवानी-लोहारू-पिलानी-राजगढ़ ( एनएच-10 और एन.), उकलाना (सूरेवाला चौक एनएच 65 पर)-टोहाना-पातड़ां (पंजाब में एनएच 71 पर) हैं। कमलनाथ ने राज्य की कई सड़कों के सुधार के लिए केंद्रीय सड़क कोष से 300 करोड़ रुपये की राशि दिए जाने के लिए भी स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा राष्ठ्रीय राजमार्गो के सुधार के लिए भी 200 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। कमलनाथ ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की परियोजनाओं को जल्दी पूरा करने के भी निर्देश दिए। ये परियोजनाएं हैं - चार/छह लेन का रोहतक-बहादुरगढ़ मार्ग, चार लेन का रोहतक-पानीपत मार्ग, चार लेन का अंबाला-कैथल मार्ग, चार लेन का पंचकूला-साहा मार्ग, छह लेन का पानीपत-अंबाला मार्ग, छह लेन का गुड़गांव - राजस्थान बार्डर मार्ग तथा छह लेन का फरीदाबाद-पलवल-आगरा मार्ग। इनके अर्न्तगत क ई स्थानों पर ग्रेड-सेपरेटर बनाने की भी मंजूरी दे दी गई है।
श्रेय लेने की होड़
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से छह मार्गो को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाने की मंजूरी मिलते ही प्रदेश के नेताओं में इस प्रोजेक्ट का श्रेय लेने की होड़ सी ही शुरू हो गई। एक और सरकारी तंत्र इसके लिए सीएम और उनके सांसद बेटे की शान में कसीने पढने लगा , वहीं भिवानी की सांसद Shruti और उनकी माँ और प्रदेश की वन मंत्री किरण चौधरी इसका श्रेय लेने की होड़ में जुट गई। जब सत्ताधारी दल में इस कदर मारामारी हो, तब विपक्ष कैसे चुप बैठ सकता था। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने इन्हें अपने शासन में हुए निर्णय बताकर इनेलो और राजग की दावेदारी से नहीं चुके।