Saturday, April 4, 2009

जाट और ब्राह्मण मतदाता करेंगे Sonipat का फैसला

Sonipat लोकसभा सीट नए परिसीमन के बाद भी जाट लैंड के रूप में ही प्रसिद्ध है। लोकसभा चुनाव में जीत के लिए प्रचार और प्रत्याशी तय करने वालों दलों की निगाह सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं के जातिगत समीकरण पर टिकी है।
बहुजन समाज पार्टी ने जहां यूपी की तर्ज पर सोशल इंजीनियरिंग का नारा देते हुए गैरजाट देवराज दिवान को प्रत्याशी घोषित किया है, वहीं भाजपा ने इनेलो के गठबंधन के बूते तीन बार से लगातार सांसद रह चुके किशन सिंह सांगवान को उम्मीदवार घोषित किया है।
हरियाणा जनहित कांग्रेस अभी तय नहीं कर पा रही है कि किसे उम्मीदवार बनाए? हजकां भी जातिगत समीकरणों और मतदाताओं में पैठ रखने वाले चेहरे की तलाश में है। उम्मीद कर सकते हैं कि हजकां किसी पुराने चेहरे को अचानक सामने लाकर लोगों को चौंका दें। बसपा को छोड़कर सुमन शर्मा ने हजकां का दामन थामा तो उन्होंने घोषणा की कि हजकां ब्राह्मण उम्मीदवार की तलाश कर रही है।
उधर कांग्रेस में कई जुमले उछाले जा रहे हैं। राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृष्णा गहलावत की पुत्र बहू डा. ज्योति मिर्घा को नागौर राजस्थान से लोकसभा टिकट कांग्रेस ने दिया है। इस कारण टिकट वितरण में कृष्णा गहलावत के नाम पर विरोध शुरू हुआ है। कांग्रेस भी जाट नेता को उम्मीदवार बनाना चाहती हैं।
सीएम को भरोसा है कि सोनीपत से किसी को भी टिकट मिला, उसकी जीत सुनिश्चित है। यह विश्वास ही कांग्रेस में टिकटों के लिए खींचतान का माहौल बना रहा है। ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या को देखते हुए कई निर्दलीय भी मैदान में घुस गए हैं।
कांग्रेस से बागी उमेश शर्मा, हरियाणा विकास मंच से शिव नारायण शर्मा ने भी खुद को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इसके अलावा भी कई नेता जाति के नाम पर राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं।
4 लाख जाट, सवा लाख हैं ब्राह्मण
सोनीपत सीट पर हमेशा जाट और ब्राह्मण ही जीत और हार का अंतर तय करते हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में 381347 जाट मतदाता हैं तो 118418 ब्राह्मण मतदाता हैं। इसके अलावा लगभग 12 हजार सिख मतदाता हैं।
लगभग 42 हजार सैनी समाज के वोटर भी प्रत्याशी की सिरदर्दी बढ़ाने के लिए काफी हैं। बैरागी समाज के भी लोकसभा क्षेत्र में लगभग 17 हजार वोट हैं, जो एकजुट हो जाने के बाद अपनी शक्ति बता सकते हैं। कश्यप बिरादरी के भी क्षेत्र में लगभग 24 हजार वोटर हैं। इन सभी गणितों को देखते हुए ही यहां पर जाट और ब्राह्मण प्रत्याशियों को ज्यादा तव्वजो दी जाती है। इसके बावजूद बसपा ने गैर जाट का पत्ता खेलकर दूसरी पारी की तैयारी की है। बसपा सभी गैर जाट मतदाताओं को एकजुट करने का काम कर रही है।
मैदान में प्रत्याशी
बीजेपी (NDA)-------- किशन सिंह सांगवान
बीएसपी --------- Devraj दीवान
कांग्रेस और हजकां को अभी प्रत्याशी नही मिल पाया है।

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