दो डीएफएससी, दो एएफएसओ भ्रष्टाचार के मामले में फंसे
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के दो डीएफएससी, दो एएफएसओ, चार सब इंस्पेक्टर तथा सात डिपो होल्डरों पर विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के मामले में शिकंजा कस लिया है। इन पर केरोसिन व बीपीएल परिवारों के हिस्से का गेहूं डकारने का आरोप है। विजिलेंस ने इन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। सिरसा में 2005-06 के दौरान खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने गलत तरीके से जिले में नौ लाख 96 हजार लीटर केरोसिन अतिरिक्त चहेते डिपो होल्डरों में बांटकर लाखों रुपये डकार लिए। मामला उस समय उजागर हुआ, जब कुछ डिपो होल्डरों ने अधिकारियों द्वारा निर्धारित रिश्वत राशि बढ़ाने पर विरोध शुरू कर दिया। असंतुष्ट डिपो होल्डरों ने राज्य चौकसी ब्यूरो को इस संबंध में शिकायत की। इसमें आरोप लगाया गया कि संबंधित खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने केरोसिन के प्रत्येक ड्रम पर 150 रुपये, बीपीएल परिवारों के गेहूं पर प्रति क्विंटल 20 रुपये, चावल पर प्रति क्विंटल 25 रुपये के हिसाब से रिश्वत निर्धारित की है। साथ ही गैस एजेंसी संचालकों से 10 लाख रुपये प्रति माह रिश्र्वत वसूली जा रही है। राज्य चौकसी ब्यूरो के अधिकारियों ने इस संबंध में जांच पूरी कर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार एजेंसी संचालकों से दस लाख रुपये प्रति माह वसूली के आरोप साबित नहीं हो पाए, लेकिन शेष आरोप सही पाए गए हैं। विजिलेंस जांच अधिकारी ने रिपोर्ट दी है कि वर्ष 2005-06 के दौरान सिरसा में तैनात दो डीएफएससी हंसराज भादू, आरती मैदान, दो एफएसओ महेंद्र कुमार व बलवंत सिंह, चार सब इंस्पेक्टर ओमकुमार, रामप्रकाश, जयभगवान, सुरेश आर्य और सात डिपो धारकों ने कालाबाजारी कर लाखों रुपये डकार लिए। इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी आईपीसी व 13(1) पीसी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। विजिलेंस ने चार सब इंस्पेक्टरों व सात डिपो होल्डरों पर भी शिकंजा कसा.