Thursday, July 23, 2009

प्रेम की सजा मौत

पंचायत बेखौफ, सरकार लाचार
प्रेम विवाह रचाने वाले को पीट-पीट कर मार डाला
हाई कोर्ट के वारंट अधिकारी को भी धुना
हाईकोर्ट के वारंट अधिकारी के संरक्षण में अपनी पत्नी को लिवाने गए युवक की सिंघवाल गां में लड़की के परिजनों व अन्य ग्रामीणों ने पंचायती परंपरा के नाम पर पीट-पीटकर हत्या कर दी। युवक की सुरक्षा में साथ आए पुलिसकर्मी दुम दबाकर उसे मरने के लिए छोड़कर भाग खड़े हुए। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने युवक के शव को गांव के चौक पर फेंक दिया और खुद ही पुलिस को सूचना दी। परंपरा के नाम पर उत्पात जारी है और वोटों के लालच में सभी राजनीतिक दल पूरे मसले पर मौन धारण किए बैठे हैं और कोई इस संवेदनशील मसले पर जुबान भी नहीं खोल रहे हैं। यहां तक सरकार के प्रतिनिधि व अधिकारी भी पंचायतों के आगे दुम हिलाते दिख रहे हैं।हालत यह है कि हमले में हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त वारंट आफिसर भी गंभीर रूप से घायल हैं । इस युगल ने हाल ही में घर से भागकर मंदिर में शादी कर ली थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने पुलिस को उनकी सुरक्षा के आदेश दिए थे। वारदात के बाद पुलिस युवती के पिता, मां व अन्य के खिलाफ मामले दर्ज कर कागजी कार्रवाई की खानापूर्ति में जुटी है।
घर से भागकर रचाई शादी
कैथल के मटौर गांव निवासी वेदपाल नरवाना के सिंघवाल में प्रेक्टिस करता था। उसका गांव की लड़की सोनिया के साथ प्रेम हो गया। बताते हैं कि सोनिया के परिजनों ने गत 17 मार्च को उसकी शादी लोन गांव में तय कर रखी थी। लेकिन इससे पूर्व 9 मार्च को ही दोनों अचानक गायब हो गए और एक मंदिर में शादी रचा ली। इसके बाद वे हाईकोर्ट में पेश हो गए थे। दूसरी तरफ, सोनिया के परिजनों ने वेदपाल के खिलाफ लड़की को भगाकर ले जाने का मामला भी दर्ज कराया था।
पंचायत के आश्वासन पर आए थे घर
27 मार्च को सर्व खाप की एक पंचायत छोटूराम पार्क में हुई थी। इसमें शादी पर कड़ा एतराज किया गया था। कुछ दिनों पूर्व संघवाल व मटौर के गणमान्य लोगों की एक पंचायत हुई थी, जिसमें सिंघवाल के लोगों ने सोनिया को वापस लौटाए जाने की मांग की थी। पंचायत में कहा गया था कि घर लौटने पर सोनिया को कुछ नहीं कहा जाएगा। इसके बाद सोनिया सिंघवाल में आ गई थी।
हाईकोर्ट ने नियुक्त किया था वारंट अफसर
वेदपाल ने दो दिन पहले हाईकोर्ट में अपनी पत्नी को उसे दिलाए जाने की गुहार लगा दी। इस पर हाईकोर्ट ने सूरजभान को वारंट आफिसर नियुक्त कर दिया। सूरजभान बुधवार सायं सदर थाना पुलिस व वेदपाल को साथ लेकर गांव में पहुंचा और सोनिया के परिजनों से उसे वेदपाल के सुपुर्द करने की बात कही। उन्हें बताया गया कि लड़की गांव में नहीं है। इस दौरान लड़की के परिजनों व दूसरे पक्ष में तू-तू मैं-मैं हो गई। लड़की के परिजनों व अन्य कुछ लोगों ने वारंट आफिसर व उसके साथ गए पुलिस कर्मियों व वेदपाल पर हमला बोल दिया। इसमें कुछ पुलिसकर्मी भागने में कामयाब हो गए जबकि वारंट आफिसर सूरजभान, सदर थाना के एसएचओ बलवंत सिंह तथा कांस्टेबल शीशपाल, ओमप्रकाश व राजेंद्र कुमार को चोटें आईं है।ग्रामीणों का गुस्सा देखकर वारंट आफिसर व पुलिसकर्मी किसी तरह बचकर भाग गए, लेकिन वेदपाल उनके चंगुल में फंस गया और ग्रामीणों ने पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। गांव के कुछ लोगों ने देर रात पुलिस को फोन पर सूचना दी कि वेदपाल का शव गांव के चौक में पड़ा है। वेदपाल का बृहस्पतिवार को गांव मटौर में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान पूरे गांव में सन्नाटा पसरा था। गांव में भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था।

Wednesday, July 22, 2009

आस्था की डुबकी


सदी के सबसे बड़े सूर्यग्रहण के अवसर पर बुधवार को धर्मनगरी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। ब्रह्म्सरोवर व सन्निहित सरोवरों में देशभर से आए 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। प्रात: 5.35 बजे सूर्यग्रहण का स्पर्श होते ही दोनों सरोवर व आसपास के मंदिर शंख ध्वनि से गुंजायमान हो उठे और लाखों लोग स्नान के लिए सरोवरों में उतर गए। 7.25 बजे मोक्ष के बावजूद दिनभर स्नान करने वालों का तांता लगा रहा। भीड़ का आलम यह था कि करीब पांच हजार पुलिस के जवान व अधिकारी भी लोगों को संभाल पाने में विफल रहे। ब्रह्म्सरोवर की 3।7 किलोमीटर लंबी परिक्रमा में पैर रखने की जगह तक नहीं थी। यमुनानगर के कपालमोचन तीर्थ में भी हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान किया। सूर्यग्रहण का स्पर्श शुरू होते ही श्रद्धालुओं ने पवित्र ब्रह्म्सरोवर व सूर्यकुंड (सन्निहित सरोवर) में डुबकी लगाई और सूर्यदेव को जल अर्पित किया।

जीन्द के पांडू पिंडारा और रोहतक के गौकरण तीर्थ में भी हजारों लोगों ने पवित्र सरोवरों में स्नान किया।
राजनेता भी पहुंचे सरोवर में डुबकी लगाने


धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण के अवसर पर प्रदेश के सभी दिग्गज नेता भी आ जुटे। इसे चुनावी महाभारत की कसरत कहें या धर्म में आस्था लेकिन यह य है कि चुनाव नजदीक आते देख राजनेता जनता को अपने पक्ष में करने के लिए कोई हथियार बाकि नही रखना चाहते।
सीएम हुड्डा तो यहां तैराकी भी करते दिखे, लेकिन राज्यसभा सांसद अजय चौटाला और सांसद नवीन जिंदल के अंदाज बिलकुल चुनावी थे।

सीएम हुड्डा के साथ-साथ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी थे तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष फूलचंद मुलाना और कार्यकारी अध्यक्ष कुलदीप शर्मा अपने परिवार सहित उपस्थित थे।
चुनाव पास हैं और जनता के बीच राजनेताओं को जाना ही है, तो सूर्यग्रहण के बहाने एक पंथ दो काज हो गया।





Monday, July 20, 2009

यह भी पंचायत है

शादी के बाद रिश्ता तोडऩा सही नहीं : श्योराण खाप

एक और परम्परा के नाम पर जहाँ रिश्तों को तोड़ने के आदेश दिए जा रहे हैं और कानून को ताक पर रख सरेआम आतंक का माहौल पैदा किया जा रहा है। साथ ही पूरे हरियाणा को बंद करने की धमकी दी जा रही है लेकिन ऐसे समय में श्योराण खाप ने ऐतिहासिक निर्णय में शादी के बाद रिश्ता न तोड़ने की नसीहत दी है।
हिसार जिले के गांव कंवारी के गोत्र विवाद पर श्योराण खाप चौरासी ने रिश्ता तोडऩे का फरमान देने से इंकार कर दिया है। लोहारू में शहीद महावीर किसान भवन में श्योराण चौरासी की बैठक प्रधान चौ रामस्वरूप की अध्यक्षता में हुई। बैठक में निर्णय लिया कि एक बार विवाह होने के बाद उसे तोडऩा अव्यवहारिक और अनुचित है तथा इसे बरकरार रखना चाहिए। समस्या के समाधान के लिए गांव की सामाजिक पंचायत को चाहिए कि वह विवाहित जोड़ा गांव से कही दूर बसाए। खाप ने स्पष्ट किया कि किसी भी मामले को शांतिपूर्वक सुलझाया जाए।
उल्लेखनीय है कि झज्जर जिले की ही तरह कंवारी गांव के ख्यालिया गोत्र के युवक की शादी श्योराण गोत्र की युवती से हुई थी। श्योराण गोत्र ने इस रिश्ते पर सवाल उठाए थे और रविवार का यह मामला श्योराण चौरासी की पंचायत में भी उठा और कुछ लोगों ने रिश्ता तोड़ने का फरमान सुनाने की अपील की। लेकिन पंचायत ने रिश्ता तोड़ने से इनकार कर दिया। खाप ने ग्रामीणों को भी मामले को शान्ति से निपटाने को कहा।

Sunday, July 19, 2009

परम्परा के नाम पर सड़कों पर उत्पात

खाप का ढराणा पर हमला, 18घायल
लाठियों व पत्थरों से लेस भीड़ पहुंच गई थी पीडि़त परिवार के घर के पास

लाठियों, डंडों और पत्थरों से लेस हजारों कि भीड़ परम्परा के नाम पर सड़कों और गांव कि गलियों में उत्पात मचाती रही...हर और दहशत....गहलोत परिवार और पूरा गांव घर में दुबका रहा लेकिन पुलिस और प्रशासन हालातन बिगड़ने देने कि दुहाई के नाम पर हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। यह सब वहां हो रहा था, जहाँ से स्वयं सीएम का बेटा सांसद हैं और हुड्डा स्वयं चार बार सांसद के रूप में उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। मीडिया कर्मियों को पुलिस के सामने पकड़ कर पीटा गया। कैमरे तोड़ दिए गए, फ़ोन और पर्स छीन लिए गए। खुन्नस बस इतनी थी की मीडिया पंचायत के तुगलकी फरमान के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत दिखाई थी। हमलावर मीडियाकर्मियों को पकड़कर पीटते रहे और पुलिस खड़ी तमाशा देखती रही।

लेकिन जब ग्रामीणों के हाथ पुलिस के गिरेबान पर जा पहुँचे और पुलिस दल पर भी हमला बोल दिया गया। तब पुलिस ने लाठीचार्ज का आदेश दे दिया। उसके बाद आंसू गैस छोड़ी गई और हवाई फायरिंग की गई। तब तक नायब तहसीलदार समेत डेढ़ दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो चुके थे।

ढराणा गोत्र विवाद के मामले में पुलिस और प्रशासन की लापरवाही व अदूरदर्शिता के चलते रविवार को स्थिति विस्फोटक बन गई। गांव दूबलधन में कादियान खाप से जुड़े लोगों ने बैठक कर लाठियों व पत्थरों से लैस होकर गांव ढराणा की ओर कूच कर दिया और गांव में पीडि़त परिवार पर हमला बोल दिया। पीडि़त परिवार के मकान के पास खाप से जुड़े लोगों व पुलिसकर्मियों में जमकर पत्थरबाजी व लाठियां चलीं। इस टकराव में पीडि़त परिवार के मोहल्ले के लोग भी परिवार के पक्ष में उतर आए। स्थिति बेकाबू होने के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े व हवाई फायर के साथ लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। घटना में बेरी के नायब तहसीलदार सहित 18 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। देर शाम तक गांव ढराणा व दूबलधन में तनाव बरकरार था और दोनों जगह पर पंचायत जारी थी। गोत्र विवाद में पंचायत अब भी अपने रुख पर कायम है और कादियान खाप के प्रधान कैप्टन राजसिंह कादियान के नेतृत्व में ग्रामीणों ने ढराणा के सरकारी स्कूल में डेरा डाल दिया है। उनका कहना है कि गहलोत परिवारों के गांव छोडऩे के बाद ही वे वहां से हटेंगे। इसके लिए बाकायदा उन्होंने स्कूल के प्रांगण में ही खाना बनाना शुरू कर दिया है।

पिछले सप्ताह भर से एक तरह से नजरबंदी में जी रहे पीडि़त परिवार के लोगों ने सायं के समय भय के चलते गांव छोडऩे का निर्णय कर लिया था लेकिन गांव के अनेक लोगों व खाप से जुड़े कुछ बुद्धिजीवी लोगों के आग्रह पर उन्होंने पलायन के लिए बांधा गया सामान वापस रख दिया। इससे पूर्व शनिवार को बेरी की पंचायत में किए गए निर्णय के अनुसार कादियान खाप ने रविवार सुबह बेरी के राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय में खाप की महापंचायत का आयोजन किया। इसके लिए बाकायदा खाप से जुड़े सभी गांवों में लाउडस्पीकर के माध्यम से खाप की इज्जत के नाम पर महापंचायत में शामिल होने का आह्वान किया गया। लगभग एक घंटे चली महापंचायत में गांव ढराणा में पहुंचकर पीडि़त परिवारों पर हमला बोलकर जबरदस्ती उन्हें गांव से खदेडऩे का निर्णय किया गया। महापंचायत के बाद खाप से जुड़े लोग ट्रैक्टरों व अन्य वाहनों में लाठियों व पत्थरों आदि से लैस होकर गांव ढराणा की ओर चल पड़े। रास्ते में मीडियाकर्मियों को निशाना बनाकर पुलिस के हर अवरोध को आसानी से पार करते हुए भीड़ गांव ढऱाणा में पहुंच गई। गांव में गहलोत परिवार के मकान के पास जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो भीड़ ने पत्थरों व लाठियों से हमला बोल दिया। इसके बाद पीडि़त परिवार के मोहल्ले के अनेक परिवारों के सदस्य भी अपने मकानों की छत पर चढ़ गए और उन्होंने भी खाप के लोगों पर पथराव शुरू कर दिया। लगभग आधे घंटे हुई पत्थरबाजी, हवाई फायर कर, आंसू गैस के गोले छोड़ कर व लाठीचार्ज करने के बाद पुलिस भीड़ को तितर-बितर करने में कामयाब हो गई। प्रशासन की ओर से भारी पुलिस बल मौके पर बुला लिया गया। इतना ही नहीं रिजर्व पुलिस बल को भी बुला लिया गया था। प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भादसं की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। नायब तहसीलदार समेत सात पीजीआई में भर्ती : रोहतक से जागरण संवाददाता के अनुसार नायब तहसीलदार प्रमोद चहल, महिला पुलिसकर्मी सरला, पुलिसकर्मी उरमेज सिंह, राजेश कुमार, नरेंद्र, कर्मवीर व ओमप्रकाश को पीजीआई में दाखिल कराया गया है। घायलों के सिर, मुंह व शरीर के अन्य अंगों पर गंभीर चोटें होने के कारण उन्हें विभिन्न विभागों में उपचार के लिए भेजा गया।