Monday, March 9, 2009

छाये होली के रंग

जहाँ देखो होली की खुमारी छाई है। हर कोई होली के रंग में रंग जाना चाहता है बच्चे, बूढेऔर जवान कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता।
1 और 2---हिसार में होली के रंग में डूबी यह युवतियां मानो सब बंधन तोड़ देना चाहती हैं


3 और 4----रोहतक की यह बालाएं मस्ती में डूबी हैं और होली की खुशियों को आज ली भर कर जी लेना चाहती हैं


5 और 6---होली की मस्ती में बच्चे भी खोये हैं रोहतक में इन बच्चों ने स्कूल में ही कोली की खूब मस्ती की.


रंगों के त्योहार होली की बात ही निराली है। अगर आप रंगों से होने वाले नुकसान के चलते इस बार होली नहीं खेलने का मन बना चुके हैं, तो जरा ठहरिए। हम आपको सुरक्षित होली खेलने का तरीका बताते हैं। थोड़ी तैयारी और सावधानी से आप भी पूरी मस्ती और धमाल के साथ रंगों के त्योहार का मजा ले सकते हैं।
ऐसे तैयार करें घर पर रंग
लाल रंग के लिए-सूखे लाल रंग के लिए आप इस बार लाल चंदन पाउडर या गुड़हल के फूल का पाउडर इस्तेमाल कीजिए। गीला रंग बनाने के लिए दो चम्मच चंदन पाउडर को पांच लीटर पानी में उबाले। रंग तैयार है। इसके अलावा अनार के छिलकों को पानी में उबालकर भी लाल रंग बनाया जा सकता। टमाटर, गाजर या चुकंदर के जूस को भी रंग के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इनकी चिपचिपाहट हटाने के लिए ज्यादा पानी का इस्तेमाल करें।
हरा रंग बनाने के लिए -
मेंहदी पाउडर, गुलमोहर की पत्तियों का चूरा या पालक, हरी धनिया, पुदीने की पत्तियों को बारीक पीस लें। सूखा हरा रंग तैयार है। पानी के साथ इन्हें गीले रंग की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। याद रहे इसे बनाने में बाल या हाथ में लगाई जाने वाली हिना का इस्तेमाल नहीं करना है।
पीले रंग के लिए -
दो चम्मच हल्दी लें। इसमें चार चम्मच बेसन मिलाकर सूखा पीला रंग बनाया जा सकता है। बेसन की जगह आटा, मैदा या टेलकम पाउडर भी उपयोग में लाया जा सकता है। गुलदाउदी, गेंदा की सूखी पत्तिायों को पीसकर भी पीला रंग बनाया जा सकता है। गीला रंग बनाने के लिए दो चम्मच हल्दी, दो लीटर पानी में उबाले। या फिर 50 गेदें के फूल को दो लीटर पानी में पूरी रात भिगोए रखे। इसे सुबह उबा लें।
नारंगी, काला, भूरा रंग
टेसू [पलाश] के फूलों को रात भर पानी में भिगोए। सुबह इसे उबा लें। नारंगी रंग तैयार है। थोड़ा केसर दो चम्मच पानी में मिलाकर कुछ देर छोड़ दें। इसके पेस्ट को चाहे तो सूखा लगाएं या पानी में मिलाकर इस्तेमाल करें।
कत्था को काफी या चाय के पानी के साथ उबालें। भूरा रंग तैयार है। काला रंग बनाने के लिए आप सूखा आंवला लोहे के बर्तन में भिगो दें। सुबह पानी के साथ इस्तेमाल करें। काले अंगूर के रस को पानी में मिलाकर काला रंग की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। हर्बल कलर से केवल आप सुरक्षित रहेंगे बल्कि आपका रूप और भी निखर उठेगा।
कुछ जरूरी सावधानियां
1.रंग खेलने से पहले बालों में जैतून या अरंडी का तेल बालों में लगाए। इससे रंग नहीं चढ़ेगा।
2.रंग खेलते समय पूरे बांह की शर्ट पहनें। पूरे शरीर पर अच्छी तरह तेल या कोल्ड क्रीम लगा लें। फिर वाटरप्रूफ सनस्क्रीन से मसाज करें। पैर के तलवे, नाखूनों के पास की त्वचा और कुहनी पर वेसलीन लगाएं। इसके रंग चिपकते नहीं।
होली खेलने के बाद
1. ठंडे पानी से रंग छुड़ाए। गर्म पानी के इस्तेमाल से रंग और पक्का हो जाता है।
2.खूब साबुन घिसने की बजाए रंग नारियल तेल में भिगोकर रुई से छुड़ाएं। इससे त्वचा रूखी नहीं होगी। भिगोकर रखे अमचुर पाउडर से भी रंग जल्दी छूटता है।
3.बार-बार चेहरा मत धोएं। क्रीम लगाएं और हफ्ते भर फेशियल, ब्लीच कराएं।
4.एलर्जी होने पर सिटरिजन की गोली खा सकते हैं। यदि धुंधला दिख रहा हो तो फौैरन ठंडे पानी से आंखों को धोए। ऐसा तब तक करें जब तक आंखों की जलन बंद नहीं हो जाती। आंखों के डाक्टर से जरूर मिलें।
5.नहाते समय बेसन का उबटन इस्तेमाल करना लाभदायक होगा।
घातक हैं केमिकलयुक्त रंग
रंग प्रमुख अवयव नुकसान
-काला लेड आक्साइड आंखें खराब
-हरा कापर सल्फेट आंखों में एलर्जी
-बैंगनी क्रोमियम आयोडाइड अस्थमा, एलर्जी,
-सिल्वर एल्युमिनियम ब्रोमाइड त्वचा रोग
-लाल मरकरी सलफाइट त्वचा कैंसर, मानसिक असंतुलन

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