Monday, November 9, 2009

हजकां में टूट, चार विधायक कांग्रेस में

दलीय स्थिति
कुल सीटें 90
मौजूद सदस्य 89
कांग्रेस 44
इनेलो 30
भाजपा 4
हजकां 2
बसपा 1
शिअद 1
निर्दलीय 7
कुलदीप बिश्नोई के मोलभाव से तंग कांग्रेस ने उन्हें उनकी रणनीति में मात दे दी। सोमवार को हरियाणा जनहित कांग्रेस के छह में से चार विधायकों ने सोमवार को पार्टी को अलविदा कह दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस से जुडऩे वालों में नारनौल के विधायक राव नरेंद्र सिंह, दादरी के विधायक सतपाल सांगवान, हांसी के विधायक विनोद भ्याणा और असंध के विधायक जिले राम शर्मा शामिल हैं।
अब हजकां के विधायकों की संख्या सदन में दो ही रह गई है और कांग्रेस उनके समर्थन के बिना ही सरकार बचाए रखने में सक्षम हो गई है।हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह चट्ठा ने सोमवार को हजकां (बीएल) के चार विधायकों के गुट के कांग्रेस में विलय को मंजूरी दे दी और चारों विधायकों के कांग्रेस पार्टी से जुड़ जाने के बाद वर्तमान में कुल 89 विधायकों में कांग्रेस विधायकों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है। विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 90 है, लेकिन इनेलो अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला के ऐलनाबाद सीट से इस्तीफा देने के कारण अभी सदस्य संख्या 89 है। चौटाला दो सीटों उचाना कलां व ऐलनाबाद से चुनाव जीते थे।
हजकां के बागी विधायक सोमवार दोपहर दिल्ली से विमान से चंडीगढ़ आए और बाद में विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात करके वापस विमान से ही दिल्ली चले गए। चट्ठा ने कहा कि हजकां (बीएल) के इन चारों विधायकों ने जनहित पार्टी से किनारा करके एक अलग ग्रुप बनाकर कांग्रेस पार्टी में विलय के लिए उन्हें लिखित आवेदन किया था। इन विधायकों के कांग्र्रेस में शामिल होने को संवैधानिक बताते हुए चट्ठा ने कहा कि भारतीय संविधान में दलबदल विरोधी कानून के अंतर्गत धारा 10 ए में यह प्रावधान है कि यदि किसी दल के दो तिहाई सदस्य स्वेच्छा से किसी दल की सदस्यता ग्रहण करते है तो उन्हें विलय के लिए अगल पार्टी के गठन की आवश्यकता नहीं होती।

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