कलानौर की विधायक व कैबिनेट मंत्री करतार देवी का रविवार सुबह चंडीगढ़ पीजीआई में निधन हो गया। अस्थमा से पीडि़त करतार देवी पीजीआई में काफी दिनों से वेंटिलेटर पर थीं। उनका अंतिम संस्कार रोहतक में शीला बाइपास स्थित रामबाग में सोमवार को कर दिया गया। प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। सोमवार को सार्वजनिक अवकाश रहेगा। कैबिनेट मंत्री का पार्थिव शरीर रविवार लगभग चार बजे चिन्योट कालोनी स्थित उनके निवास स्थान पर पहुंचा तो पुलिस जवानों ने सलामी दी।
दिवंगत नेता का पार्थिव शरीर 17 अगस्त को सुबह दस बजे तक अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। प्रदेश सरकार ने करतार देवी के निधन पर 16 से 18 अगस्त तक का तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
चार बार विधायक रहीं करतार देवी
कलानौर हलके से चार बार विधायक रहीं करतार देवी का जन्म 5 मार्च 1943 को रोहतक जिले के करौंथा गांव में हुआ था। चार बहनों व दो भाइयों में करतार देवी सबसे बड़ी थीं। इनकी मां जीवनी देवी व पिता दरियाव सिंह थे। करतार देवी फिलहाल अपने भाइयों के साथ ही चिन्योट कालोनी स्थित मकान में रहती थीं। उनके भाई फकीरचंद भिवानी में डीआरओ हैं, जबकि छोटे भाई अशोक सोहना में नायब तहसीलदार हैं। तीन बहनों में दो कुरुक्षेत्र में व एक पानीपत में रहती हैं। करतार देवी का पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी को समर्पित रहा। 1960 में उन्होंने गांधी आश्रम ज्वाइन किया था। एमए, एलएलबी डिग्रीधारी करतार देवी ने 1982 में पहला विधानसभा चुनाव कलानौर से कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था। 1962 से 1970 तक वह खेतिहर मजदूर कांग्रेस की प्रधान रहीं। 1972 से 1976 तक वह पीडब्ल्यूडी वर्कर यूनियन की प्रधान और 1980 से 1984 तक सोशल वेलफेयर एडवायजरी बोर्ड की चेयरमैन रहीं। वह हरिजन सेल की चेयरमैन रहीं। 1982, 1991, 1996 व 2005 में उन्होंने चार बार विधानसभा चुनाव लड़ा था। फिलहाल करतार देवी के बीमार होने के बाद उनके विभाग मुख्यमंत्री स्वयं देख रहे थे। उनके पास हेल्थ व मेडिकल एजूकेशन, सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट, वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट व वेलफेयर आफ शेड्यूल कास्ट एंड बैकवर्ड क्लास विभाग थे।
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