Tuesday, April 28, 2009

Haryana के हिस्से का पानी पी रही है Delhi

हर बार चुनाव में राजनीतिक पार्टियां एसवाईएल नहर का मुद्दा जोर शोर से उठाती हैं। पार्टियां इस मुद्दे को लेकर एक दूसरे को कटघरे में खड़ी करती हैं। लेकिन आसन्न लोकसभा चुनाव में प्रदेश के किसी भी बड़े नेता ने यह मुद्दा नहीं उठाया कि हरियाणा के हिस्से का पानी दिल्ली क्यों जा रहा है? प्रदेश के सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव भी मानते हैं कि दिल्ली को अधिक पानी दिया जा रहा है।
नरवाना ब्रांच से जो पानी पश्चिमी यमुना नहर में लाया जा रहा है, उसमें चार लाख एकड़ फुट पानी दिल्ली को दिया जा रहा है। जबकि दिल्ली का हिस्सा रावी व्यास के पानी में सिर्फ दो लाख हेक्टेयर फुट है।
इस मामले में पूर्व विधायक ओम प्रकाश बेरी ने वर्ष 1994 में एक रिपोर्ट तैयारी की थी। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि नरवाना ब्रांच से जो पानी पश्चिमी यमुना नहर में लाया जाता है, उसमें से साढ़े चार लाख एकड़ फुट पानी दिल्ली को दिया जा रहा है, जबकि दिल्ली का हिस्सा रावी-ब्यास के पानी में केवल दो लाख एकड़ फुट है। भाखड़ा और पश्चिमी यमुना नहर के पानी में दिल्ली का कोई हिस्सा नहीं है, जबकि हरियाणा के सूखाग्रस्त क्षेत्रों को रावी ब्यास का पानी यह कह कर नहीं दिया जा रहा है कि एसवाईएल नहर पंजाब में नहीं बनी है। अगर यही आधार है तो दिल्ली को उसके हक में दो गुना पानी क्यों दिया जा रहा है?
बेरी ने अपनी रिपोर्ट में सुझाया था कि भाखड़ा सिस्टम से पश्चिमी यमुना नहर के कमांड एरिया में पानी लेने का दूसरा रास्ता भाखड़ा मेन लाइन से बरवाला लिंक नहर के द्वारा पेटवाड़ डिस्ट्रीब्यूट्री को मिलाया जा सकता है जिसके लिए केवल 30 किमी की नहर बनानी पड़ेगी। इससे हांसी उपमंडल तथा सिवानी नहर कमांड एरिया को भाखड़ा का पानी मिल सकता है और इस तरह पश्चिमी यमुना नहर का जो पानी पेटवाड़ डिस्ट्रीब्यूट्री और सिवानी नहर में जाता है वह जूई और लुहारू नहर में काम आ सकता है।
दरअसल भाखड़ा प्रोजेक्ट के अंतिम ड्राफ्ट पर दीनबंधु चौ. छोटू राम के 6 जनवरी 1945 को हस्ताक्षर हुए और आठ जनवरी 1945 को उनका स्वर्गवास हो गया। भाखड़ा प्रोजेक्ट को चौ. छोटू राम ने तत्कालीन रोहतक, गुड़गांव, महेंद्र गढ़, हिसार, संगरूर व बाठिंडा जिलों के बारानी व रेतीले इलाकों की सिंचाई के लिए मंजूर किया था। लेकिन बाद में राजनैतिक हालात बदल गए और भाखड़ा नहर का रुख बदल कर आज के पंजाब और उसके साथ लगते हिसार और सिरसा के इलाकों की तरफ कर दिया गया। हरियाणा बनने के बाद राजनीति पर कब्जा हिसार तथा सिरसा जिलों का ज्यादा रहा है। अब रोहतक जिले का है। इस मुद्दे पर सिंचाई विभाग का कोई भी अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
सत्ता में बैठे लोगों ने जनता को गुमराह किया : बेरी
पूर्व विधायक ओम प्रकाश बेरी ने कहा कि प्रदेश के सत्ताधारियों ने पानी के मुद्दे लोगों को सिर्फ गुमराह किया है। आज भी हरियाणा का पानी दिल्ली जा रहा है। लेकिन सत्ता में बैठे लोगों की हिम्मत नहीं है कि इस बात को जनता के सामने ला सकें। जनता को ही अपने हक के लिए जागना होगा।
सिर्फ 100 क्यूसिक अधिक पानी दिल्ली को जा रहा है : कैप्टन यादव
प्रदेश के सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने भी माना की दिल्ली को अधिक पानी जा रहा है लेकिन वह इसे मजबूरी बताते हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सिर्फ सौ क्यूसिक अतिरिक्त पानी दिल्ली को दिया जा रहा है।

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