Saturday, February 7, 2009

Court में आत्मदाह

Sonipat के गनौर में सब डिविजनल ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट (एसडीजेएम) की अदालत में शुक्रवार सुबह वहां कार्यरत एक प्यादे ने आत्मदाह कर लिया। इससे पूर्व उसने कोर्ट रूम की दीवार पर लिखकर एसडीजेएम आरके जैन को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उसने तीन पृष्ठ का एक सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें एसडीजेएम पर नाजायज ढंग से तंग करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने इस संबंध में एसडीजेएम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भिजवा दिया गया है। प्यादा वेदप्रकाश करनाल के मतारानी कालोनी, चार चमन का रहने वाला था और इस अदालत में कार्यरत था।
एसडीजेएम के रीडर ओमप्रकाश रंगा ने बताया कि शुक्रवार सुबह जब वह अपनी ड्यूटी पर आए तो उन्हें कोर्ट रूम से धुआं निकलता दिखाई दिया। रंगा ने इसकी सूचना तत्काल अन्य लोगों को दी और कोर्ट रूम का दरवाजा खोलने का प्रयास किया, लेकिन वह अंदर से बंद था। जब लोगों ने एसडीजेएम आरके जैन के कमरे की ओर से जाकर कोर्ट रूम का दरवाजा खोला तो सभी दंग रह गए। कोर्ट रूम में जज की कुर्सी के सामने फर्श पर अदालत का प्यादा वेद प्रकाश बुरी तरह झुलसी हालत में पड़ा था और उसकी मौत हो चुकी थी। आग लगने के कारण कोर्ट रूम की कुर्सियां, कंप्यूटर, मेज आदि भी जल गए थे। अदालत कर्मियों ने तत्काल इसकी सूचना गन्नौर पुलिस व एसडीजेएम को दी। सूचना मिलते जज आरके जैन के अलावा गन्नौर डीएसपी बनवारी लाल, थाना प्रभारी सुल्तान सिंह पहुंच गए। पुलिस ने मौके से वेद प्रकाश के हाथों हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम लिखा तीन पेज का पत्र भी बरामद कर लिया। इस पत्र में एसडीजेएम पर नाजायज परेशान करने का आरोप लगाते हुए मामले की जांच हाईकोर्ट के किसी जस्टिस कराने की गुहार लगाई है। कोर्ट रूम में आत्मदाह की सूचना मिलते ही सेशन जज वीरेंद्र सिंह, एसएसपी नवदीप सिंह विर्क भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने वेद प्रकाश की पत्नी नीलम की शिकायत पर एसडीजेएम आरके जैन के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। मौके पर एफएसएल की टीम ने भी जांच-पड़ताल की और शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भिजवा दिया गया।
पुत्र को मिलेगी नौकरी : जिला सेशन जज वीरेंद्र सिंह ने कहा कि वेद प्रकाश के पुत्र तरुण को कोर्ट में नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि तरुण चाहे तो कल से ही नौकरी पर आ सकता है, उसे सरकार की ओर से नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि वह बीए पास है तो उसे क्लर्क लगाया जाएगा और यदि वह कम पढ़ा-लिखा है प्यादा के पद पर ही तैनाती होगी। इसके अलावा सरकार की ओर उसके परिवार को हरसंभव सहायता भी प्रदान की जाएगी। चार-पांच महीने पहले ही हुआ था तबादला : पुलिस को दी शिकायत में वेदप्रकाश की पत्नी नीलम ने बताया कि चार-पांच महीने पहले ही वेदप्रकाश का तबादला गन्नौर एसडीजेएम की कोर्ट में हुआ था। इससे पहले वह 25 साल से सोनीपत में तैनात था। शिकायत में उसने कहा है कि वेदप्रकाश से एसडीजेएम चौकीदारी के अलावा घर का काम भी कराते थे और कभी-कभी तो उसके साथ मारपीट भी की जाती थी। नीलम के अनुसार इससे वह काफी परेशान चल रहा था और चार-पांच दिन पहले ही उसने आत्महत्या की भी बात कही थी। यही नहीं एक दिन वह बीमार थी और वेद प्रकाश ने छुट्टी की दरखास्त दी थी, लेकिन जज साहब ने छुट्टी नहीं दी थी। इन सारी बातों के कारण वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गया था।

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