Thursday, July 16, 2009

पंचायत का तुगलकी फरमान

शादी न तोड़ने पर गांव छोड़ने का फरमान
पंचायत ने जारी किया फतवा
सरकार और पुलिस मौन
झज्जर के गांव में दम्पति ने तलाक लेने से मना किया तो पंचायत ने लड़के के परिवार के सभी घरों को गांव छोड़ने का फरमान सुना दिया। उनका कसूर सिर्फ़ इतना था कि उन्होंने अपने बेटे कि शादी उस जाति में करने कि गुस्ताखी की जिस जाति का उस गांव में दबदबा है और यह उस पंचायत को सहन नही हुआ। पंचायती परम्पराओं के नाम पर दम्पति की खुशियों में तो ग्रहण लग ही गया है, उनके रिश्तेदारों के समक्ष भी उजड़ने की नौबत आ गई है। ख़ास बात है कि जिला प्रशासन और पुलिस के साथ पूरी प्रदेश सरकार इस मसले पर सिर्फ़ दूर बैठ कर तमाशा देख रहे हैं।
ढराणा गांव के Rohtas Gahlot ने अपने बेटे रविन्द्र कि शादी पानीपत जिले के गांव शिवाह में कादियान परिवार में की थी। ढराणा गांव कादियान बहुल है। और इसी जाति कि गांव में बहु आना कादियान खाप को नागवार गुजरा और रोहतास को अपने बेटे और बहू का तलाक करवाने का आदेश सुना दिया। (12 July) को बेरी में खाप की पंचायत हुई और गहलोत परिवारों को तीन दिन का समय दिया गया। साथ ही तलाक न होने पर जमीन जायदाद बेचकर गांव छोड़ने का आदेश दिया गया।
बुधवार (15 July) तक गहलोत परिवार एक बार टूटता दिखाई पड़ा और अपनी सम्पति और जायदाद बचाने के लिए तलाक देने पर राजी को गए, लेकिन लड़की शिल्पा और उसके परिवार द्वारा यह फरमान ठुकरा देने के बाद गुरूवार को फ़िर पंचायत बैठी और गहलोत परिवारों को रविवार सुबह तक गांव छोड़ने का फतवा जारी कर दिया।
खाप ने इस संबंध में किसी भी प्रकार का पुनर्विचार न करने का निर्णय लेते हुए तीनों परिवारों को रविवार सुबह तक का अल्टीमेटम दिया है। ख़ास बात यह है कि जिला प्रशासन, पुलिस व कोई भी जनप्रतिनिधि पीडि़त परिवारों की मदद के लिए नहीं पहुंचा है। मानव अधिकार संगठन पूरे मामले पर चुप्पी साधे हैं।फैसले से गहलोत परिवार पूरी तरह सहमा हुआ है और प्रशासन व मुखयमंत्री से मदद की गुहार लगा रहा है।
उल्लेखनीय है कि गांव ढराणा में गोत्र विवाद को लेकर कादियान बारहा खाप ने रोहतास, उसके भाई नसीब व वेदप्रकाश तथा उनके पिता रिसाल सिंह को रोहतास के पुत्र रविंद्र का उसकी पत्नी शिल्पा से तलाक करवाने या फिर जमीन-जायदाद बेचकर गांव छोडऩे का फरमान सुनाया था। इसके बाद 15 जुलाई को गांव दूबलधन में खाप के प्रधान छत्र सिंह के घर पर हुई दोनों पक्षों की बैठक में गहलोत परिवार ने रविंद्र के तलाक पर सहमति जता दी थी। इसके बाद बृहस्पतिवार को रोहतास सहित गहलोत पक्ष व कादियान खाप से जुड़े लगभग पांच दर्जन व्यक्ति रविंद्र की ससुराल पानीपत जिले के गांव सिवाह पहुंचे और तलाक के फैसले से उसके ससुराल जनों को अवगत करवाया। रविंद्र के ससुराल जनों द्वारा तलाक से जब पूरी तरह इनकार कर दिया गया तो दोनों ही पक्ष सिवाह से सायं के समय सीधे बेरी की गोशाला में पहुंचे और वहां पर कादियान खाप से जुड़े लोगों ने अपना आखिरी फरमान सुनाते हुए इस संबंध में गहलोत परिवारों को जल्द से जल्द गांव छोडऩे का फरमान सुना दिया। जब पीडि़त परिवारों की ओर से यह दुहाई दी गई कि वे खुद अपनी ओर से तलाक के लिए तैयार हैं तो उसके बाद गोशाला में जमा चंद लोगों ने फैसला सुनाया कि तलाक का मामला खत्म हो चुका है और इस संबंध में सामाजिक बहिष्कार के साथ ही गांव छोडऩे के फैसले से कम पर कोई भी बात नहीं की जाएगी। इतना ही नहीं बहिष्कृत परिवारों के किसी भी सदस्य के साथ यदि खाप के गांवों से जुड़ा कोई भी व्यक्ति बातचीत करता हुआ पाया गया तो उसके सामाजिक बहिष्कार के अलावा 21 हजार रुपये का जुर्माना भी किया जाएगा।
फैसले से सहमे रोहतास व नसीब ने बताया कि पखवाड़े भर से चल रहे इस मामले को लेकर प्रशासन की ओर से भले ही उन्हें सुरक्षा मुहैया करवा दी गई हो लेकिन जिला प्रशासन का कोई अधिकारी व कोई भी जन प्रतिनिधि इस मामले में उनकी मदद करने के लिए आगे नहीं आ रहा है। उन्होंने इस मामले में उन्हें उजाडऩे के आरोप भी लगाए। उन्होंने बताया कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि ऐसी स्थिति में वे क्या करें। इससे पहले पानीपत के गांव सिवाह में गोत्र विवाद को लेकर हुई पंचायत बेनतीजा रही।
दंपति का तलाक लेने से इनकार
दूसरी ओर दंपति ने तलाक लेने से इनकार कर दिया। सिवाह में तीन घंटे चली पंचायत में दोनों ओर से अपने-अपने पक्ष रखे गए, लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका। दंपति का कहना है कि वे तलाक नहीं लेंगे। रोहतास के पुत्र रविंद्र ने बताया कि वह और उसकी पत्नी शिल्पा दिल्ली के सुल्तानपुरी में अपनी बुआ के पास ठहरे हुए हैं। उसका गांव से कोई लेना-देना नहीं है। वह पत्नी शिल्पा को तलाक नहीं देंगे। पंचायत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर रविंद्र ने कहा कि अगर तलाक के लिए दबाव पड़ा तो पुलिस की सहायता लूंगा। शिल्पा का कहना है कि वह पति रविंद्र के साथ रहेगी तथा पति से तलाक नहीं लेगी।

2 comments:

KADYAN KHAP INTERNATIONAL said...

http://kadyankhapinternational.blogspot.com/
Please click above link to know the observation of the KADYAN KHAP INTERNATIONAL....
Shilpa Kadyan of Siwah weds with Ravinder Gahlot of Dharana in the month of march, 2009.....routine work, no problem but social network does not allow both of them to get marry because village Dharana comes under barah kadyan khap area, where KADYAN gotra in majority and KADYAN of village Siwah roots also in Dubaldhan adjoining Dharana.Shilpa is a daughter for KADYAN's can not be be a daughter in law....this point was raised by the Kadyan Khap, nothing wrong.
Kadyan Khap International investigate the whole matter and in the opinion that :
-Jat community people think before marry about
* Self gotra
* Mother and grand mothers gotra.
If the proposal for bride or groom does not match any gotra's as mentioned above then no harm to marry.
Ravinder being an a resident of Kadyan dominated village Dharana can not marry to Kadyan gotra girl as this is the compulsion of the society / social network, as reported he was adopted by his aunt (his father sister married in Sultanpur - Delhi) then no harm, if :
-Shilpa and Ravinder should claim for Sultanpur village - adopted parents dynasty not of Dharana family.
- Ravinder's new mother (Bhua)should get her share in her parental property in Dharana and Ravinder shall not be entitle to claim any legal heirs rights.
Some people in Kadyan Khap asked for divorce but Kadyan Khap International not in the same opinion - views, the intention of the KADYAN KHAP was also not wrong and parents of the couple
are responsible for any misunderstanding / controversy in the area, they be asked for clarification, responsible or misrepresenting the facts before society. Criminal proceeding against 20 representative of Kadyan Khap be dropped.

Naresh Kadyan,
Convener, Kadyan Khap International,
-http://kadyankhapinternational.blogspot.com/
C-38, Rose Apartment, Prashant Vihar,
Sector - 14, ROHINI,
DELHI - 110085.
-http://www.indymedia.org/en/2009/07/926933.shtml
+91-9813010595, 9313312099.
Please join -http://www.care2.com/c2c/group/kadyankhap

haryanvi said...

It is true that people should follow our social obligations and our culture. It is not a law. It is moral duty. But if someone has different opinion u cant force him to follow these rituals.
These rules were defined by our elders, when the people used to live within the territory of the village and most probably die in that.
but now haryana is on international map.
Thosands of people come on roads, they attack the media persons, break the law, through stones on people of Gehlot family
This can't be anyway called right.
Gehlot family may have made mistake but to correct this wrong another wrong can not be written.
In Haryana it is general trend that girls are brouht from Bihar, Orissa, Kerala and other states.
These girls have nothing to do with haryanvi sanskriti.
It is khaps who have to take some initiatives to define new rules for marriages.
Not only this Khaps should take initiatives to demote the tendency of killing the girl child.
Social evils have to be tackled by the society itself.
Let's fight for real cause of the society.
-------------haryanvi