इनेलो को बड़ा झटका देने की तैयारी
देवी लाल परिवार से तोडा नाता
देवी लाल परिवार से तोडा नाता
कई और नेता छोड़ सकते हैं पार्टी
इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला से अगले पिछले तमाम शिकवे शिकायत करते हुए आखिरकार इनेलो के दिग्गज नेता प्रो. संपत सिंह ने पार्टी को अलविदा कह दिया। आगे की रणनीति के 
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संपत ने इतने दिनों तक पार्टी में रहते हुए कुछ फैसलों के लिए जनता से माफी भी मांगी। उन्होंने विशेष तौर पर महम कांड व कंडेला कांड के लिए माफी mangi और कहा कि सामूहिक तौर पर उन फैसलों के लिए वह भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, मैं पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की आत्मा से भी माफी मांगता हूं क्योंकि 1999 में उनकी सरकार गिराने के लिए मैंने उनके विधायकों को तैयार किया।
चौटाला को पहली बार मुख्यमंत्री बनवाने में मेरी भूमिका थी। संपत सिंह ने कहा, 2004 के बाद लगातार पार्टी की चुनावों में दुर्दशा होती रही। जनता ने बार-बार हमें नामंजूर किया। इस बार लोकसभा चुनाव में पार्टी के अस्तित्व का सवाल था। मैं चाहता था कि सिरसा से सुशील कुमार इंदौरा और कुरुक्षेत्र से कैलाशो सैनी को पार्टी का टिकट दिया जाए। पर चौटाला परिवार के लोगों ने वीटो पावर का इस्तेमाल करके इनका टिकट कटवा दिया। हिसार सीट में खुद की हार के बारे में संपत सिंह ने विस्तार से खुलासा करते हुए कहा कि मेरे कार्यकर्ताओं का कहना था कि हम हारे नहीं हमें हराया गया है। संपत सिंह ने साफ लहजे में कहा कि चौटाला ने पुत्र मोह में फंसकर हिसार और भिवानी के बीच समझौता कर लिया। संपत का इशारा है कि चौटाला ने भिवानी में अपने पुत्र अजय सिंह चौटाला को जितवाने के लिए हिसार में हजकां प्रत्याशी भजनलाल से समझौता कर लिया। इनेलो ने हिसार में भजनलाल को वोट डलवाए और हजकां ने भिवानी में इनेलो को वोट डलवाए।
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