Tuesday, February 10, 2009

बहादुर बच्चे के अपहर्ता को उम्रकैद

अपहरण व हत्या के प्रयास के मामले में अतिरिक्त फरीदाबाद की जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने एक अभियुक्त को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दूसरे पर बाल अदालत में मामला चल रहा है। इस घटना में अदम्य साहस दिखाने वाले अपहृत मास्टर अंकित राय को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
संजय कालोनी सेक्टर-23 निवासी लल्लन राय ने मामला दर्ज करवाया था कि उसका छह साल का बेटा अंकित राय छह अप्रैल 07 को घर के पास पार्क में खेलते हुए गायब हो गयहै। वह उसकी तलाश कर रहे थे तभी उनके पड़ोस में स्थित पीसीओ पर अपहर्ताओं का फोन आया। उन्होंने उसे छोड़ने के लिए सात लाख रुपये मांगे। यह सुनकर उसके होश उड़ गए और उसने थाने में अंकित के अपहरण का मामला दर्ज करवाया।
पुलिस को अंकित राय के घर में किराये पर रहने वाले पंकज उर्फ लल्लन पर शक हुआ। पंकज अपने एक साथी दिल्ली निवासी जैकी के साथ अंकित को मुजेसर फाटक के पास लेकर आया। यहां उसने उसका गला दबा दिया, जिससे अंकित बेहोश हो गया। उसे मरा समझकर उन्होंने उसे रेलवे ट्रैक पर बांध दिया, जिससे उसकी हत्या, दुर्घटना लगे।
थोड़ी देर बाद अंकित को होश आ गया। तभी ट्रैक पर ट्रेन आने लगी। अंकित का एक हाथ रेलवे लाइन से बंधा हुआ था। ऐसे में वह रेलवे पटरी से पलटी खा गया। ट्रेन की चपेट में आने से उसका वह हाथ कट गया था। हाथ कटने के बाद भी अंकित ने जोश दिखाया और कटे हुए हाथ को लेकर रेलवे लाइन के साथ बसी बस्ती में पहुंच गया। वहां लोगों ने उसे इस हालत में देखा तो उसे थाने ले गए, जहां से उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इस मामले में शनिवार को अदालत ने अभियुक्त पंकज को दोषी करार दिया था। मंगलवार को अदालत ने पंकज को उम्रकैद व 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने पर उसे दो साल अतिरिक्त कैद काटनी पड़ेगी। पंकज के साथी जैकी पर बाल अदालत में मामला चल रहा है।

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