Friday, February 13, 2009

नए वेतनमान में अध्यापकों की बल्ले-बल्ले

आखिर डेढ़ माह की जद्दोजहद के बाद शिक्षा विभाग में वेतन निर्धारण को लेकर चल रहा असमंजस खत्म हो गया। शिक्षा विभाग के मुख्य लेखा अधिकारी ने बृहस्पतिवार को एजूसेट पर प्रदेश के सभी प्रिंसिपल, मुख्याध्यापक, लेखा व अनुभाग अधिकारियों व लिपिकों की बैठक ली और उसमें एक जनवरी 2006 के बाद लगे कर्मचारियों के वेतन नियम-8 व सेक्शन-दो के अनुसार तय करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश के अध्यापक देश में सबसे अधिक प्रविष्ट वेतन लेंगे। शिक्षा विभाग द्वारा स्थिति स्पष्ट न करने के कारण अध्यापक वर्ग परेशानी में था। बृहस्पतिवार को 12 बजकर 20 मिनट पर प्रदेश के सभी एजुसेट सिस्टम पर पंचकूला से मुख्य लेखा अधिकारी व दो अन्य अनुभाग अधिकारियों ने वेतन निर्धारण को लेकर पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी। मुख्य लेखा अधिकारी ने बताया कि एक जनवरी 2006 के बाद लगे कर्मचारियों को सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के नियम-8 व सेक्शन-दो के तहत वेतन दिया जाना है। इसके अनुसार मास्टर को 18460, प्राथमिक शिक्षक को 16290 तथा प्राध्यापक को 18750 रुपये का वेतन दिया जाएगा। इस बारे में हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश मलिक व प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हरिओम राठी ने कहा कि यद्यपि सरकार ने देश के सर्वाधिक प्रविष्ट वेतनमान दिए हैं। फिर भी इसमें कुछ विसंगतियां हैं, जिनके बारे में उनके संगठनों को सरकार व वेतन विसंगति कमेटी को लिख दिया गया है।

No comments: