
गुड़गांव के सेक्टर 39 निवासी मोहन सूरी जिला रेडक्रास सोसायटी बतौर फार्मासिस्ट कार्यरत है। उनके दो बच्चों मास्टर अभिषेक, 9 वर्ष तथा मास्टर सूरज 7 वर्ष वर्ष 2007 में स्कूल की छुट्टियों में जिला हिसार में हांसी के निकट अपने गांव हाजमपुर गए हुए थे। उस दौरान 23 मार्च के दिन जब ये बच्चे प्रात: शौच के लिए खेतों में गए तो उन्होंने एक बच्चे को जलघर के टैक में डुबते हुए देखा। वह डूबता बच्चा अपने आपको बचाने की गुहार कर रहा था। उसे देखकर अभिषेक व सूरज से रहा नहीं गया और दोनों उसे बचाने के लिए पानी में कूद गए। डूबते हुए बच्चे को तो वे बचाने में कामयाब हो गए, लेकिन इस घटना में वे दोनों शहादत को प्राप्त हो गए।
पिछले वर्ष गणतंत्र दिवस पर इन दोनों बच्चों को मरणोपरांत राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार से नवाजा गया था और इनके पिता मोहन सूरी ने प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से प्राप्त किया था। मोहन सूरी तथा उनके पत्नी किरण को उनके बच्चों की बहादुरी के लिए अब राज्य स्तरीय बहादुरी पुरस्कार राज्यपाल रेवाड़ी में देंगें, जिसके लिए उपायुक्त दीप्ति उमाशंकर ने जिला बाल कल्याण अधिकारी सज्जन सिंह को बहादुर बच्चों के अभिभावकों के आवागमन की व्यवस्था करने की हिदायत दी है।
No comments:
Post a Comment