Saturday, January 17, 2009

गुब्बारे से उतरे अक्षय-दीपिका

फ़िल्म स्टार अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म 'चांदनी चौक टू चाइना' में 'ग्रेट वॉल आफ चाइना' पर फिल्माए दृश्यों को पनी फिल्मी जिंदगी के बेहतरीन दृश्य बताया है।
बृहस्पतिवार को अपनी फिल्म प्रमोशन के लिए गुडगाँव पहुंचे अभिनेता अक्षय कुमार तथा सहअभिनेत्री दीपिका पादुकोण का जोरदार स्वागत हुआ। सितारों ने साधारण एंट्री न करते हुए पहले से तैयार वैज्ञानिक गुब्बारे की सवारी करते हुए मुख्य द्वार से एम्बियंस परिसर में आए तो दर्शक मंत्र मुग्ध हुए बिना न रह सके। अक्षय से यह पूछने पर कि क्या यह फिल्म वास्तव में उनकी जिंदगी पर आधारित है? उन्होंने कहा कि फिल्म में दो चीजें हैं जो कि इसे मेरी जिंदगी की वास्तविकता के करीब लाती हैं, एक तो कि मेरा जन्म चांदनी चौक में हुआ था व दूसरा कि मैं बैंकाक के एक होटल में शेफ था। यही दोनों चीजें इस फिल्म में भी दर्शाई गई हैं।
'यह फिल्म वास्तविक अक्षय के लिए है, मैं इस तरह की फिल्म का इंतजार 18 सालों से कर रहा था। मैं सोचता था कि मुझे मार्शल आ‌र्ट्स बहुत अच्छे से आती है लेकिन वहां के ट्रेनर्स के सामने मैने अपने आप को बहुत स्लो पाया।' उन्होंने बताया कि इस फिल्म में सारे स्टंट उन्होंने अपने आप ही किए तथा इसी के चलते उन्होंने अपनी रीढ़ की हड्डी में भी चोट लगवा ली है। इस फिल्म की सबसे अच्छी चीज के बारे में बताते हुए वह कहते हैं कि इसकी शूटिंग चीन की दीवार पर हुई है तथा वह लकी हैं कि वहां शूटिंग की परमीशन मिली, जिसकी इजाजत हॉलीवुड की मशहूर फिल्म मिशन इंपोसिबल को भी नहीं मिली थी। उन्होंने पंद्रह दिन की शूटिंग मात्र सात दिनों में पूरी की क्योंकि सिर्फ सात दिनों की ही परमिशन मिल पाई थी।

यह पूछने पर कि सबसे अच्छी डिश वह कौन सी बना पाते हैं, वह कहते हैं, 'मैं आपको कभी सलाह नहीं दूंगा कि आप मेरा बनाया खाना खाएं. । खैर, मैं इतना बुरा कुक भी नहीं हूं। एक दिन मुझे किचन में बिठा दिया जाए तो मैं ढेरों पंजाबी व्यंजन बना सकता हूं।'
मैं साधारण इंसान हूं
'मैं अपने आप को सेलीब्रिटी नहीं साधारण इंसान समझती हूं। क्योंकि मेरी परवरिश मेरे माता पिता ने ऐसे माहौल में की है जिसने मुझे हमेशा जमीन से जोड़े रखा।' यह कहना है फिल्म चांदनी चौक टू चाइना की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का। दीपिका कहती हैं, 'मैंने अपने पिता से सीखा है कि किस तरह से सेलीब्रिटीनेस तथा एक आम इंसान में संतुलन बनाए रखना है। मैं भी उनकी तरह दौलत व शोहरत को सेकेंडरी चीजें मानती हूं।'

उनका कहना है, 'इस फिल्म में मैने भी स्टंट किए हैं। तथा डबल रोल में लोग मेरा किरदार याद करेंगे।' क्या वजह है कि पिछली फिल्म ओम शांति ओम के बाद फिर से डबल रोल किया, इस बारे में वह कहती हैं यह मेरे निर्माताओं व दर्शकों का मुझमें विश्वास है। वह कहती हैं डबल रोल एक एक्टर के लिए काफी चुनौती भरा होता है तथा साथ ही यह लाभ भी होता है कि अपनी कला के कई पहलुओं को एक साथ दिखाने का मौका मिल पाता है। इस फिल्म में दीपिका ने कूं-ग-फू फाइटर का रोल किया है। क्या इसके लिए कोई विशेष तैयारी करनी पड़ी, दीपिका कहती हैं, 'मैने फिल्म के लिए मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग आठ महीने तक ली तथा मेरे ट्रेनर हांग कांग से आए थे। दीपिका बताती हैं कि उनकी सबसे पसंदीदा चीज चॉकलेट है।

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