आखिर चांद मुहम्मद और फिजा की प्रेम कहानी का अंत हो गया। चांद फिर चंद्रमोहन बिश्नोई बन गए। बिश्नोई समाज के धर्म गुरुओं ने उन्हे पवित्र जल [पाल] ग्रहण करवाकर बिश्नोई समाज में शामिल कर लिया।
मंगलवार सुबह को हरियाणा के हिसार में बिश्नोई मंदिर में हवन हुआ। सुबह करीब साढ़े आठ बजे चंद्रमोहन अपनी मां जसमा देवी के साथ मंदिर पहुंचे। मुकाम स्थित मुक्तेश्वर धाम से आए संत रामानंद और चैतन्य ने चंद्रमोहन से 120 शब्दों का उच्चारण करवाया। संतों ने चंद्रमोहन की हथेली पर पाल रखवाकर पीने के लिए कहा। चार बार प्रक्रिया होने के बाद उन्हे बिश्नोई समाज में लौटने पर बधाई दी गई। करीब आधे घंटे चली इस प्रक्रिया के बाद चंद्रमोहन अस्पताल लौट गए। उन्हें हवन के स्थान पर चारपाई पर लाया गया।
चंद्रमोहन ने धर्म गुरुओं के समक्ष माफीनामा पढ़ते हुए कहा कि वह कुसंगति के कारण पथभ्रष्ट हो गए थे। अब पूरे समाज से इसके लिए माफी मांगते हैं। इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी। चंद्रमोहन के इस वादे के बाद संतों ने इस गलती के लिए सौ क्विंटल अनाज जीव-जंतुओं व पक्षियों को मुकाम जाकर डालने का जुर्माना किया। इसके अलावा गोशालाओं में इच्छानुसार चारा देने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई ने हरियाणा की पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता अनुराधा बाली से प्रेम विवाह किया था। इसके लिए उन्होंने इस्लाम धर्म कुबूल किया था। उनकी इस प्रेम कहानी में कई उतार-चढ़ाव आए।
2 comments:
लौट के बुद्धू घर को आये |
hame to bhaai ye "ge" lage he.
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