दूरस्थ शिक्षा परिषद विश्व विद्यालय अनुदान आयोग (UGC) एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से संचालित दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के करीब डेढ़ दर्जन स्नातक एवं स्नातकोत्तार तकनीकी कोर्सो को कभी अनुमोदित नहीं किया है। इसमें शिक्षा से जुड़े कई दूसरे कोर्स भी इस ऐप्रूवल से बाहर है। शिक्षा से जुड़े इस बड़े सनसनीखेज मामले ने विश्वविद्यालय द्वारा संचालित तकनीकी शिक्षण कार्यक्रम की पोल पूरी तरह से खोल कर रख दी है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने कलायत के गाव मटौर निवासी नरेश कुमार की ओर से सूचना अधिकार कानून के तहत मागी गई जानकारी पर हलचल मचा दी है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सचिव की ओर से दी गई सूचना के अनुसार केयूके में चलाए जा रहे डेढ़ दर्जन पाठयक्रम अभी अनुमोदित नहीं हैं।
यह पाठयक्रम हैं :मास्टर आफ कंप्यूटर एप्लीकेशन , एम।एस।सी, कंप्यूटर साइस (साफ्टवेयर), एम।एस।सी कंप्यूटर साइस (एस।डब्लयू),मास्टर आफ बिजनेस मैनेजमेंट (एम.बी.ए), मास्टर आफ लाइब्रेरी एंड इनफरमेशन साइस, बेचलर आफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (तीनवर्षीय), बी.एस.सी इन इटरनल साइस (तीनवर्षीय), बी.एस.सी इन कंप्यूटर हार्ड वेयर एंड न्यू वर्क इजीनियरिग (तीनवर्षीय), बेचलर आफ इनफरमेशन एंड मैनेजमेंट (तीनवर्षीय), बेचलर आफ लाइब्रेरी एंड इनफरमेशन साइस (तीनवर्षीय), पी.जी.डिप्लोमा इन टूरिजम एंड होटल मैनेजमेंट (एकवर्षीय), पी.जी.डिप्लोमा इन कंप्यूटर ऐप्लीकेशन (पी.जी.डी.सी.ए)
इसके साथ-साथ कुछ दूसरे रोज परख संचालित तकनीकी कार्यक्रमों को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने जब अनुमोदित ही नहीं किया? उन हजारों विद्यार्थियों के भी होश उड़े है जिन्होंने पूर्व में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के तहत विभिन्न डिग्रिया और डिप्लोमा लिए है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के उप निदेशक एवं जन सूचना अधिकारी की मानें तो देश में अधिकाश राज्यों की सरकारी नौकरियों के लिए ये डिग्रिया मान्य नहीं है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का दूरस्थ विभाग उसके लिए एक बड़ा कमाऊ पूत है। विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों के जरिए हर वर्ष घर बैठकर शिक्षा प्राप्त करने वालो से बड़ी राशि फीस के नाम पर वसूली जाती है। केवल इतना ही नहीं बल्कि विश्वविद्यालय ने देश व राज्य के विभिन्न हिस्सों में तकनीकी शिक्षा कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए निजी हाथों में भी कमान दे रखी है। इन-फ्रेचाईज में बड़ी संख्या में विद्यार्थी अध्ययनरत है।
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