Friday, January 30, 2009

BJP-INLD में Sonipat के लिए जंग

हरियाणा में भाजपा-इनेलो गठबंधन में सीटों का बंटवारा अभी भी लटका हुआ है। सोनीपत सीट का कांता अभी भी दोनों दलों के गले में कांटा बनकर अटका है। दोनों ही इस पर दावा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। अब इनेलो ने गुडगाँव पर भी दावा ठोंक तनाव और बढ़ा दिया है। भाजपा हाईकमान ने इनेलो की दावेदारियों को गंभीरता से लेते हुए सीटों के बंटवारे का फैसला राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक होने तक टाल दिया है। इससे प्रदेश भाजपा के नेता न केवल मायूस हैं बल्कि खुद को इनेलो नेताओं के दबाव में महसूस करने लगे हैं। गठबंधन की घोषणा के बाद से ही प्रदेश के भाजपा नेता इस गठबंधन के प्रति ज्यादा उत्साहित नहीं दिखाई दे रहे थे। सोनीपत सीट भाजपा की परम्परागत सीट रही और किशन सिंह सांगवान वहां से लगातार तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं।

भाजपा संसदीय बोर्ड की नई दिल्ली में हुई बैठक से पहले हरियाणा के मसलों पर औपचारिक चर्चा हुई। इनेलो व भाजपा गठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा हालांकि इसी बैठक में तय हो जाना था, लेकिन हाईकमान को जब इनेलो की दावेदारी और आपत्तियों के बारे में पता चला तो बंटवारे का फैसला अधर में लटक गया है। इनेलो ने भाजपा हाईकमान के समक्ष गुड़गांव लोकसभा सीट अपने खाते में डालने की इच्छा जाहिर की। इस लोकसभा में मुस्लिम व यादव बाहुल्य नुहूं, पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीटें आती हैं। यह हलके पहले फरीदाबाद लोकसभा में पड़ते थे। भाजपा हाईकमान को समझाने का प्रयास किया गया कि इन हलकों से भाजपा की बजाय इनेलो को अधिक जनसमर्थन हासिल हो सकता है। इस स्थिति में गुड़गांव लोकसभा सीट भाजपा के बजाय इनेलो को दी जानी चाहिए। गुड़गांव सीट पर इनेलो की मजबूत दावेदारी से जहां भाजपा सकते में है, वहीं जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट देने का नारा बुलंद करते हुए इनेलो ने सोनीपत में भी ताल ठोंक दी है। सोनीपत से किशन सिंह सांगवान भाजपा सांसद हैं। इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला से उनका छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। गोहाना उपचुनाव में भाजपा की हार का हवाला देते हुए इनेलो ने न केवल सोनीपत सीट मांगी है, बल्कि यह दलील भी दी कि गठबंधन की संयुक्त रैली में भाजपा ने कोई खास मेहनत नहीं की है। इनेलो का दावा है, नए परिसीमन के बाद जींद जिले का बड़ा हिस्सा सोनीपत में शामिल हुआ है और इस क्षेत्र में भाजपा और सांगवान का कोई आधार नहीं है। इनेलो की आपत्ति से अलग भाजपा ने भी गुड़गांव व सोनीपत सीट बचाने के लिए हाईकमान के समक्ष कई ठोस दलीलें पेश की हैं। हालाँकि सीटों का बंटवारा अभी लंबित है लेकिन इसने भाजपा को बैकफ़ुट पर ला दिया है। प्रदेश के कुछ नेता कह रहे हैं, अब प्रदेश भाजपा ठगी सी महसूस कर रही है।

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