सरिता कांड
दुष्कर्म की शिकार सरिता को डीजीपी दफ्तर में आत्महत्या के लिए उकसाने और इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ हाईकोर्ट ने सीबीआई को चार सप्ताह में चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने सरकार से भी कहा है कि वह इन दोषियों के खिलाफ छह माह में विभागीय कार्रवाई करे। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अदालत में स्टेटस रिपोर्ट पेश की। सीबीआई के वकील ने रिपोर्ट में सरिता को आत्महत्या के लिए उकसाने व इस मामले में कोताही बरतने के लिए रोहतक के तत्कालीन डीएसपी धीरज सेतिया, थानाध्यक्ष पवन कुमार के अलावा रामफल, रामधारी व रणधीर सिंह को दोषी माना। हाईकोर्ट ने दोषी इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीबीआई को चार सप्ताह में चार्जशीट दाखिल करने व हरियाणा सरकार को छह महीने के अंदर इन पर विभागीय कार्रवाई करने के आदेश देते हुए इस मामले को खत्म कर दिया। रेप मामले की स्टेटस रिपोर्ट में सीबीआई ने सरिता से गैंग रेप में रोहतक सीआईए के दो कर्मी सिल्कराम व बलराज को दोषी माना था। सीबीआई ने रिपोर्ट में कहा था कि रोहतक सीआईए स्टाफ ने सरिता के पति के खिलाफ झूठा केस बनाया। सरिता के कपड़े पर लगे वीर्य के निशान व आरोपियों के वीर्य के नमूने जांच में मेल नहीं खाते फिर भी सीबीआई के पास इस बात के पुख्ता सुबूत हैं कि सीआईए के
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