झज्जर के सिवाना से फरार प्रेमी युगल के शव रविवार को खेतों में पेड़ से लटकते मिले। पहली नज़र में यह आत्महत्या का मामला नज़र आया लेकिन जब जांच आगे बढ़ी तो सामने आया वह सच जिसे सुन इंसानों की क्या शैतान की भी रूह कांप उठे। सम्मान व पंचायती परंपरा के नाम पर उनके परिजनों ने ही उनकी मौत का फरमान सुना दिया और फिर उन्हें पीट-पीट कर मार डाला।
क्या था मामला
दोनों पक्षों ने बैठक कर किसी भी तरह से युगल को ढूंढ कर उन्हें मौत की सजा देने का निर्णय कर लिया। इसके बाद दोनों के परिजनों ने युगल को भरोसा दिलाया कि वे गांव लौट आएं और उन्हें कुछ भी नहीं कहा जाएगा। इसके बाद युगल को यह कहकर गांव सिवाना से काहनौर जाने वाले मार्ग पर बुलाया गया कि इस मार्ग से दोनों अपने-अपने घरों को लौट जाएंगे। युगल को अपने परिजनों पर भरोसा करना भारी पड़ गया और तय योजना के मुताबिक दोनों पक्षों के लोगों ने मिलकर लगभग आधी रात को गांव के छोटे जोहड़ के समीप राड से गुप्तांगों पर वार कर व गला घोंटकर दोनों को मौत की नींद सुला दिया।
गांव सिवाना से संदीप पुत्र नर सिंह गांव की ही एक निजी स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली निशा (काल्पनिक) के साथ 1 अगस्त को फरार हो गया था। इसके कारण लड़की के पिता रामकुमार ने बेरी पुलिस थाने में लड़के के खिलाफ अपहरण का मामला भी दर्ज कराया था। पुलिस ने लड़के के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ युगल की तलाश भी की थी। रविवार सुबह अचानक युगल का शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। जिस खेत में शव पेड़ पर झूलते पाए गए, वह खेत भी मृतक के परिवार का ही है।
क्या था मामला
गांव सिवाना के प्रेमी युगल की मौत का मामला गोत्र विवाद का न होकर ग्रामीण समाज की सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपराओं से जुड़ा हुआ था। इसके चलते एक ही गांव के रहने वाले सभी लड़के-लड़कियों का रिश्ता भाई-बहन का माना जाता है। मोनिका लठवाल गोत्र से संबंध रखती थी और संदीप कादियान गोत्र से संबंधित था। लेकिन एक ही गांव के निवासी होने के चलते सामाजिक परंपराओं के अनुसार उनका भाई-बहन का रिश्ता था और इस परंपरा को तोडऩे की कीमत उन्हें अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
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