चार किस्तों में लेनी होगी फीस
प्रदेश के शिक्षा विभाग ने नए सत्र के लिए डीएड की फीस 18400 रुपये तय कर दी है। इससे निजी संस्थानों द्वारा मनमानी वसूली रोक लग जाएगी। शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त राजन गुप्ता की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा है कि निजी शिक्षण संस्थानों को डीएड कोर्स के लिए एक साल की फीस 18400 रुपये लेनी होगी। यह फीस भी चार किस्तों में दी जाएगी। संस्थान एक साथ यह फीस नहीं ले सकेंगे।पत्र में बताया गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा नेशनल काउंसिल फार टीचर्स एजुकेशन द्वारा डीएड निजी शिक्षण संस्थानों में डीएड की फीस निर्धारित करने के लिए भेजे गए निर्देशों के आधार पर एक कमेटी का गठन किया था। इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी, कुरुक्षेत्र युनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र के प्राध्यापकों सहित शिक्षा से जुड़े अन्य लोगों को शामिल किया गया। कमेटी द्वारा गत 18 जून 2009 को अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में डीएड की फीस निर्धारित करने के लिए राय दी गई थी। कमेटी की सिफारिश पर प्रदेश में सेल्फ फाइनेंस कालेजों में डीएड के लिए फीस निर्धारित कर दी गई है। फीस निर्धारण 2009-10 व 2011-12 के लिए लागू हो जाएगा। इस कोर्स के लिए सभी निजी शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों से 18400 रुपए फीस के तौर पर वसूले जाएंगे। इसमें 14400 रुपये ट्ïयूशन फीस और चार हजार रुपये वार्षिक चार्ज के रूप में लिए जाएंगे।संस्थान दाखिले के समय एक बार फीस लेने के बाद तीन किश्तों में यह फीस विद्यार्थियों से ले सकेंगे। इसमें बताया गया है कि डीएड के दाखिले यदि अगस्त में शुरू होते हैं तो ट्यूशन फीस के रूप में निजी शिक्षण संस्थान उनसे 3600 रुपये लेंगे। इसके बाद नवंबर, जनवरी व फिर मार्च में 3600-3600 रुपये की किश्तें ली जाएंगी। विद्यार्थियों को परीक्षा फीस व प्रवेश फार्म के लिए अलग से निर्धारित राशि देनी होगी। इस बारे में जेबीटी स्टूडेंट एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष दलीप बिश्नोई का कहना है कि यह विद्यार्थियों के संघर्ष की जीत है। उनसे ज्यादा फीस ली जा रही थी। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर 26 जून को जींद में सम्मेलन होगा। इसमें इस सफलता के बारे में छात्राओं को बताया जाएगा तथा आगामी रूपरेखा तैयार की जाएगी।
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