प्रदेश सरकार ने चुनावी तैयारियों को तेज़ करते हुए रेवडियाँ बांटने का सिलसिला और तेज़ कर दिया है। कर्मचारियों के लिए छठा वेतन आयोग लागू करने की घोषणा को जुम्मा-जुम्मा चार दिन ही नहीं हुए थे और अब फ़िर आम आदमी के कर की कमाई का 515 करोड़ अपने कर्मचारियों पर लुटाने का एलान कर दिया।
अब सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने घोषणा की कि प्रदेश के कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता केंद्र की तर्ज पर दिया जाएगा। पहली बार कर्मचारियों को शिक्षा भत्ता भी दिया जाएगा, जो 500 रुपये प्रति बच्चा प्रति माह होगा। कर्मचारियों को अच्छा वेतन देने पर किसी को परहेज नहीं है लेकिन बेहतर होता सीएम इसे उनके काम और बेहतर परिणाम से जोड़कर देते।
मुख्यमंत्री शनिवार शाम चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा भत्ता 12वीं कक्षा तक दो बच्चों के लिए होगा और इसकी प्रतिपूर्ति की जाएगी। हुड्डा ने कहा कि इन दोनों प्रोत्साहनों से कर्मचारियों को करीब 515 करोड़ का लाभ पहुंचेगा। मुख्यमंत्री ने तीन सदस्यीय विसंगति समिति के गठन की भी घोषणा की जो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में रहेगी और वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव, वित्त एवं विधि परामर्शी इसके सदस्य होंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारी इस समिति को अपने प्रतिवेदन 15 फरवरी 2009 तक दें सकेंगे और इनका निर्णय 15 मार्च 2009 तक कर दिया जाएगा।
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