गुड़गांव : हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने बुधवार को सेक्टर-44 स्थित एपी सेंटर में स्कूल शिक्षा बोर्ड परिषद (कोबसे) के 40वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि शिक्षा में सतत और समग्र मूल्याकन पद्धति लागू करने का उद्देश्य बच्चों के व्यक्तित्व का सर्वागीण विकास करके उन्हे अच्छे इसान और अच्छे नागरिक बनाना है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार शिक्षा के क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता देती है और इसमें खर्च होने वाली राशि को खर्च न मान कर निवेश मानती है।
सम्मेलन का आयोजन स्कूल शिक्षा बोर्ड परिषद और हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड ने संयुक्त रूप से किया है। तीन दिन के इस सम्मेलन में सतत और समग्र मूल्याकन पद्धति के व्यवहारिक पहलुओं पर विचार-विमर्श होगा।
सम्मेलन में जाने माने शिक्षाविद्, विभिन्न राज्यों के शिक्षा बोर्डो के अधिकारी और ब्रिटेन, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, सिंगापुर और मारीशस जैसे देशों के शिक्षा बोर्डो के 68 प्रतिनिधि भाग ले रहे है। भुक्कल ने कहा कि सम्मेलन में मुख्यमंत्री अन्य अनिवार्य व्यस्तताओं के कारण स्वयं नहीं आ सके है, लेकिन उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी प्रतिनिधियों के लिए शुभकामनाएं भेजी है और सम्मेलन की सफलता की कामना की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा के मामले में क्षेत्रीय असंतुलनों को दूर करने, लड़कों की तरह लड़कियों को बराबर की शिक्षा देने और शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने की पूरी कोशिश कर रही है। भिवानी में लेबोरेटरी स्कूल खोला गया है, जिसके पीछे यह धारणा है कि बच्चे वास्तविक जीवन जैसी परिस्थितियों में अच्छी तरह सीख सकते है। लिहाजा इस स्कूल में ऐसी शिक्षा परियोजनाएं शुरू की गई है, जिनमें बच्चे मिल कर सीखते है और सामाजिक जिम्मेदारी को महसूस करते हुए फैसले लेते है। उनकी शिक्षा का मूल्याकन परियोजनाओं में उनकी भागीदारी, समझ और दूसरों के प्रति व्यवहार के आधार पर किया जाता है।
सम्मेलन में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष तथा विद्यालय शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन भी वहां मौजूद रहीं।
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