लाठियों, डंडों और पत्थरों से लेस हजारों कि भीड़ परम्परा के नाम पर सड़कों और गांव कि गलियों में उत्पात मचाती रही...हर और दहशत....गहलोत परिवार और पूरा गांव घर में दुबका रहा लेकिन पुलिस और प्रशासन हालातन बिगड़ने देने कि दुहाई के नाम पर हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। यह सब वहां हो रहा था, जहाँ से स्वयं सीएम का बेटा सांसद हैं और हुड्डा स्वयं चार बार सांसद के रूप में उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। मीडिया कर्मियों को पुलिस के सामने पकड़ कर पीटा गया। कैमरे तोड़ दिए गए, फ़ोन और पर्स छीन लिए गए। खुन्नस बस इतनी थी की मीडिया पंचायत के तुगलकी फरमान के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत दिखाई थी। हमलावर मीडियाकर्मियों को पकड़कर पीटते रहे और पुलिस खड़ी तमाशा देखती रही।
लेकिन जब ग्रामीणों के हाथ पुलिस के गिरेबान पर जा पहुँचे और पुलिस दल पर भी हमला बोल दिया गया। तब पुलिस ने लाठीचार्ज का आदेश दे दिया। उसके बाद आंसू गैस छोड़ी गई और हवाई फायरिंग की गई। तब तक नायब तहसीलदार समेत डेढ़ दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो चुके थे।
ढराणा गोत्र विवाद के मामले में पुलिस और प्रशासन की लापरवाही व अदूरदर्शिता के चलते रविवार को स्थिति विस्फोटक बन गई। गांव दूबलधन में कादियान खाप से जुड़े लोगों ने बैठक कर लाठियों व पत्थरों से लैस होकर गांव ढराणा की ओर कूच कर दिया और गांव में पीडि़त परिवार पर हमला बोल दिया। पीडि़त परिवार के मकान के पास खाप से जुड़े लोगों व पुलिसकर्मियों में जमकर पत्थरबाजी व लाठियां चलीं। इस टकराव में पीडि़त परिवार के मोहल्ले के लोग भी परिवार के पक्ष में उतर आए। स्थिति बेकाबू होने के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े व हवाई फायर के साथ लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। घटना में बेरी के नायब तहसीलदार सहित 18 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। देर शाम तक गांव ढराणा व दूबलधन में तनाव बरकरार था और दोनों जगह पर पंचायत जारी थी। गोत्र विवाद में पंचायत अब भी अपने रुख पर कायम है और कादियान खाप के प्रधान कैप्टन राजसिंह कादियान के नेतृत्व में ग्रामीणों ने ढराणा के सरकारी स्कूल में डेरा डाल दिया है। उनका कहना है कि गहलोत परिवारों के गांव छोडऩे के बाद ही वे वहां से हटेंगे। इसके लिए बाकायदा उन्होंने स्कूल के प्रांगण में ही खाना बनाना शुरू कर दिया है।
पिछले सप्ताह भर से एक तरह से नजरबंदी में जी रहे पीडि़त परिवार के लोगों ने सायं के समय भय के चलते गांव छोडऩे का निर्णय कर लिया था लेकिन गांव के अनेक लोगों व खाप से जुड़े कुछ बुद्धिजीवी लोगों के आग्रह पर उन्होंने पलायन के लिए बांधा गया सामान वापस रख दिया। इससे पूर्व शनिवार को बेरी की पंचायत में किए गए निर्णय के अनुसार कादियान खाप ने रविवार सुबह बेरी के राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय में खाप की महापंचायत का आयोजन किया। इसके लिए बाकायदा खाप से जुड़े सभी गांवों में लाउडस्पीकर के माध्यम से खाप की इज्जत के नाम पर महापंचायत में शामिल होने का आह्वान किया गया। लगभग एक घंटे चली महापंचायत में गांव ढराणा में पहुंचकर पीडि़त परिवारों पर हमला बोलकर जबरदस्ती उन्हें गांव से खदेडऩे का निर्णय किया गया। महापंचायत के बाद खाप से जुड़े लोग ट्रैक्टरों व अन्य वाहनों में लाठियों व पत्थरों आदि से लैस होकर गांव ढराणा की ओर चल पड़े। रास्ते में मीडियाकर्मियों को निशाना बनाकर पुलिस के हर अवरोध को आसानी से पार करते हुए भीड़ गांव ढऱाणा में पहुंच गई। गांव में गहलोत परिवार के मकान के पास जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो भीड़ ने पत्थरों व लाठियों से हमला बोल दिया। इसके बाद पीडि़त परिवार के मोहल्ले के अनेक परिवारों के सदस्य भी अपने मकानों की छत पर चढ़ गए और उन्होंने भी खाप के लोगों पर पथराव शुरू कर दिया। लगभग आधे घंटे हुई पत्थरबाजी, हवाई फायर कर, आंसू गैस के गोले छोड़ कर व लाठीचार्ज करने के बाद पुलिस भीड़ को तितर-बितर करने में कामयाब हो गई। प्रशासन की ओर से भारी पुलिस बल मौके पर बुला लिया गया। इतना ही नहीं रिजर्व पुलिस बल को भी बुला लिया गया था। प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भादसं की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। नायब तहसीलदार समेत सात पीजीआई में भर्ती : रोहतक से जागरण संवाददाता के अनुसार नायब तहसीलदार प्रमोद चहल, महिला पुलिसकर्मी सरला, पुलिसकर्मी उरमेज सिंह, राजेश कुमार, नरेंद्र, कर्मवीर व ओमप्रकाश को पीजीआई में दाखिल कराया गया है। घायलों के सिर, मुंह व शरीर के अन्य अंगों पर गंभीर चोटें होने के कारण उन्हें विभिन्न विभागों में उपचार के लिए भेजा गया।
No comments:
Post a Comment