पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट अपने एक ऐतिहासिक फैसले में डबवाली अग्निकांड के पीडि़तों को मुआवजा देने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने सोमवार को डबवाली अग्निकांड के पीडि़तों के लिए अलग-अलग वर्ग के लिए मुआवजा राशि तय कर दी। पीडि़तों को डेढ़ लाख से 33.50 लाख रुपये तक मुआवजा राशि मिलेगी। यह राशि जून 2003 से छह फीसदी ब्याज की दर पर मिलगी। खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को मुआवजे का भुगतान चार महीने के भीतर करने का आदेश दिया है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा ओर मुआवजा राशि पर दस फीसदी की दर से ब्याज देना होगा।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली की खंडपीठ ने अपने फैसले मे कहा कि कुल मुआवजा राशि का 45 प्रतिशत हिस्सा हरियाणा सरकार (इसमें से 15 प्रतिशत नगर परिषद डबवाली, 15 प्रतिशत बिजली बोर्ड व 15 प्रतिशत उस समय के उपायुक्त एमपी बदलान) व 55 प्रतिशत राजीव मैरिज पैलेस व डीएवी ग्रुप अदा करेगा। हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसले में हरियाणा सरकार को मुआवजे के अतिरिक्त पीडि़तों लोगों को मुकदमा राशि का भुगतान करने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि चार माह में भुगतान नहीं होने पर कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी और सरकार सरकार को राशि पर दस प्रतिशत ब्याज देना होगा।हाईकोर्ट ने क्या मुआवजा तय कियाहाईकोर्ट द्वारा नियुक्त आयोग ने हादसे में मारे गए लोगों के लिए आयु व उनकी आय हिसाब से अलग- अलग श्रेणी में मुआवजा तय किया था। इस पर पीडि़तों लोगों ने आपत्ति दर्ज की थी। इस हादसे में कुल 446 लोगों की मौत हुई थी।हाईकोर्ट ने अपने आदेश में इस हादसे में घायल लोगों के लिए भी उनकी आयु व उनके वर्ग के हिसाब से मुआवजा तय किया है। अविवाहित लड़की को उसके घायल की प्रतिशतता के हिसाब से पांच लाख से 33.50 लाख रुपये तक मुआवजा तय किया गया है। अविवाहित लड़के को घायल की प्रतिशतता के हिसाब से चार लाख रुपये से 32.50 लाख रुपये तक मुआवजा मिलेगा। विवाहित महिला को 1.50 लाख से 22 लाख व विवाहित पुरुष को चार लाख से 16 लाख के बीच मुआवजा राशि मिलेगी।
आयोग ने मुआवजे में ऐसे तय की थी हिस्सेदारी : हाईकोर्ट के आदेश पर बने जस्टिस टी.पी. गर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में मुआवजा की राशि का 80 प्रतिशत हिस्सा डीएवी ग्रुप, दस प्रतिशत डीसी सिरसा, जिसे हरियाणा सरकार देगी व पांच-पांच प्रतिशत एमसी व बिजली बोर्ड से लेने की सिफारिश की थी। आयोग ने इस कांड से प्रभावित लोगों को उनकी उम्र व उनके आय के हिसाब से मुआवजा राशि देने की सिफारिश भी की थी।
पीजीआई और एम्स में होगा मुफ्त इलाज
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सरकार को यह भी आदेश दिया कि इस हादसे में जो लोग पीडि़त हैं, अगर राज्य सरकार के अस्पताल में इनके इलाज की सुविधा नहीं है तो पीजीआई और एम्स में इनका मुफ्त इलाज करवाए।
मुआवजा राशि का विवरण
वर्ग-1 साल से 10 साल तक के बच्चे -- संख्या -172
आयोग ने तय किया दो लाख, हाईकोर्ट ने तय किया 3.50 लाख
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वर्ग- 11 साल से 15 साल तक के बच्चे -- संख्या 38
आयोग ने तय किया 4.10 लाख, हाईकोर्ट ने तय किया 5.25 लाख
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वर्ग- 16 साल से 22 साल तक के बच्चे -- संख्या- 20
आयोग ने तय किया पांच लाख, हाईकोर्ट ने तय किया 6.35 लाख
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इसके अलावा कोर्ट ने 22 साल से ऊपर की उम्र के मृतकों के परिजनों को मृतकों के पेशे व उम्र के हिसाब से मुआवजा तय किया है जो कम से कम 2.50 लाख व अधिकतम 22 लाख रुपये है। हाईकोर्ट ने यह मुआवजा राशि जून 2003 की तारीख से तय की है। जून 2003 के बाद से राशि पर छह प्रतिशत के हिसाब से ब्याज भी देना होगा।
क्या था मामला?
डबवाली के डीएवी पब्लिक स्कूल का वार्षिक समारोह वहां के राजीव मैरिज पैलेस में 23 दिसंबर 1995 को हो रहा था। इसी दौरान भयंकर आग ने सभी को अपनी चपेट में ले लिया था। इससे स्कूली बच्चों, शिक्षकों, अभिभावकों सहित 446 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हुए थे। हरियाणा सरकार ने उस समय मारे गए लोगों के परिवारों को एक-एक लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल होने वाले लोगों को 50-50 हजार रुपये सहायता राशि के रूप में दिए थे। अदालत के आदेशों पर घायलों के उपचार पर होने वाला खर्च भी सरकार द्वारा उठाया गया था।
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