Thursday, December 18, 2008

भिवानी में उबाल, दो मरे






एक बार फ़िर भिवानी आन्दोलन की आग में जल उठा। भिवानी के गांव खरक के दो लापता युवकों की मौत ने ग्रामीणों में इस कदर गुस्सा भर दिया और वे सड़क पर उतर आये और पुलिस से ही भीड़ गए। इस टकराव में गांव के दो लोगों की पुलिस की गोली से मौत हो गई। 15 पुलिस वालों और कई अधिकारीयों समेत 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
गांव के दो युवक 14 दिसम्बर को शादी में गए थे और उसके बाद फ़िर नहीं लौटे। घर वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी लेकिन पुलिस ने कोई करवाई नहीं की। 17 दिसम्बर की रात दोनों के शव नहर में मिलने पर ग्रामीणों को गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने सड़क पर आकर जाम लगा दिया। रही सही कसर राजनेताओं के भड़काऊ बयान और अफसरों की लापरवाही ने पूरी कर दी।
अफसर ग्रामीणों को विश्वास नहीदिला पाए की वे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
उन्होंने डंडे के दम पर जाम को हटाने का प्रयास किया और उसके बाद वाही हुआ जो नहीं होना चाहिए था। ग्रामीण पत्थर बरसा रहे थे और पुलिस वाके भी उनसे पीछे नहीं रहे। उन्होंने डंडे बरसाए, पत्थर चलाये और आँसू गैस के गोले छोडे। इसके बाद भी हालात काबू नहीं हुए तो पुलिस ने गोलियां बरसानी शुरू कर दी। उसके बाद गांव में जंग जैसे हालात दिखाई दे रहे थे। इसका ही नतीजा था की दो लोगों की पुलिस की गोली से मौत हो गई। छः से अधिक लोग PGI रोहतक में जिन्दगी और मौत से जूझ रहे हैं।

1 comment:

Anonymous said...

The concerned SP and SDM should be immediately suspended and made to answer for the death of 4 people and injuries to so many. We are not living under Army rule. Police had no reason to provoke the peaceful agitation.

Haryana government has to answer.