हरियाणा अब राजस्व घाटे वाला राज्य बन जाएगा। वित्तमंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह द्वारा पेश बजट में 3384.06 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया गया है। गौरतलब है कि वर्ष 2008-09 के बजट में राज्य को 1414.48 राजस्व लाभ था। बजट पेश होने से पहले सदन में मुख्यमंत्री द्वारा की गई 700 करोड़ की लुभावनी घोषणाओं का बजट में कोई प्रावधान नहीं है। वित्तमंत्री ने बताया कि 500 करोड़ का प्रबंध अनुपूरक मांगों से कर लिया जाएगा। मतलब साफ है कि घोषणाओं के पूरे 700 करोड़ का इंतजाम इस साल में नहीं किया जाएगा।
इस प्रकार बजट में 500 करोड़ का और राजस्व घाटा बढ़ जाएगा। भाषण में बीरेंद्र सिंह ने कहा कि साल 2009-10 के बजट में राजस्व प्राप्तियां 22,437 करोड़ है जबकि राजस्व खर्च 25,281.06 करोड़ है। इस प्रकार राजस्व घाटा 3,384.06 करोड़ रुपये का है। वित्तमंत्री ने कहा कि 2008-09 के 6,650 करोड़ रुपये के बजट जोकि संशोधित करके 7130 करोड़ रुपये का कर दिया था के मुकाबले वर्ष 2009-10 की वार्षिक योजना का प्रस्तावित आबंटन 10 हजार करोड़ रुपये है जो 50.38 प्रतिशत वृद्घि दर्शाता है। इसके अतिरिक्त केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं और अन्य विकास योजनाओं के लिए 1,195.62 करोड़ रुपये का खर्च भी योजना में शामिल किया गया है जिससे 2009-10 के बजट अनुमानों में योजनागत खर्च बढ़कर 11,195.62 करोड़ रुपये हो गया है।
मंदी से निपटने का पूरा इंतजाम
प्रदेश के वित्तमंत्री बीरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा में वर्ष 2009-10 का बजट पेश करते हुए 1500 करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज शुरू करने की घोषणा की। इसके तहत प्रदेशभर में विभिन्न आधारभूत संरचना क्षेत्रों में परियोजनाएं लागू करके आगामी दो वर्ष के दौरान लगभग 1500 करोड़ रुपये खर्च किया जाना प्रस्तावित है। इन परियोजनाओं की संसाधन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बजट अनुमान 2009-10 में 625 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश के वित्तमंत्री बीरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा में वर्ष 2009-10 का बजट पेश करते हुए 1500 करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज शुरू करने की घोषणा की। इसके तहत प्रदेशभर में विभिन्न आधारभूत संरचना क्षेत्रों में परियोजनाएं लागू करके आगामी दो वर्ष के दौरान लगभग 1500 करोड़ रुपये खर्च किया जाना प्रस्तावित है। इन परियोजनाओं की संसाधन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बजट अनुमान 2009-10 में 625 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
अस्पतालों का दर्जा बढेगा
वित्तमंत्री ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष के दौरान 100 करोड़ रुपये की लागत से गुड़गांव, हिसार, भिवानी, फरीदाबाद, सोनीपत एवं रोहतक में छह जिला अस्पतालों का दर्जा बढ़ाकर उन्हें स्टेट-ऑफ दी आर्ट बहु विशेषज्ञ अस्पताल बनाया जाएगा। आने वाले वषरें में शेष जिला अस्पतालों का दर्जा बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 300 करोड़ रुपये की लागत से जिला सोनीपत के खानपुर कलां में 500 बिस्तर वाले अस्पताल के साथ एक महिला मेडिकल कालेज भी स्थापित किया जाएगा और इसमें से 100 करोड़ रुपये की राशि आगामी वित्त वर्ष के दौरान खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि 500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ आगामी दो वर्षो के दौरान कस्बों में अच्छी एवं टिकाऊ जलापूर्ति एवं सीवरेज की सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में 16 कस्बों नामत: भिवानी, हांसी, जींद, महेन्द्रगढ़, नारनौल, नरवाना, सिरसा, थानेसर, टोहाना, उचाना, अम्बाला शहर, चरखी दादरी, पटौदी, समालखा, गोहाना एवं सोनीपत के लिए प्रस्तावित हैं। उन्होंने बताया कि मानसिक एवं शारीरिक रूप से अक्षम, बेसहारा महिलाओं, बच्चों एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष देखभाल प्रोत्साहन पैकेज के तहत समाज सेवी संस्थाओं का तंत्र विकसित किया जाएगा। इसके लिए अगले दो वषरें में इस कार्य पर 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि विशेष प्रोत्साहन पैकेज के तहत राज्य सरकार राज्यभर में ग्रामीण तालाबों के री-मॉडल का कार्य करेगी। प्रथम चरण में आगामी वित्त वर्ष में 1000 गांवों के तालाबों की री-मॉडलिंग की जाएगी। वित्त मंत्री ने ग्रामीण तालाबों के महत्व एवं केन्द्रीयता को उजागर करते हुए कहा कि इसके संसाधनों का नरेगा योजना के साथ तालमेल स्थापित करके 100 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि औद्योगिक श्रमिकों की आवास की समस्या दूर करने के लिए 25 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है जो आगामी वर्ष में खर्च की जाएगी। सरकार ने प्रोत्साहन पैकेज के तहत पुलिस कर्मियों के लिए आवास सुविधाएं सृजित करने हेतु 25 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की है। सरकार ने दो नव सृजित जिलों नामत: मेवात एवं पलवल में कर्मचारियों के लिए पर्याप्त आवास सुविधा के साथ-साथ सरकारी कार्यालय भवन स्थापित करने के लिए 50 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। सार्वजनिक निजी भागीदारी में बीओटी आधार पर मुख्य बस अड्डों का विकास एवं आधुनिकीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की लागत से फरीदाबाद में एक आधुनिक एवं प्रभावी इंट्रा-सिटी बस सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी। सरकार की सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर गुड़गांव में इंट्रा-सिटी बस सेवा स्थापित करने की भी योजना है।
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